﴾ 161 ﴿ (हे नबी!) आप कह दें कि मेरे पालनहार ने निश्चय मुझे सीधी राह (सुपथ) दिखा दी है। वही सीधा धर्म, जो एकेश्वरवादी इब्राहीम का धर्म था और वह मुश्रिकों में से न था।
﴾ 162 ﴿ आप कह दें कि निश्चय मेरी नमाज़, मेरी क़ुर्बानी तथा मेरा जीवन-मरण संसार के पालनहार अल्लाह के लिए है।
﴾ 163 ﴿ जिसका कोई साझी नहीं तथा मुझे इसी का आदेश दिया गया है और मैं प्रथम मुसलमानों में से हूँ।
﴾ 164 ﴿ आप उनसे कह दें कि क्या मैं अल्लाह के सिवा किसी और पालनहार की खोज करूँ? जबकि वह (अल्लाह) प्रत्येक चीज़ का पालनहार है तथा कोई प्राणी, कोई भी कुकर्म करेगा, तो उसका भार उसी के ऊपर होगा और कोई किसी दूसरे का बोझ नहीं उठायेगा। फिर (अंततः) तुम्हें अपने पालनहार के पास ही जाना है। तो जिन बातों में तुम विभेद कर रहे हो वो तुम्हें बता देगा।
﴾ 165 ﴿ वही है, जिसने तुम्हें धरती में अधिकार दिया है और तुममें से कुछ को (धन शक्ति में) दूसरे से कई श्रेणियाँ ऊँचा किया है। ताकि उसमें तुम्हारी परीक्षा[1] ले, जो तुम्हें दिया है। वास्तव में, आपका पालनहार शीघ्र ही दण्ड देने वाला[2] है और वास्तव में, वह अति क्षमी दयावान् है।
1. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः काबा के रब की शपथ! वह क्षति में पड़ गया। अबूज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने कहाः कौन? आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहाः (धनी)। परन्तु जो दान करता रहता है। (सह़ीह़ बुख़ारीः6638, सह़ीह़ मुस्लिमः990) 2. अर्थात अवैज्ञाकारियों को।
﴾ 162 ﴿ आप कह दें कि निश्चय मेरी नमाज़, मेरी क़ुर्बानी तथा मेरा जीवन-मरण संसार के पालनहार अल्लाह के लिए है।
﴾ 163 ﴿ जिसका कोई साझी नहीं तथा मुझे इसी का आदेश दिया गया है और मैं प्रथम मुसलमानों में से हूँ।
﴾ 164 ﴿ आप उनसे कह दें कि क्या मैं अल्लाह के सिवा किसी और पालनहार की खोज करूँ? जबकि वह (अल्लाह) प्रत्येक चीज़ का पालनहार है तथा कोई प्राणी, कोई भी कुकर्म करेगा, तो उसका भार उसी के ऊपर होगा और कोई किसी दूसरे का बोझ नहीं उठायेगा। फिर (अंततः) तुम्हें अपने पालनहार के पास ही जाना है। तो जिन बातों में तुम विभेद कर रहे हो वो तुम्हें बता देगा।
﴾ 165 ﴿ वही है, जिसने तुम्हें धरती में अधिकार दिया है और तुममें से कुछ को (धन शक्ति में) दूसरे से कई श्रेणियाँ ऊँचा किया है। ताकि उसमें तुम्हारी परीक्षा[1] ले, जो तुम्हें दिया है। वास्तव में, आपका पालनहार शीघ्र ही दण्ड देने वाला[2] है और वास्तव में, वह अति क्षमी दयावान् है।
1. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः काबा के रब की शपथ! वह क्षति में पड़ गया। अबूज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने कहाः कौन? आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहाः (धनी)। परन्तु जो दान करता रहता है। (सह़ीह़ बुख़ारीः6638, सह़ीह़ मुस्लिमः990) 2. अर्थात अवैज्ञाकारियों को।
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