My name is corona , i am not good i am devil ,i am death ,, जी हाँ
दोस्तों एक फिल्मी डायलॉग की तरह ,,माई नेम इस कोरोना ,,आई एम नॉट गुड ,आई
ऍम डेविल ,,यानी राक्षस ,,शैतान ,,,जी हाँ दोस्तों में हूँ ,,,विश्व
स्तरीय जानलेवा बीमारी , कोरोना वाइरस ,,जिसने विश्व की सभी महाशक्तियों
के गुरुर को ज़मीन पर ला दिया है ,जो लोग खुद को , खुदा से बढ़ा खुदा समझ रहे
थे ,ज़िंदगी और मोत के ठेकेदार समझ रहे थे ,वैज्ञानिकों के चमत्कार ,
चिकित्सकों की दवाइयां ,,परमाणु बम की दादागिरी , हथियारों की होड़ में लगे
थे ,,वोह सब आज मेरे खौफ के आगे नतमस्तक है ,एहतियात के सिवा उनके पास कोई
दूसरा रास्ता नहीं है ,, मुझ कोरोना के पहले भी कई महामारियां ,प्लेग वगेरा
आयीं ,,यह सब खुद को जब लोग खुदा से बढ़ा समझने लगते है ,नफरत बाज़ काला
गोरा ,हिन्दू मुस्लिम ,,अमीर गरीब ,,छोटा बढा कहकर मार काट करते है ,,एक
दूसरे को नीचा दिखाकर ,खुद को बढ़ा साबित करने की होड़ में लगते है ,तब खुदा
का क़हर ,टूट पढ़ता ,है , और मुझ जैसी ,कोरोना जानलेवा बीमारी को ,मुझ जैसी
शैतान बीमारी को खुली छूट मिलती है ,,तब लोग मंदिर के दरवाज़े ,मस्जिद के
दरवाज़े ,दरगाहों ,बाबाओं ,,पीर ,फ़क़ीर ,संतों ,,डॉक्टरों तक से बदल जाते है
,,,में भीड़ वाले इलाक़े में मौजूद हूँ ,कभी भी तुम्हारे पर हमला कर सकता हूँ
,तुम जैसे एक दूसरे में नफरत का वाइरस भर कर दूसरे के खिलाफ नफरत फैलाते
हो ना ,ऐसा ही में कोरोना वाइरस हूँ ,एक दूसरे से एक दूसरे में जाता हूँ
,हाथ मिलाओगे मर जाओगे ,खांसने वालों ,छींकने वालों से एहतियात नहीं
बर्तोगे , अपनी बीमारी को छुपाओगे ,,तुरतं सरकार की मदद नहीं लोगे ,
डॉक्टर्स को नहीं दिखाओगे ,,तो समझ लो तुम ,तुम्हारे सम्पर्क फिर सम्पर्कों
के सम्पर्क वाले सभी गए काम से , यह सिलसिला चलता रहेगा ,एक से लेकर दो
,,दो से लेकर चार ,चार से लेकर दस ,,फिर बीस ,,पचास ,सो ,हज़ार ,लाखों तक
,मुझे ,,मेरे क़हर को तुम रोक नहीं सकते ,सिर्फ इसके लिए मुझे अगर रोकना है
,तो धैर्य ,संयम ,अनुशासन ,प्यार ,मोहब्बत एक दूसरे की मदद ,लिहाज़
,चिकित्स्कीय व्यवस्थित कंट्रोल ,,हाथ धोकर मेरे पीछे पढ़ना ही इसका इलाज है
,, वर्ना तुम पर क़हर बनकर में टूटूंगा ,तुम्हारी सरकार क्या हैं
,,अस्पतालों में मेरी जांच के उपकरण नहीं ,,मुझ से निपटने के लिए विशेषज्ञ
नहीं , दवाये नहीं ,,भामाशाह मुझ से बचने के लिए ,मास्क वगेरा किट लोगों तक
पहुंचाने में सक्षम नहीं ,में कोरोना हूँ या फिर ज़ुकाम ,में बुखार हूँ या
फिर खुद कोरोना ,यह पता लगाने के लिए तुम्हारे पास हर ज़िले में ,,जांच की
