दिल वालों की दिल्ली ,,खुशनुमा दिल्ली ,,देश की राजधानी दिल्ली ,,केंद्र
सरकार का मुख्यालय और केंद्र सरकार के अधीनस्थ आज़ाद राज्य के दर्जे के लिए
फड़फड़ा रही दिल्ली ,,,जहां बस्ती थी खुशियां ,,आज नफरत और मातम है ,वहां
,,तलाश ऐसे लोगों की नहीं जिन्होंने इस दिल्ली को ज़ारों क़तार किया ,इस हाल
में किया ,,पहले से ही तय शुदा है लोग ,जिन पर यह सब इलज़ाम है ,,सब
गिरफ्तारियां हो रही है ,,बेहिसाब मौतें ,घायल ,करोड़ों करोड़ की सम्पत्तियाँ
जल कर राख ,बच्चों के एक्ज़ाम प्रभावित व्यापार चौपट ,,,, भाजपा सांसद
ईमानदारी से बोलते है ,गंभीरता से बोलते है कपिल मिश्रा जैसे लोगों के
खिलाफ मुक़दमा दर्ज होना चाहिए ,,फिर हाईकोर्ट बोलती है ,, मुक़दमा दर्ज होना
चाहिए ,, मुक़दमा तो दर्ज नहीं होता ,लेकिन हाईकोर्ट जज का ट्रांसफर हो
जाता है ,,पुलिस की अजीब दलील होती है ,,अभी दिल्ली के ऐसे हालात नहीं के
मुक़दमा दर्ज किया जा सके ,,मीडिया बिकाऊ मीडिया दंगे के आरोपियों को नामज़द
,ज़िम्मेदार बताकर फैसला सुनाता रहा है ,, दिल्ली के यह हालात ,यह गठबंधन
दिल्ली के लिए ही नहीं देश के लिए खराब है ,बद से बदतर है ,,अफ़सोस इस बात
पर है ,, के दिल्ली की खुफिया पुलिस ,,पुलिस की मुखबीर प्रणाली , पूर्व
सूचनाएं ,,दिल्ली सरकार द्वारा क़दम क़दम पर रखे कैमरों की रिकॉर्डिंग
सार्वजनिक हो रही है ,लेकिन दिल्ली सरकार सभी कैमरा रिकॉर्डिंग ,सूचीबद्ध
कर रिकॉर्ड तैयार कर ,ज़िम्मेदार लोगों की रिपोर्ट बनाकर ,पुलिस को सुपुर्द
करने में असमर्थ रही है ,पुलिस ने ही कैमरे रिकॉर्डिंग हथियाई है ,,,कोन
ज़िम्मेदार है ,हमलावर है ,,दिल्ली चुनाव के पूर्व उकसाने वाले है ,अभी तक
तो उनकी सूचि सामने नहीं आयी है ,,बाहर के लोग कोन थे ,,केंद्रों में
पत्थरबाज ,, हमलावर ,हमलावरों को लीड करने वाले ,लोगों को मारने वाले
,,लोगों की दुकाने धर्मस्थल जलाने वाले कैमरे में खुलासा होने के बाद भी
कोन है कहाँ है खुलासा नहीं है , दिल्ली सरकार नाकारा साबित हुई ,इस सरकार
का अल्पसंख्यक विभाग ,,गृहमंत्रालय ,वक़्फ़ बोर्ड ,,देवस्थान विभाग ,,
पुनर्वास विभाग ,,आपात प्रबंधन विभाग ,,समाजकल्याण विभाग पूरी तरह से
निकम्मा नाकारा साबित हो गया है ,लेकिन केंद्र सरकार के अधीनस्थ उनके यह
विभाग भी खामोश है ,, दिल्ली में जो कुछ हुआ ,वोह खतरे की घंटी है ,,एक
सोची समझी ,भड़काऊ साज़िश है ,,दिल्ली की इस घटना के पहले चाहे केजरीवाल हो
,चाहे ,,भाजपा के नेता ,प्रधानमंत्री गृहमंत्री ,विधायक ,सांसद ,मंत्री ,,
विधायक उम्मीदवार हों ,,कांग्रेस के नेता हो ,आप पार्टी के नेता हों ,जो
कोई भी हो ,उनके बयानों की जो खुद इस बिकाऊ मीडिया के चैनलों ने चटखारे
लेकर चलाये है ,उनकी समीक्षा ईमानदारी से अगर हो ,और इस मामले में
ज़िम्मेदारी तय की जाये तो शायद महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग ,,,ऊँचे ओहदे
