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28 अप्रैल 2020

यह कोटा के तो जाहिल गंवार थे ,,जमाती तो सिर्फ कोरोना का आतंकवाद फैलाने के लिए हरकत में आये थे ,,,लेकिन झालावाड़ के डॉक्टर ,ज़िम्मेदार लोग तो पढ़े लिखे ,थे

यह कोटा के तो जाहिल गंवार थे ,,जमाती तो सिर्फ कोरोना का आतंकवाद फैलाने के लिए हरकत में आये थे ,,,लेकिन झालावाड़ के डॉक्टर ,ज़िम्मेदार लोग तो पढ़े लिखे ,थे , झालवाड़ में ,कुछ पढ़े लिखे लोग ,,चिकित्सा की गंभीरता को समझने वाले लोग ,,चिकित्सकों के खिलाफ अब कोनसा मुक़दमा दर्ज होना चाहिए ,,,,जानबूझकर ,,वैज्ञानिक चिकित्सकीय गंभीरता के जानकारों द्वारा यह फेलाव् ,, कथित पार्टी ,साथ खानपान किस अपराध की श्रेणी में आएगा ,,,लोग जानना चाहेंगे ,,, खेर एक सच यह भी है ,, के झालावाड़ में 23 तारीख के क्वारेंटाइन ,आइसोलेशन ,पोजेटिव ,नेगेटिव के एहतियात के उलंग्घन पर ,,किसी नरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय को इस घटना की ,,आइसोलेशन में लापरवाही ,साथ खाने ,पीने और संक्रमण बढ़ने की सम्भावनाये भी ज़ाहिर की थी ,नरेंद्र सिंह ने बातचीत में मनोहरपुरा गाँव के आइसोलेशन का भी ज़िक्र किया है ,जबकि इस व्यवस्था के लिए डॉक्टर संजय ने डॉक्टर दीपक गुप्ता का प्रबंधन होना कथन किया है , ,डॉक्टर संजय ने ,शिकायत कर्ता नरेंद्र सिंह की बात पूरी धैर्य ,संयम ज़िम्मेदारी से सुनी ,,बातचीत में उन्होंने ,कुछ ऐसे चिकित्स्कों के नाम भी उजागर करवाए ,,नरेंद्र सिंह को पत्रकार समझकर जब उन्होंने पूंछा आप किस अखबार के पत्रकार ,है ,तब नरेंद्र सिंह ने स्पष्ट भी किया के में पत्रकार नहीं आप नागरिक हूँ और चाहता हूँ यह संक्रमण नहीं फैले इसीलिए डॉक्टर दीपक गुप्ता साहब ने फोन नहीं उठाया तब चिकित्सा अधिकारी संजय किया ,ताज्जुब है ,डॉक्टर संजय ने जिस गंभीरता से बात की , उससे स्पष्ट है उन्होंने कोई कार्यवाही तो की होगी ,,सावधानी को लेकर उच्चस्तरीय लोगों को बताया भी होगा ,फिर यह लापरवाही क्यों हुई जो यह आँकड़ा बढ़ता गया ,, वार्ता का ऑडियो भी वायरल होता रहा है ,, कुछ पत्रकारों के पास भी यह ऑडियो वाइरल हुआ है ,, लेकिन कहते है न ,,बहाना कुछ भी हो ,यह तो होना ही था ,झालावाड़ ज़िले में एक तरफ तो नर्सिंग स्टाफ की बगावत इस्तीफे का बवाल है ,,दूसरी तरफ यह संक्रमण एक दूसरे से परस्पर फैलने की हिस्ट्री के बाद ,,गंभीर क़दम उठाने की ज़रूरत हो गयी है ,,,विशेष हॉटस्पॉट निगरानी स्थल बनाने की ज़रूरत हो गयी है ,,जिला स्तरीय आपदा प्रबंध अधिनियम ,, महामारी अधिनियम केंद्र और राजस्थान के विधिक प्रावधान ,कोरोना रोकथाम एडवाइज़री के तहत जाँच और ज़िम्मेदारों की गैर ज़िम्मेदारी के निर्धारण की भी ज़रूरत बढ़ गयी है ,क्योंकि कोरोना पढ़ा लिखा हो ,,कथित रूप से कोरोना जेहादी जमाती हो ,कथित रूप से बिना पढ़े लिखे उत्पाती लोग हों ,गायिका कनिका जी हों ,सभी की लापरवाही से फैलता है ,,इस मामले में ज़रा भी असावधानी गंभीर होती है ,सावधानी हठी के दुर्घटना घटी की कहावत चरितार्थ होती है ,,झालावाड़ में कोरोना की इस नादानी को बुद्धिजीवी ,कथित बुद्धिजीवी ,,पत्रकार ,ओरिजनल पत्रकार किस गंभीरता से देखते है ,क़ानूनी सिस्टम क्या होता है ,यह तो वक़्त की बात है ,लेकिन बस खुदा से यही दुआ है के इस नादानी से ,,कोरोना संकट में बढ़ोतरी न हो ,,,खुदा झालावाड़ निवासियों ,कोटा निवासियों ,राजस्थान निवासियों ,पुरे भारत वासियों और विश्व के निवासियों को इस संकट से महफूज़ रखे ,,मुक्त रखे ,फिर से हर जगह खुशियां हों ,किलकारियां हो ,प्यार , हो , मोहब्बत हो ,चुटकियां हो ,तकरार हो ,एक दूसरे की मदद हो ,,त्योहार हो ,,तीज हो ,,शादियां हो ,पार्टियां हों सभी का हाथ एक दूसरे के साथ हो ,,आमीन ,,सुम्मा आमीन ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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