दोस्तों सावधान ,,, जनवरी माह का पहला सप्ताह ,,आपके शहर की सड़कों की
,मरम्मत ,यातायात सांकेतिक ,चिन्ह रखरखाव ,, स्पीडब्रेकर की व्यवस्था ,,
सड़कों से आवारा जानवरों के उत्पात की मुक्ति ,,अतिक्रमण मुक्त , पार्किंग
व्यस्था ,,यातायात दृष्टि भ्रम विज्ञापनों के खिलाफ कार्यवाही ,, दिशा सूचक
,गेलेंट्री बोर्ड पर लगे विज्ञापनों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्यवाही कर
,सड़कों को आप की हमारी आवाजाही के लिए साफ सुथरा करने का वक़्त है ,लेकिन
नोकरशाही के चलते ,यह रस्म अदायगी ,क़ानून की मंशा के खिलाफ ,,इस सप्ताह कुछ
मीडिया मैनेजमेंट के ज़रिये , हेलमेट जांच ,,सीट बेल्ट चालान ,कागज़ों की
जाँच ,,समझाइश ,फूल देकर समाजसेवी संस्थाओं ,निजी स्कूलों की प्रेरणा की
खबरों तक सिमट कर रह जाएगा ,और सड़कों पर अव्यवस्थित बेतरतीब यातायात का
वही बेहूदा हाल रहेगा ,,, जी हाँ दोस्तों ,भारतीय संविधान के विधि प्रावधान
, देश की सड़के ,बिना किसी रुकावट ,बाधा के आम लोगों की आवाजाही के लिए साफ़
सुथरी रहे ,, सरकार वाहनं मालिकों से ,स्वायत शासी संस्थाओं के आधारभूत
ढाँचे को विकसित करने के लिए जो टेक्स लेती है उससे सड़के ,,गलियां आम
यातायात के लिए सुरक्षित , विकसित ,साफ सुथरी ,बिना किसी बाधा के रहे इसके
लिए यह सड़के सुरक्षा सप्ताह ,, सड़कों की मरम्मत , अतिक्रमण ,आवारा जानवर
,, बाधाएं हटाने ,स्पीड ब्रेकर मरम्मत करने ,, सड़कों के दोनों तरफ
,,विज्ञापनों के बोर्डों के प्रतिबंध नियमों को लागू कर इन बोर्डों को ज़ब्त
करने का काम इस सप्ताह में होना चाहिए ,ताकि वाहन चालक ,इधर ,उधर ,सामने
,सड़कों पर लगे विज्ञापनों की तरफ नज़र जाते है ,भर्मित होकर ,किसी भी
संभावित दुर्घटना से बच सके , ,, भारतीय सड़क सुरक्षा निति के प्रावधान के
तहत ,, मोटर वाहन क़ानून ,के विधि नियमों के चलते ,केंद्र सरकार के
निर्देशों पर ,,प्रत्येक राज्यों को ,, हर ज़िले में ,यातायात सलाहकार समिति
बनाने के निर्देश भी है ,,जिसके तहत ,,बारिश ,सर्दी के बाद ,जब मरम्मत
कार्यों सके ,जनवरी के पहले सप्ताह में हर ज़िले ,हर शहर की आवाजाही सड़कों
पर ,,जिला कलेक्टर के नियंत्रण में ,, सार्वजनिक निर्माण विभाग , यातायात
विभाग ,ट्रेफिक पुलिस ,,राष्ट्रिय राजमार्ग ,,राज्य राजमार्ग ,प्रतिनिधि ,
नगर निगम ,पंचायत ,,पुलिस अधीक्षक ,, टाउन प्लानर ,,राज्य सरकार द्वारा इस
व्यवस्था को नियंत्रित निगरानी रखकर सुझाव देने और रिपोर्ट सरकार तक
पहुंचाने के लिए ,, एक यातायात सलाहकर समिति ,बनाई जाती है ,,जो बैठक में
,शहर की सड़कों के अतिक्रमण ,टूट फुट ,स्पीड ब्रेकर ,,सड़कों से आवारा जानवर
की धरपकड़ ,,वाहनों की ठहराव व्यवस्था ,, नियंत्रण , ज़ेबरा ,क्रॉस
,,ट्रेफिक पॉइंट लाइटों का रखरखाव , सांकेतिक चिन्हों को लगाना ,, सड़कों के