के लोग ,बढे बढे पार्टी के नेता ,,कुछ चैनल पत्रकार , उनका प्रसारण
,,पार्टी के ज़िम्मेदार लोग इस दंगे की तैयारी के हीरो अपराधी साबित होकर
जेल की सींखचों में हो ,रही बात , दंगाइयों की ,उनकी तैयारी की तो दिल्ली
सरकार की लापरवाही ,उस सरकार के कैमरों की रिकॉर्डिंग बहुत कुछ सच्चाई
बयान करती है ,इस में जो भी उकसाऊ ,,फसाद करते नज़र आ आरहे है वोह कोई भी हो
बचना नहीं चाहिए ,न्याय यही कहता है ,,,राजधर्म यही कहता है ,, लेकिन
राजधर्म निभाने के लिए कलेजा चाहिए ,ईमानदारी ,निष्पक्षता चाहिए ,,,,दिल्ली
के दंगाई ,,दिल्ली में दंगा फैलाने इसके लिए महीनों से उकसाकर माहौल खराब
करने वाले बढे बहे नेता तो बच जाएंगे ,कई लोग बच जाएंगे फिर वोह इस बचाव के
बाद अपनी हौसला अफ़ज़ाई समझकर ,दिल्ली के बाद देश के दूसरे इलाक़ों में इस
फार्मूले को आज़माइश के लिए ले जायेंगे ,लेकिन नुकसान तो देश का होगा ,,देश
के नागरिकों का होगा ,, सम्पत्ति देश की जलेगी ,रोज़गार देश के प्रभावित
होंगे ,नफरत के माहौल में देश का विकास का चक्र प्रभावित होगा
,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब होगी ,,मीडिया को तो चुप रहने ,
बोलने के बदले बहुत कुछ मिल जाएगा ,,नौकर चाकर मिडिया कर्मी तो पदमश्री
जैसे प्रुस्कारों के इन्तिज़ार में निष्पक्षता को दांव पर लगा देंगे
,,लेकिन यह सी सी टी वी कैमरे यह भाषणबाज़ी के वीडियो तो मुंह से बोलते है
,,क्या इन मामलों में देश के साथ हेट स्पीच ,हेट वर्कर ,,हेट वर्कर लीडरों
के खिलाफ कार्यवाही नहीं होना चाहिए ,फिर वोह शख्स अगर प्रधानमंत्री हो
,गृहमंत्री हो ,,मुख्यमंत्री हो ,सांसद हो ,विधायक हो ,पार्टी का अध्यक्ष
हो ,प्रतिपक्ष हो ,पदाधिकारी हो ,जो भी हो देश से बढ़कर इनके ओहदे ,इनके
बचाव ,,नहीं है ,देश को पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हटकर ऐसे लोग जो इसके लिए
ज़िम्मेदार है ,भविष्य में भी यह देश के लिए खतरा है ,उनके खिलाफ कार्यवाही
के लिए देश की जनता को ,अमन पसदं नागरिकों को ,,ईमानदार पत्रकारों ,लेखकों
,सोशल मिडिया एक्टिविस्टों को ,,सभी को एक जुट होकर कार्य करना चाहिए
,खासकर ज्यूडिशियरी में बैठे लोग ,,आई ऐ एस ,,आई पी एस ,प्रशासनिक अधिकारी
,कर्मचारी ,पुलिस अधिकारी ,ऐसे मामलों की तफ्तीष में लगे लोग ,सच उजागर कर
इस देश के बढ़ते हुए नफरत के खतरे को ,,नफरतबाज़ों को ट्रेस कर ,उन्हें
बेनक़ाब कर ,उन्हें सज़ा दिलवाकर ,ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने वाले
पत्रकारों को ,मीडिया एक्टिविस्टों को सज़ा दिलवाकर इस देश को बचाने की पहल
कर सकते है ,आपका एक सच देश को बचा सकता है ,इन हालातों में भी आप अगर सब
कुछ देखकर ,समझकर ,पक्षपात के साथ हो ,नफरतबाज़ों के समर्थक हो ,तो यह देश
आपको मुझे ,कभी माफ़ नहीं करेगा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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