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21 मार्च 2020

दोस्तों मे कोरोना ,,कोरोना के इलाज की बात नहीं करूँगा ,एहतियात और इलाज मामले में रोज़ ,नियमित एडवाइज़री जारी हो रही है

दोस्तों मे कोरोना ,,कोरोना के इलाज की बात नहीं करूँगा ,एहतियात और इलाज मामले में रोज़ ,नियमित एडवाइज़री जारी हो रही है ,, में बात कर रहा हूँ ,विश्व स्तर पर आये खुदा के क़हर की ,एक प्रलय ,एक महामारी की ,,सभी देश एक दूसरे से दुश्मनी रखकर एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिशों में है, हथियार ,,परमाणु बम से डरा धमका कर एक दूसरे की सम्पत्ति हथियाने की होड़ है ,,खुदा का अज़ाब ,अरब देशों में तो बेहिसाब है ,,अरबों अरब रूपये के तेल के कुए है ,लेकिन अमेंरिका की गुलामी ,,जी हुज़ूरी में सब खड़े हो गए है ,,चीन हो ,अमेरिका हो ,आतंकवाद से जुड़े इज़राइल ,,पाकिस्तान हो ,फिलीपींस हों ,सभी देश आज सकते में है ,, न उनके हवाई हमले ,न मिसाइल ,न परमाणु बम ,कुछ भी काम के नहीं है ,सभी मुल्क खुदा के आगे नतमस्तक है ,,हमारा भारत देश ,,,सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा देश ,यहाँ नफरत का कोरोना ऐसा चल निकला था ,जो संसद ,विधानसभा ,दफ्तरों ,पुलिस प्रबंधन ,मीडिया ट्रायल ,सियासत ,,सभी जगह पर पैर पसारे बैठा था ,सभी इलाज ,लाइलाज हुए ,हर दवा हर दुआ बेकार हुई ,लेकिन कोरोना ,नफरत के इस कोरोना पर भारी पढ़ा ,,हिन्दू हो ,मुसलमान हो ,सिक्ख हो ,क्रिश्चियन हो ,सभी खुदा के खौफ से एक हो गए ,सभी के हाथ सिर्फ ,,कोरोना से खुद को ,देश को ,देशवासियों को बचाने के लिए उठ खड़े हुए है ,,, कहते ,है जब जब ज़ुल्म बढ़ता है ,,खुदा का क़हर जिसे प्रलय कहते है ,वोह ,,क़हर बनकर टूट पढ़ता है ,,ऐसा ही हमारे साथ हुआ है ,,हम खुद को हिन्दू मुस्लिम में बांटते रहे ,एक दूसरे को नफरत बांटते रहे ,न प्यार न मोहब्बत ,सिर्फ शक ,आरोप ,प्रत्यारोप ,नफरत ,यह सब खुदा कब तक बर्दाश्त करता ,मोहब्बत की इस ज़मीन पर नफरत की फसल आखिर कब तक ,इस नफरत की फसल को बेअसर करने के लिए ,,यह कोरोना क़हर आया तो सही ,लेकिन नफरत के कहर को खत्म सा कर गया ,,अब ,,हिन्दू हिन्दू को बचाने के हिन्दुत्त्व की बात नहीं कर ,रहा मुसलमान ,मुसलमान को बचाने की मुसलमानियत की बात नहीं कर रहा ,सिर्फ मानवता की बात है ,देश की बात है ,मेरे ,तेरे की नहीं ,हमारी बात है ,,हमे बचाने की बात है , न धर्म है ,न मज़हब है ,न नफरत है ,बस दुआ है ,मोहब्बत है ,,एक दूसरे को कोरोना के खौफ से बचाने की अपने अपने मंदिर में ,मस्जिद में ,दरगाह में ,गुरुद्वारे में ,चर्च में दुआये है ,,,,सरकार केंद्र सरकार ,राज्य सरकारें कोशिश में है ,,अख़बार ,,मीडिया ,,न्यूज़ चैनल कुछ ठीक है ,कुछ इसे मार्केटिंग ,विज्ञापन की कमाई के रूप में देख रहे है ,,कुछ व्यापारी इसे कालाबाज़ारी के रूप में ले रहे है ,सरकारों की अपनी कोशिश है , प्रधानमंत्री ,,मंत्री ,राज्यों के मुख्यमंत्री ,एक राज्य मध्य्प्रदेश में तो इस हाल में भी मुख्यमंत्री नहीं बचे है ,खेर जो भी है कोशिशों में जुटे है ,,लेकिन हमने देखा ,,अस्पतालों में कोरोना से लड़ने के पुरे उपकरण ,जांच उपकरण ,व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं है ,हो भी नहीं सकती ,अचानक प्रकोप है ,व्यवस्थाएं जमाने में समय लगता है ,लेकिन हमे सोचना होगा ,हम बढ़ी बढ़ी मूर्तियों पर कई हज़ार करोड़ रूपये सिर्फ अपनी ज़िद के खातिर खर्च कर देते है ,,एक वक़्त था ,मूर्तियों पर खर्चे को बेवजह बताकर बसपा सुप्रीमों की जिस पार्टी ने टांग खिंचाई की थी ,आज उन्ही लोगों ने तीन हज़ार करोड़ रूपये मूर्ति पर खर्च कर दिए ,कांग्रेस हो ,भाजपा हो ,बसपा हो ,सपा हो ,दक्षिण पार्टियां हों ,,ममता हो ,,नितीश हो ,जो भी हो ,,यह फ़िज़ूल खर्चियों को रोककर ,हमे ऐसी महामारियों के काल में चिकित्सा की अतिरिक्त सुविधाओं