मशीने भी तो नहीं ,तुम्हारे यहाँ रचनात्मक काम करने वाले कम ,भाषण बाज़ी
करने वाले ,बढ़ी बढ़ी बातें सिर्फ जुबां से करने वाले नेता ज़्यादा है ,मेरे
प्रकोप में भी कुछ नेता राजनीति तलाश रहे है ,तो कुछ चेनल्स ,अखबार
विज्ञापनः की कमाई के पीछे है ,तो कुछ दवा वाले ,मास्क वाले ,सेनेटाइज़र
वाले ,,ब्लैकमार्केटिंग कर करोड़ों कमा रहे है ,,,उन्हें पता नहीं मेरा
प्रकोप उन्हें ,उनके परिजनों को कब घेर ले ,इन सामानों में भी गुणवत्ता का
अभाव है ,,किराने वाले ,दूध वाले ,,सब्ज़ी बाले तो ब्लेकमेलर हो गए है
,,मज़दूर रो रहे है ,नियमित मज़दूरी खत्म ,,भूखे मरने की नौबत है ,जहाँ बच्चे
परिवार से अलग पढ़ने गए है ,उनकी हालत मेरी वजह से ,सिर्फ मेरी वजह से
परेशानी में पढ़ी है ,,मुझे खतरा है तो सिर्फ धैर्य से संयम से एहतियात से
,जनता कर्फ्यू से ,,खुद को खुद से संभालने वालों से ,अनुशासित लोगों से
,,मुझे सबसे बढ़ा खतरा ,भारत में चिकित्सकों ,नर्सिंग स्टाफ के समर्पण भाव
से है ,कमबख्त ,अपनी जान की परवाह किये बगैर ,कई घंटे ,मुझ से बचने के
दमघोटू लिबास में रहकर ,मुझ से प्रकोपित लोगों को बचाने की कोशिशों में
जुटे है ,यह सेवा भावी चिकित्सक ,नर्सिंग स्टाफ ,,मेरे जबड़ों से ,मेरे
प्रकोप से ,,हज़ारों हज़ार लोगों को रोज़ निकाल रहे है ,,भगवान के मंदिर में
,,मस्जिद में तुम्हारा बचाव कितना है ,मुझे पता नहीं ,लेकिन इन चिकित्सकों
,,नरसिंह स्टाफ की निर्भीकता ,,खुद की जान को जोखिम में डालकर मुझ से
मुक़ाबला करने की कोशिशें ,तुम्हे मुझ से बचा रही है ,,,मुझे प्रशासनिक
अधिकारी ,पुलिस के अधिकारियों जवानों से भी खतरा है ,,,वोह घर घर घूम रहे
है ,सड़कों पर भीड़ एकत्रित होने नहीं दे रहे ,,,उनकी नींदे हराम है ,लेकिन
वोह मुझ से बचाने के लिए तुम्हारे लिए सड़को पर मेरे संक्रमण से मुक़ाबला कर
रहे है ,,मुझे कहा था ,तुम्हारे देश में ,हिन्दू के लिए मुस्लिमों की नफरत
है ,मुस्लिमों के लिए हिन्दुओं की नफरत है ,, कंग्रेस का भाजपा से ,,भाजपा
का कांग्रेस से झगड़ा है , इसीलिए में कोरोना ,बढे आराम से इनका फायदा
उठाकर ,तुम्हारे देश में क़हर बनकर टूटने की ताक़त से आया था ,लेकिन सब झूंठ
था , यहाँ जब में पहुंचा तो थोड़ी बहुत नफरत ,थोड़ी बहुत कांग्रेस ,भाजपा
,सपा ,बसपा थी ,लेकिन अब तो सभी में प्यार है ,मोहब्बत है ,एक दूसरे की मदद
का जज़्बा है ,, न कांग्रेस है ,न भाजपा है ,,सभी लोग एक जुट होकर मुझ से
मुक़ाबला कर रहे हो ,तुम झूंठे हो ,फरेबी हो ,नफरत के वाइरस का झांसा दिया
,मुझे मौक़ा दिया ,फिर सब एक जुट हो गए ,सब एक जुट होकर लठ लेकर मेरे पीछे
पढ़े हो ,, मुझे बेबस ,,लाचार कर रहे हो ,,जनता कर्फ्यू ,सेल्फ कर्फ्यू
