बार
कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के अध्यक्ष शाहीद हसन ने राजस्थान के विधि मुख्य सचिव
को पत्र लिखकर ,,राजस्थान एडवोकेट संशोधन बिल 2020 में बदलाव कर ,,वकालत
नामें पर टिकिट की राशि वृद्धि ,,और आजीवन सदस्य की राशि बढ़ाने पर विरोध
प्रकट करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है ,,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान ने
राजस्थान वकीलों के लिए बने वेलफेयर फंड में बदलाव करते हुए , सदस्यों को
इलाज में एक लाख रूपये की जगह तीन लाख रूपये और ,पांच वर्ष की अवधि की जगह
तीन वर्ष में दिए जाने का बदलाव किया है ,साथ ही ,,सदस्य
वकीलों को 40 वर्ष की वकालत के बाद वकालत से रिटायरमेंट लेने पर ,पांच लाख
तीस हज़ार रूपये देने का प्रावधान था ,जो अब पंद्रह लाख रूपये की
सेवानिवृत्ति राशि होगी ,,शाहिद हसन ने बताया के राजस्थान सरकार के पास
उक्त वेलफेयर संशोधन बिल जिस तरह से भेजा था उसमे सरकार ने बदलाव कर ,वकालत
नामे पर टिकिट बढ़ोत्तरी ,,आजीवन सदस्य की राशि तीस हज़ार से बढ़ाकर एक लाख
रूपये की गयी है ,,जिसमे वकालत नामे के वेलफेयर टिकिट पर ,पच्चीस रूपये से
बढ़ाकर पचास रूपये के स्थान पर ,,सो रूपये सेशन न्यायलयों के लिए
,हाईकोर्ट के लिए दो सो रूपये की टिकिट राशि बढ़ाई गयी है , जो व्यवहारिक
नहीं है ,,,शाहिद हसन ने इस संबंध में वकालतनामे पर ,,वेलफेयर टिकिट की
राशि और आजीवन सदस्य्ता शुल्क प्रस्तावित तीस हज़ार की जगह एक लाख करने को
अव्यवहारिक बताते हुए इसे रोकने की मांग भी की है ,उन्होंने कहा के नए
सदस्यों के लिए यह सब सम्भव नहीं है ,उन पर यह अतिरिक्त भार बर्दाश्त योग्य
नहीं है ,,शाहिद हसन चेयरमेन बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान ने इस संबंध में एक
पत्र 6 मार्च को भी विधि मुख्य सचिव को लिखकर विरोध जताया था ,,,,, अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान

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