पर बहुत ,,बहुत खर्च करना होगा ,,,भविष्य के लिए एक संकेत है , आपात सेवाओं में हमे ऐसी महामारियों से कैसे निपटे ,यहाँ हर ज़िले के अस्पताल में ,हर तरह की सुविधा होना चाहिए ,उन सुविधाओं के संचालन ,मशीन उपकरणों की ट्रायल पर निगरानी होना चाहिए ,,हम बाबा रामदेव को सरकारी खर्च पर कार बंगले ,सुरक्षा कर्मी ,,मंत्री दर्जा देकर देते है ,यह सोचकर के यह योग गुरु है योग से बीमारी भगाएंगे ,फिर वोह दवाये बेचने लगते है ,,दवाओं का प्रोडक्शन है ,कारोबार है ,, आज इनके योग शिविर ,कोरोना वाइरस के खौफ से बंद से हो गए है ,,इनकी जड़ी बूटियों की दवाये बे असर है ,हमारे वैज्ञानिक ,फार्मोकोलॉजी से जुड़े लोग ,,फेल्योर है ,, लेकिन हमे हिम्मत नहीं हारना चाहिए ,इस महामारी से ,हमारे कुप्रबंध ,जो कमज़ोरियाँ हमारी रही है ,ज़िले कस्बे स्तर पर हम जहाँ बेबस ,लाचार रहे है ,, हमे उन व्यवस्थाओ को भविष्य में मज़बूत बनाना होगा ,,हर ज़िले में ऐसे अस्पताल जहां ,,हर तरह की बिमारी के इलाज के साथ ,आपात स्थिति में ,महामारी की स्थिति में ,हमे उपकरण मिले ,स्टाफ मिले , प्रशिक्षित लोग मिले ,,आज राजस्थान में कोटा जो विश्व को डॉक्टर ,,इंजीनियर दे रहा है वहां कोरोना की जांच नहीं ,,,यहां कोटा लोकसभा सदस्य ओम बिरला ,लोकसभा अध्यक्ष है ,इसके बावजूद यहां के मरीज़ों की कोरोना ,जांच रिपोर्ट ,,अस्सी किलोमीटर दूर ,झालावाड़ दूसरे ज़िले में जांच होने जाती है ,,केंद्र सरकार हो ,राजस्थान सरकार हो ,कांग्रेस हो ,भाजपा हो ,इस मामले में गंभीर क़दम उठाना ही चाहिये ,,यह मज़ाक़ नहीं ,,अख़बार टी वी में विज्ञापन देना ,राष्ट्र के नाम संदेश देना ,मन की बात करना ,राज्य के मुख्यमंत्री की हैसियत से एडवाइज़री देना ,एक ढकोसले से ज़्यादा कुछ भी नहीं ,जब तक तुम हर ज़िले में हर तरह की जांच की व्यवस्था नहीं करवा पाते ,हम थाली भी बजा लेंगे ,ताली भी बजा लेंगे ,खुद को हाउस अरेस्ट भी कर लेंगे ,,कर्फ्यू भी लगा देंगे ,,आइसोलेशन भी कर लेंगे ,लेकिन तुम प्रधानमंत्री की हैसियत से ,तुम राज्यों के मुख्यमंत्री की हैसियत से ,क्या ज़िलों के अस्पतालों में वोह सभी व्यवस्थाएं दे पा रहे हो ,जो इस कोरोना की जांच ,तत्काळ जांच ,तत्काल रिलीफ के लिए ज़रूरी है ,,अगर नहीं तो बातें बाद में करना ,पहले यह व्यवस्थाये लागू करवाओ ,जाँच उपकरण हर ज़िले की जाँच ,हर ज़िले में हो ,हर ज़िले में इलाज हो ,ऐसी व्यवस्थाएं करवाइये ,दुआए है ,दवाये भी कीजिये ,इंशा अल्लाह ,,अललाह ,ईश्वर ,,भगवान वाहेगुरु ,, जीसस सब ठीक करेगा ,एक संकल्प लीजिये जब करोड़ो करोड़ रूपये मूर्तियों में ,बिगाड़ते हो तो एक बजट ,,भारत के अस्पतालों के लिए भी ,इनके शोध कार्यों के लिए भी ,नासा की तरह भारत में भी बीमारियों पर ,इलाज के लिए शोध हो ,,एलोपेथी ,,आयुर्वेदिक ,होम्योपैथी ,हिकमत मामले में हम अव्वल थे ,,हनुमान जब पर्वत लाये तो ,,लक्ष्मण को होश में लाने के लिए ,,संजीवनी बूटी ने उन्हें फिर से ज़िंदा कर दिया था ,,उस देश के लोग हम ,आज बिमारियों से इलाज के मामले में गंभीर नहीं है ,पिछड़ रहे है ,दवाओं ,,बिमारियों के रिसर्च पर कम ,अस्पतालों के उपकरणों पर कम ,मूर्तियों ,गार्डनों वगेरा पर बेवजह खर्च कर रहे है ,आओ हम सब मिलकर संकल्प ले ,,हिन्दू मुस्लिम छोड़े ,धर्म ,जाति समाज के भेदभाव छोड़े ,मिलजुलकर ,,देश को निरोगी काया ,स्वस्थ बनाने के लिए मज़हबी तोर पर जो तंत्र ,मंत्र ,श्लोक ,, आयतें टोटके है ,वोह तो खूब करे ,दुआएं करे ,लेकिन कोशिश भी करें ,,रिसर्च सेंटर खोले ,जिला स्तर पर व्यवस्थाएं भी करे ,एक ज़िले से दूसरे ज़िले में मरीज़ को क्यों जाना पढ़े ,हर ज़िले में हर तरह की बीमारी का इलाज होना ही चाहिए ,,और यह सब मुमकिन है ,,अगर हम ठान ले ,अगर हम सोच लें ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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