यह
हौसलों की उड़ान है ,के अपने से बिछड़ने के गम में ,,,बिलखते ,,सिसकते
,आंसुओं में तरबतर माहौल में ,,मासुम बेटों के हाथों ,,बच्चे पढ़ाने के लिए
एक स्कूल के सपने को साकार किया गया ,,टोंक अमीरिया खानदान , के साहिबज़ादे
इक़बाल खान के ,नौजवान पुत्र युसूफ खान ,खूबसूरत ,खूबियों से सराबोर हर दिल
अज़ीज़ ,शख्सियत जो मेरे अपने भी जिगर के टुकड़े भांजे थे ,,,अचानक बीमार हुए
,,,कोशिशें नाकामयाब हुई ,सभी के अरमान ,ख्वाहिशे ,रोंदते हुए ,हमे रोता
बिलखता जवानी में ही छोड़कर चले गए ,,छोड़ गये ,अपनी यादे ,,अपने साथ गुज़ारे
हुए ,पल ,और एक ख्वाहिश , ,शरीक ऐ हयात के लिए एक हुक्म ,बच्चों को पढ़ाने
के लिए ,एक स्कूल ,,बेहतरीन स्कूल ,,बस हुक्म था ,ख्वाहिश पूरी होना थी
,रोते ,,बिलखते ,गमज़दा हालातों में ,हौसलों की उड़ान रही ,,हिम्मत रही
,,युसूफ की यादों का हौसला रहा ,,और इक़बाल खान की मदद से ,,, युसूफ की
शरीक ऐ हयात ,साहिबजादी रानी तलाह युसूफ ,,ने करीम नगर ,खो नागोरियान ,,आई
टी आई कॉलेज ,जयपुर में ,अमीरिया केम्पस तैयार किया ,इस केम्पस में
,,अमीरिया स्कूल ,की शुरुआत की गयी ,,आज ,युसूफ खान ,की योम ऐ पैदाइश थी
,उनकी यादें ताज़ा हुई ,,आज ही के दिन उनकी ख्वाहिश को परवान की पहली
उड़ान देते हुए ,अमीरिया केम्पस में ,अमीरिया स्कूल की शुरुआत ,,युसूफ के दो
मासूम बच्चे ,,अयान ,, रेयान से करवाया गया ,बचपन हर गम से बेगाना होता
है ,लेकिन फिर भी उन्हें अपनों के बिछड़ने का अहसास होता है , एक मार्मिक
माहौल ,,गमज़दा हालात ,लेकिन रोते ,बिलखते आंसुओं के बीच ,अपने के बिछड़ जाने
के साथ ,अपने की ख्वाहिश पूरी करने ,अपने की ख्वाहिश के मुताबिक़ ऊँची
शाहीन की तरह परवाज़ की शुरुआत में हौसले की उड़ान भरने की शुरुआत ,कामयाबी
की पहली सीढ़ी है ,इस शुरुआत की गवाह रुखसाना इक़बाल ,हैदर खान ,क़ज़ल हैदर
,,इमरान खान ,सहित सभी घरवाले ,रिश्तेदार ,दोस्त ,,आहबाब हमदर्द रहे
,,,अमीरिया स्कूल की चेयरमेन श्रीमती रानी युसूफ तलहा ने बताया अभी इस
स्कूल में नरसरी से लेकर प्राइमरी तक ,,आधुनिक उपकरणों के साथ बच्चों को
शिक्षा देने की शुरआत की गयी है ,जो दूसरी शिक्षण संस्थाओं से बिलकुल अलग
,यहाँ बच्चों के लिए पारिवारिक माहौल है ,खेल खेल में बच्चों को पढ़ाने के
लिए प्रशिक्षित शिक्षक है ,,यहां बच्चों के साथ बच्चे बनकर शिक्षक ,बच्चों
को उनकी शारीरिक विकास की ज़रूरतों के मुताबिक़ ,खान पान ,डाइट देने के लिए
भी प्रशिक्षित है ,,बच्चों को हौसलों की कहानियों ,, प्रेम सद्भाव के साथ ,
राष्ट्रिय एकता ,राष्ट्रिय अखंडता ,,देश के लिए ,जीना देश के लिए मरजाने
का जज़्बा रखने की सीख ,,पहली शिक्षा है ,,,,चेयरमेन रानी युसूफ ने इस मौके
पर अपने पिता तुल्य ससुर इक़बाल खान ,,माता तुल्य सासु श्रीमती रुख़्साना
इक़बाल ,,बहन की तरह देवरानी क़ज़ल हैदर ,छोटे भाई की तरह देवर ,,हैदर खान
,,इमरान खान , उनके अपने जिगर के टुकड़े ,,अयान ,रेयान का भी शुक्रिया अदा
किया ,,रानी युसूफ ने ,इस स्कूल के काम में हर मददगार ,रिश्तेदार ,हमदर्द
,आर्किटेक्ट ,स्टाफ ,डिज़ाइनर ,पाठ्यक्रम प्रभारी ,,अपनी अम्मी मेमिस खान
,,वालिद अप्पू भाई ,,भाई ,बहनों का भी शुक्रिया अदा किया ,सभी ने इन मासूम
अयान ,रियान ,द्वारा अमीरिया स्कूल के उद्घाटन के रिबन काटने के साथ ही
बोझिल माहौल में ,इस अमीरिया स्कूल की कामयाबी की दुआएं की ,,सभी ने रानी
युसूफ को हौसले के साथ ,प्राइमंरी स्कूल को ,मिडिल स्कूल ,सेकडंरी ,फिर
हायर सकेंडरी फिर कॉलेज स्तर तक की शिक्षा की बुलंदियों की ऊंचाई तक जल्द
पहुंचने की दुआए की ,सभी बोलिये आमीन आमीन ,सुम्मा आमीन ,,, अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)