आपका-अख्तर खान

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03 मार्च 2020

तुम्हारी नफरत,

तुम्हारी नफरत,
तुम्हारी बेवफाई,
तुम्हारा झूँठ , तुम्हारा फरेब
में जिंदा हूँ , शुक्रिया,
में कब का
मर गया होता
जो वफ़ा , जो प्यार
तुमने मुझ से क्या होता,
शुक्रिया , शुक्रिया, शुक्रिया, अख्तर

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