आसपास ,राष्ट्रिय राजमार्ग अधिनियम ,राज्य राजमार्ग अधिनियम के प्रावधानों
के विपरीत दृष्टि भ्रम ,,दुर्घटना के कारण बने विज्ञापनों को हठवाना
,,संकेतक चिन्हों ,,गेलेंट्री बोर्डों से विज्ञापन , बाधाएं हठा कर ऐसे
दोषियों को सज़ा दिलवाना ,,व्यस्थित स्पीड ब्रेकर ,जो मोटर वाहन अधिनियम के
तहत ,, छह इंच से ऊपर ,, चिन्हित हो ,ऐसे स्पीडब्रेकर बनवाना ,, ऐसे स्पीड
ब्रेकर ,,टूटी फूटीं ,नालियां ,टूटी सड़कें , मरम्मत करवाना जिनसे वाहन
चालकों को दिक़्क़त आती हो ,,उनके स्पोंडलाइज़ ,, सर्वाइकल सहित दूसरी
परेशानियां पैदा होती हों उसे ठीक करना ,, सहित सभी निर्बाध व्यवस्थाएं
देना ज़िम्मेदारी है ,इसकी निगरानी ,यातायात सलाहकार समिति के सरकार के
नामज़द नुमाइंदों ,और चौथा स्तम्भ बने ,,मिडिया ,इलेक्ट्रॉनिक मिडिया
,पत्रकारों को करना होती ,है , लेकिन आप देखते है ,हम देखते है ,इस सप्ताह
में बैठक भी होती है ,रस्म अदायगी भी होती है ,, लेकिन बात सड़कों की
मरम्मत , अतिक्रमण हठाकर सड़कों साफ सुथरी करने ,,स्पीडब्रेकर ,संकेत चिन्ह
ठीक करने ,नो एन्ट्री , अवैध ट्रेक्टर ट्रॉली , ओवर लोड वाहन स्टेज केरिज
परमिट वाहनों की धरपकड़ ,, स्टेशन ठहराव की सख्ती ,, पार्किंग स्थल व्यस्था ,
आवारा जानवरों का सफाया ,, ,, ड्राइवरों की वर्दी चेकिंग ,बढ़े वाहनों के
फिटनेस चेकिंग ,न्यूनतम अधिकतम स्पीड की अधिसूचना ,,बोर्डों पर इसकी सूचना
अंकित नहीं होती ,,,,सड़कों के दोनों तरफ ,सामने बढे बढे दृष्टि भ्रम वाले
विज्ञापन हटाने की एक भी कार्यवाही नहीं होती ,बस ,, हेलमेट चालान
,,वाहनों की चेकिंग , सीट बेल्ट ,ज़्यादा से ज़्यादा , स्कूल के बच्चों
,,समाजसेवी संस्थाओं ,या फिर किसी दानवीर को लेकर सड़कों पर गुलाब का फूल
,पम्पलेट देकर यातायात साक्षर की बात कहकर ,, अख़बारों ,मीडिया में
सुर्खियां बनने की कोशिश होती है ,,,, ,तो जनाब सड़क सुरक्षा सप्ताह ,,हर
ज़िले में ,, सरकार करवा नहीं रहे ,सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य कुछ बोलते
नहीं ,,और चौथा स्तम्भ इस सच्चाई को उजागर कर जो होना चाहिए था वोह पूरे
सप्ताह में , शहर के किस किस क्षेत्र में जो होना चाहिए था वोह नहीं किया
गया ,उजागर करते नहीं , , तो फिर यह रस्म अदायगी ,कई सालों से ऐसे ही चल
रही है ,और अगर आम नागरिक चुप्पी साधे रहा ,जागरूक पत्रकार ,जागरूक सम्पादक
,जागरूक इलेक्ट्रॉनिक मीडया खामोश रहा ,तो यह रस्म अदायगी ,सदियों तक यूँ
ही , बिना किसी ज़िम्मेदारी के रस्म अदायगी की तरह चलती रहेगी ,रहेगी ,, और
सड़कें एक सप्ताह इनकी व्यवस्थाएं ,इनकी बाधाये हठाकर ठीक होने की जगह ,,ऐसे
ही अपने हालातों पर आंसू बहाती रहेंगी ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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