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30 मार्च 2020

असम्भव को सम्भव करने के कामयाब प्रयासों में जुटे है ,कोटा के कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हज़ारों हज़ार है ,हर ज़िले में कलेक्टर है ,लेकिन कलेक्टर होना ,और कलेक्टर की तरह ,कुशल प्रबन्धन, समन्वय ,,गांधीगिरी से काम करना हर किसी प्रशासनिक अधिकारी के बूते की बात नहीं ,,लेकिन इस असम्भव को सम्भव करने के कामयाब प्रयासों में जुटे है ,कोटा के कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा ,जो ना काहू से दोस्ती ,ना काहू से बेर ,, सिर्फ टीम भाव ,टीम की बेहतरीन लीडरशिप ,,गांधीगिरी ,समझाइश ,समस्याओ का अध्ययन और उनके समाधान पर रिसर्च के बाद ,उनका ऑपरेशन ,उनका समाधान ही ओम कसेरा का उद्देश्य है ,,जी हाँ दोस्तों ,कोटा जो वर्तमान कोरोना हालातों में बारूद के ढेर पर है ,,,यहां सभी राज्यों ,दूरदराज़ इलाक़ों से आये ,,लाखों कोचिंग छात्र ,, हज़ारों दैनिक वेतन भोगी मज़दूर ,,हज़ारों दैनिक कमाने वाले ,,थड़ी होल्डर्स ,, खुली मज़दूरी करने वाले मज़दूर ,लघु उद्योग ,,कृषक मज़दूर ,,किसान है ,,सभी की अलग अलग समस्याएं है ,,कोटा वैसे भी ज्ञान पेलने वाले ,ज्ञापन देने वाले समझदारों का शहर है ,यहाँ राजनीतिक रस्साकशी भी है ,शीर्षतम स्तर के नेता ,दबंग नेता ,,कोटा में है ,,ऐसे में कोरोना संकट के वक़्त ,सभी को अपने साथ लेकर ,सभी की व्यवस्थाओं के साथ ,,जिस तरह से कोटा जिलाकलेक्टर ने अब तक व्यवस्थाएं की है ,कर्मचारियों ,अधिकारीयों , दानदाताओं ,समाजसेवकों को मोटिवेट किया है ,,समस्याओं को सुना , उनका समाधान किया है ,,पीड़ित बीमार को तत्काल चिकित्सा व्यवस्था ,,संदिग्ध को समझाबुझाकर ,उसका नाम गुप्त रखते हुए ,उसका क्वारंटाइन ,, जांच ,कोटा में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं होने पर भी झालावाड़ से जांच का कोऑर्डिनेशन ,फिर कोटा में कोरोना जांच की व्यवस्थाएं लागू करवाना ,, भामाशाहों को शामिल कर , खाद्य सामग्री वितरण प्रबंधन , मुख्यमंत्री कोष में करोड़ों की स्वेच्छिक दान व्रद्धि ,कोटा कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा की प्राथमिकताएं रही है ,,कोरोना से जंग लड़ने के लिए जंगजू सिपाहियों में पुलिस के जवान ,पुलिस अधिकारी ,,कर्मचारी ,कंट्रोल रूम कर्मचारी ,पुलिस अधिकारी ,समाजसेवक , चिकित्सा कर्मी ,डॉक्टर्स , मिडिया कर्मी सभी दिन रात मेहनत में लगे ,है लेकिन खुद जिला कलेक्टर कसेरा भी कई रातों से सोये नहीं है ,,वोह दिन रात भूखे प्यासे रहकर ,,लोगों तक मदद कैसे पहुंचे ,कैसे कोटा का प्रशासन चुस्त दुरुस्त चाक चौबंद रहे ,कोटा में कोरोना वाइरस का संक्रमण भी न हो ,कोरोना एड्वाज़री की पालना भी हो ,खाद्य सामग्री ,आवश्यक वस्तुओं की कमी भी न रहे ,,लोगों में चिंता ,घबराहट परेशानी न हो ,इसके लिए भी कोटा कलेक्टर ने लगातार स्थिति का जायज़ा लेकर समन्वय स्थापित किया है ,,कोटा में समाजसेवकों द्वारा खाना वितरण ,,मुख्यमंत्री सहायता कोष में कलेक्टर की प्रेरणा से अधिक से अधिक भामाशाहों द्वारा सहायता दिए जाने को लेकर उनका उत्साहवर्धन ,क़ाबिले तारीफ़ है ,,कोचिंग के छात्र जो रोज़ हज़ारों की तादाद में कोटा से अपने ग्रह ज़िले में जाने के लिए आतुर है ,, ज़रूरतमन्दों को उनके घर पहुंचाना ,गैर ज़रूरत तरीके पर चिंतित होकर जाने का प्रयास करने वाले छात्र छात्रों को समझाइश कर ,कोटा में ही रोकना ,,सभी छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य