खुशबु प्यार की हो ,मोहब्बत की हो ,,अख़लाक़ की हो ,नेकी की हो ,, फूलों की
हो ,या फिर एक कुमार जो ,,शिव की प्रेरणा से लोगों की मदद के लिए बिना
किसी लोभ लालच के तैयार खड़े रहते है ,या फिर राजस्थान में कोटा के धनिये की
हो ,कोटा में ही नहीं ,राजस्थान में ही नहीं ,भारत में ही नहीं विश्व में
ही नहीं ,सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,हम बुलबुले है इसके ,यह
गुलिस्तांन हमारा , की कहावत चरितार्थ कर देता है , जी हाँ दोस्तों में
बात कर रहा हूँ ,एक शिव जो कुमार भी है ,,और शिव कुमार जैन बनकर ,,कोटा के
लोगों के लिए ,कृषकों के लिए , मज़दूरों ,हम्मालों ,मरीज़ों ,,,छात्र
छात्राओं के लिए संघर्ष कर रहे है ,सेवाभाव से सम्पर्पित होकर गुमनामी की
कोठरी में सेवा कार्य कर रहे है ,यूँ तो शिव कुमार जैन किसी पहचान के
मोहताज नहीं ,,शिवकुमार जैन ही है ,जिन्होंने कोटा के धनिये के व्यापार को
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ,,एक महक ,एक खुशबु ,,एक बेमिसाल नाम दिया ,यही
,,विवादों से दूर ,न काहू से दोस्ती ,न काहू से बेर , , बस नेकी कर दरिया
में डाल ,कहावत करने वाले शिवकुमार जैन साहिब की ज़िंदगी का ,अपना अलग
फलसफा ,, अपना अलग विचार है ,,,उत्तम ट्रेडिंग कम्पनी के प्रबंध निदेशक भाई
शिव कुमार जैन ,,कोटा के धनिये की महक ,क्वालिटी ,अलग अलग उत्पादों का
व्यापरिक प्रस्तुतिकरण कुछ इस तरह से कर चुके है ,के इनके धनिये की महक ने
,कोटा को गुलज़ार कर गया ,कोटा को बाग़ बाग़ कर गया ,, धनिया क्वालिटी और
व्यापारिक पर्तिस्पर्धा में ईमानदारी ,,उच्च क्वालिटी मैनेजमेंट के संयुक्त
गुणवत्ता के कारण ही ,74 देशौं के प्रतिनिधियों के बीच ,भाई भाइ शिवकुमार
जैन को बी डी आई संस्था के कार्यक्रम में ,विश्व के सबसे खूबसूरत शहर
पेरिस में ,गोल्ड धनिया ,इंटरनेशनल लीडरशिप इन क्वालिटी के एवार्ड से
सम्मानित किया गया ,,भाई शिवकुमार जैन ,कोटा कृषि उपज मंडी समिति के कई बार
एक तरफा जीत के साथ ,अध्यक्ष रहे है ,इनके कार्यकाल में ,मंडी व्यापारी
सदस्यों को सरकारी योजना के तहत रियायती दर भूखंड आवंटन हुए ,व्यापार की
पर्तिस्पर्धा के चलते गुणवत्ता को बढ़ावा मिला ,किसान ,व्यापारी के मध्य
मधुर सामंजस्य विश्वास के संबंध स्थापित हुए ,व्यापार के लिए सकारात्मक
माहौल बनाकर ,आने वाली दिक़्क़तों को प्रशासनिक अधिकारीयों ,केंद्र ,राज्य
सरकार के प्रतिनिधियों को मोटिवेट कर उनसे दुरुस्त करवाया गया ,,,रानपुर
मसाला पार्क योजना को लेकर आंदोलन रत रहकर मसाला उद्योग पार्क ,केंद्र
सरकार से आखिर इनके,और साथियों के प्रयासों से कोटा के किसानों ,मंडी
व्यापारियों को तोहफे के रूप में मिल ही गया ,,, भाई सुनील जैन ,,नफा हो