,सेल्फ हाउस आइसोलेशन ,,एहतियात ,,प्यार ,मोहब्बत ,,सियासी पार्टियों का एक
दूसरे के साथ मिलकर मुझ से मुक़ाबला ,,तुम्हारा धोखा ही तो है ,,में घबरा
रहा हूँ में कोरोना समझकर खुद को यमराज समझने लगा था , अब में बेबस और
लाचार हो चला हूँ ,फिर भी में कोशिश तो करूँगा ,कोरोना हूँ ,,क्या पता
तुम्हारे सावधानी हटे और दुर्घटना घटे ,, क्या पता तुम्हारी अटूट एकता में
फिर से नफरत का वाइरस पैदा हो जाए , क्या पता फिर से सियासत में कांग्रेस
भाजपा हो जाए ,क्या पता तुम खुद का अनुशासन ,,सेल्फ कर्फ्यू ,, आइसोलेशन
,एहतियात ,, ,जागरूकता भूल जाओ ,,बस इसी लिए में कुछ दिन रुक कर तो
इन्तिज़ार करूंगा ,फिर भी अगर तुम अटूट एकता में रहे , एहतियात में रहे
,जागरूक रहे ,,एडवाइज़री को पूरा पालन करते रहे ,,नफरत वाइरस से बचकर
मोहब्बत के साथ रहे , दूसरे के मददगार रहे ,सरकार ,और राज्यों की सरकारें
,मुझ कोरोना वाइरस की जांच जिलेवार ले आये ,मास्क मुफ्त में देने लगे
,मुफ्त जांच ,मुफ्त इलाज करवाए ,संक्रमण से बचाने से सभी उपाय लागू करवाए
,भूखों को रोतीं ,मज़दूरों को मज़दूरी खत्म होने की क्षतिपूर्ति दें ,भविष्य
के लिए मुझ कोरोना से ,मेरे जैसे और डैविलों बीमारियों से बचने के लिए
,,एड्वांस उपाय करे ,अस्पतालों में उपकरण ,जांच उपकरण ,स्टाफ ,विशेषज्ञों
की व्यवस्था करे ,तो फिर मेरी तुम से लड़ने की हिम्मत नहीं ,मुझे तो यहां
से नो दो ग्यारह होना ही होगा ,,तुम्हे टाटा ,बाय बाय नहीं ,बल्कि अलविदा
,अलविदा कहना ही होगा ,,लेकिन फिर भी में संघर्ष करूँगा ,तुम्हारी सावधानी
हटे और दुर्घटना घटे वाली ी कहावत का इतंज़ार , करूँगा में रुका हूँ
तुम्हारे दरवाज़े से थोड़ी सी दूर ,दस्तक दे रहा हूँ ,तुमने दरवाज़ा खोला
,,तुमने लापरवाही बरती ,तुमने नफरत के वाइरस को ,,पक्षपात के वाइरस को
,कांग्रेस भाजपा ,हिन्दू मुस्लिम को जगाया तो में आया ,में आया ,,फिर मुझ
से तुम्हे कोई नहीं बचा सकता ,,और हाँ तुम मूर्तियों पर , मंदिरों
,मस्जिदों पर ,,चर्च ,गुरुद्वारों पर खूब खर्च करते हो ,अस्पतालों पर भी
खर्च किया होता ,तो मेरी क्या औक़ात जो में ,क़हर बनकर तुम पर टूट सकता
,,ज़रा सोचो ,,,में तुमसे क्यों मुक़ाबले में हूँ ,में तुम्हारा नुकसान करने
में सक्षम क्यों हुआ ,और मुझे हराने में तुम्हारी क्या कामयाबी ,है ,
कोनसी ,एकता ,कोनसा संघर्ष है ,ज़रा सोचो ,ज़रा सोचो ,,सोचना ज़रूर ,,,ताकि
में भी सोचूं , में कोरोना ,मेरी तरह और दूसरी परेशानियां ,,तुम्हारे यहाँ
भविष्य में आने की सोचें या नहीं ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)