अबुल कलाम आजाद निजी फायदा भुलाकर , कॉम के हक़ में आरक्षण सर्कुलर मामले
में , काका केलकर की रिपोर्ट , दस्तकारी , कर्मकारी के आधार पर केवल
हिंदुओं के लिए शब्द हटवाकर संवैधानिक रूप से लागू करवा देते तो हमारे ,
कपड़ा बुनने वाले , रंगने वाले , गोश्त , चमड़े का व्यापार करने वाले समकक्ष
दस्तकार आरक्षण सीटों पर सांसद , विधायक , जज , कलेक्टर , एस पी , पढ़ाई में
आरक्षित होकर सो गुना तरक़्क़ी कर रहे होते ,, अख्तर
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