नुकसान हो ,सब्र और शुक्र का ईश्वरीय दर्शन रखते है ,,वोह कहते है , जो
होना है वोह होकर रहेगा ,हमे तो कर्म करना है ,,फायदा , नुकसान सभी तो
ईश्वर के हाथ है फिर हम फ़िक्र क्यों करे जो उसने दिया है उसका शुक्र करे
,उस पर सब्र करे ,, भाई शिवकुमार ,की नेतृत्व क्षमता वोह मंडी समिति में
अध्यक्ष कार्यकाल में कई बार दिखा चुके है ,सेवा भाव वोह मंडी समिति सहित
दूसरे हम्मालों , कृषकों , आम नागरिकों को कोटा और जयपुर सवाई मानसिंह
चिकित्सालय में दुर्घटना के बाद ,टूटी हड्डियों को सपोर्ट देने की रोड
लगवाने के मामले में ,मुफ्त कौशल प्रंबधन व्यवस्था या स्वयं की तरफ से
मदद कर व्यवस्था करवाने का ऐक बढ़ा ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना चुके है ,,
शिवकुमार ,, वल्लभबाड़ी स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटा जो जैन दिवाकर
द्वारा संचालित है उक्त बालिका स्कूल के भी अध्यक्ष के नाते ,बेटी पढ़ाओ
,बेटी बचाओ के नारे के साथ ,लगातार सेवाभाव शैक्षणिक उत्थान कार्यों से
जुड़े है ,वोह अपने व्यवसायिक ,समाजसेवी कार्यक्रमों की व्यस्तता के बावजूद
भी नियमित स्कूल जाते है ,व्यवस्थाएं देखते है ,बेटियों की सुरक्षा
,संरक्षण ,गरीब बच्चों की किताबों ,,कॉपियों ,स्कूल यूनिफॉर्म ,स्कूल फीस
सहित दूसरी ज़रूरतों को देखते है ,और बिना किसी टोकाटाकी के उन ज़रूरतों को
पूरा करते है ,सभी छत्तीस क़ौमों की छात्रों को ,पढ़ने की प्रेरणा देते
है ,,उनकी ज़रूरतें पूरी करते है ,भविष्य की योजनाओं के बारे में
मोटिवेट करते है ,वक़्त देते है ,,सिर्फ एक गिलास पानी पीते है और फिर अपनी
नियमित दिनचर्या में लग जाते है ,,,शिवकुमार सियासत समझते है ,सियासत
सेवाभाव के साथ करते है ,,अधिकारीयों सहित सभी पार्टियों के विधायक ,,सांसद
,,पूर्व मंत्री ,मंत्रियों को उन पर विश्वास है ,उनके कहने से
ज़रूरतमन्दों के काम काज भी होते है ,लेकिन बस ,शिव जी कुमार बनकर कहते है
,,,ईश्वर को जिसके लिए मुझ से काम लेने का ज़रिया बनाना था ,बना दिया ,मेने
ईश्वर की मर्ज़ी से वोह काम कर दिया ,उसका काम हो गया ,,बस नेकी कर
दरिया में डाल ,,, में मस्त हो गया ,,,,,,कोई महत्वाकांक्षा ,,कोई ज़रूरत
,, कोई मुसीबत शिव को भटका सके ,डरा सके ऐसा अभी उनके जीवट का इतिहास
नहीं ,,,ऐसे शिव ,जो कुमार ,होकर शिवकुमार हो गए ,,एक अंतर्राष्ट्रीय
प्रतिष्ठित व्यापारिक ,समाजसेवक होकर भी खुद ,स्वेच्छिक गुमनामी में रहना
चाहते है ,ऐसी अज़ीम हस्ती को सेल्यूट ,सलाम ,बधाई ,मुबारकबाद ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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