खान पान का संरक्षण ,,देहाड़ी मज़दूर ज़रूरतमंदों की चिंता कर ,भामाशाहों से उनकी बस्तियों में खाने के पैकेटों का व्यवस्थित वितरण के प्रयास , किराना सामग्री के कालाबाज़ारियों के खिलाफ कार्यवाही ,,न्यायिक कामकाज में समन्वय ,,चुनौतीपूर्ण कार्य होने के बावजूद ,कलेक्टर ओम कसेरा अपनी वफादार टीम के साथियों के साथ लगातार बखूबी निर्वहन कर रहे है ,,,शांत स्वभाव ,हर समस्याग्रस्त व्यक्ति की सुनवाई ,,उसके समाधान के प्रयास इनकी प्राथमिकता है ,,हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब एक पेंशन मामले की ढिलाई को लेकर विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग में कोटा कलेक्टर को आगाह किया ,तो कलेक्टर अपने कार्यालय से उठे ,उस ज़रूरतमंद के घर गए ,अपने खुद के पास से तत्काल पांच हज़ार रूपये की मदद ,,और तत्काळ पेंशन की स्वीकृति के निर्देश अधिकारीयों को दिए ,,,कोटा कलेक्टर ओम कसेरा के बेहतर प्रबंधन के बावजूद भी अगर कोई निजी स्वार्थों के चलते ,आलोचना प्रकाशित या प्रसारित करता है ,तो वोह नोटिस नहीं लेते ,, पूर्व कलेक्टरों के उदाहरणों की तरह ऐसे लोगों से दो दो हाथ नहीं करते ,मुस्कुराते है और भूल जाते है ,,फिर से गांधी विचारधारा के तहत गांधीगिरी, प्रशासनिक व्यवस्था के साथ, लोगों के बीच समस्याओं के समाधान के लिए मौजूद रहते है ,,कलेक्टर ओम कसेरा वर्तमान कोरोना के खिलाफ कोटा में एक योद्धा ,एक जंगजू सिपाहियों के कमांडर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है ,वोह चाहते है ,, लोगों में घबराहट भी न हो ,लोग चिंताग्रस्त भी न हो ,लोग कोरोना के खिलाफ जंग में स्वेच्छिक मददगार बने ,,,सड़कों पर लोग बेवजह न आये ,वोह चाहते है ,पुलिस को प्रशासन को सख्ती भी न करना पढ़े , वोह किराना ,दूध ,चिकित्सा ,मेडिकल सहित खाद्य सामग्री के लिए अल्पसमय की कोरोना एडवाजिरी सोशल डिस्टेंस के साथ छूट भी दे रहे है ,आपदा व्यवस्था ,लोगों के आकस्मिक निधन ,उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं ,बाहर आवाजाही को लेकर भी वोह संवेदनशील होकर ,कोरोना एडवाजिरि की वार्निंग ,सोशल डिस्टेंस की साक्षरता के साथ ऐसे लोगों को छूट दे रहे है ,,एक कुशल प्रशासक ,कुशल समन्वयक ,कुशल सामाजिक सरोकार प्रबंधन ,,छात्रों ,मज़दूरो ,,दैनिक मज़दूरी पर काम करने वाले लोगों के लिए हमदर्द ,,ज़रूरतमंदों के लिए मददगार ,हर वक़्त ,लोगों के लिए खुद ,अपने अधीनस्थ कर्मचारियो अधिकारीयों के साथ उपस्थित रहने वाली कलेक्टर ,ओम कसेरा को सेल्यूट ,,,बधाई ,,,उनके ऐसे कार्य के लिए उनकी ,उनकी अधीनस्थ टीम की हौसला अफ़ज़ाई तो बनती है ,एक प्रार्थना कोटा सहित राजस्थान ,पूरा हिंदुस्तान ऐसी व्यवस्थाओं से कोरोना मुक्त हो फिर से हंसती खेलती ज़िंदगी निर्भीक ,निडर होकर ,पटरी पर लोटे ,सड़कों पर बाज़ारों की रोनक् हो ,,उद्योग चले ,विकास कार्य चले ,,खुशियां लौटें ,सभी स्वस्थ रहे ,मस्त रहे ,आर्थिक तंगी के दौर से मुक्ती मिले ,ऐसी दुआ भी ,,आप सभी के साथ ,आप सभी के लिए ,.,कुछ दिन घर में रहिये ,स्वस्थ रहिये ,मस्त रहिये ,,दूसरों को भी घर से बाहर निकलने से रोकिये ,खुद भी कोरोना के खिलाफ योद्धा बनिये और जो लोग कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे है ,व्यवस्थाओं में जुटे है ,उनका सम्मान कीजिये ,उन्हें सेल्यूट कीजिए ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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