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03 जनवरी 2020

पांच साल जे के लोन में बच्चों की अकाल मौतों के लिए राजस्थान की पूर्व भाजपा सरकार बेमिसाल

पांच साल जे के लोन में बच्चों की अकाल मौतों के लिए राजस्थान की पूर्व भाजपा सरकार बेमिसाल,, फिर भी चोरी ,फिर भी सीना जोरी ,,खुद आयना देखले ,विरोधः का स्वर बंद करे ,सुधार के सुझाव दे ,भाजपा विधायकों ,,भाजपा सांसदों ,केंद्र सरकार के कोष से कोटा के जे के लोन अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए तत्काल बजट दिलवाने का साहस जुटाए ,,,,,मिडिया ज़रा इनसे भी तो सवाल पूंछे ,,मुद्दे भटकाने के लिए मुद्दे न बनाये ,,कोई एक्शन प्लान बनाये , राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ज़रा आँखों में आँखे डालकर बात तो कीजिये ,उन्हें एक्शन प्लान आपके पूरे पांच साल के बताइये तो सही ,कोई सुधार है तो विशेषज्ञ सुझाव दीजिये तो सही ,,,, कोटा का जे के लोन अस्पताल जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के नियंत्रित उनकी पार्टी भाजपा की मुख्यमंत्री हाड़ोती गृहजिले कोटा संभाग झालावाड़ की ,उनके पांच साल के कोटा जे के लोन चिकित्सालय के रखरखाव को उनकी ही केंद्रीय टीम ने ज़ीरो नंबर दिए ,,केंद्रीय टीम की यह रिपोर्ट निश्चित तोर पर भारत सरकार को मिली होगी। ,,लेकिन इस संवेदन शील मुद्दे पर केंद्र सरकार की कोई आर्थिक मदद नहीं ,कोई अतिरिक्त एक्शन प्लान नहीं ,, ऐसे में कोटा चिकित्सा क्षेत्र में भाजपा का योजना बढ़ हो हल्ले के बीच ,उलटे निति आयोग के चेयरमेन चिकित्सा एक्सपर्ट का बयान ,,चिकित्सा क्षेत्र को निजी क्षेत्र में दिया जाना चाहिए एक सोची समझी साज़िश ,,भाजपा में अपव्सी खींचतान ,,रस्सा कशी ,,कोटा से लोकसभा अध्यक्ष से कुछ लोगों की निजी नाराज़गी कोटा को बदनाम करने की कोशिश करने के सिवा क्या साबित करता है ,,,,कोटा विकास की नगरी है ,कोटा शिक्षा नगरी है ,कोटा योग दिवस पर ऐतिहासिक योग गुरु की नगरी बनी है ,,,कोटा में शान्तिधारीवाल के विकास ,सोंदर्यकरण कार्यों की धूम है ,तो कोटा में पूर्व उद्योग मंत्री रिखब चंद धारीवाल की औद्योगिक परिकल्पना का विकास शामिल है ,यहां बच्चों पर ,,महिलाओं पर रेसीडेंसी नयापुरा कोटा में अत्याचार करने वाले अँगरेज़ हाकम मेजर बर्टन ,का सर काटकर ,,उसे सबक़ सिखाकर ,कोटा को आज़ाद कराने वाले लाला जय दयाल ,,लाला हर दयाल ,, महराब खान ,सोहराब खान का अपना इतिहास है ,,उनकी शहादत ,उनके मामले में गद्दारों की मुखबिरी के बाद उनकी फांसी का इतिहास है ,यहाँ चबल की हरियालीहै ,,, पानी बिजली की खुशहाली है ,केथून की हतकरघा साडी है ,और अब कोटा के सांसद ओम बिरला ,देश की सर्वौच्च पंचायत लोकसभा के अध्यक्ष के निर्वाचित हुए है ,,उनकी इस शख्सियत ने कोटा के इतिहास को नये आयाम दिए है ,बस ,,एक साज़िश कोटा के खिलाफ कभी कोटा को आत्म हत्या की नगरी कहा जा रहा है ,कभी कोटा को आपराधिक नगरी ,लुटेरों की नगरी कहा जा रहा है ,तो कभी कोटा को असंवेदन शील साबित करने की कोशिश है ,,कभी कोटा को फिल्मांकन के माध्यम से बलात्कारी नगरी साबित करने की कोशिशें की जाती है ,यह सब तथ्य है ,साक्ष्य है ,, जो इस कोटा के खिलाफ कुछ साज़िशकर्ताओं द्वारा तैयार किये जा रहे है ,,क्या हुआ अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता ,शान्तिकुमार धारीवाल की कोशिशों से कोटा का विकास हो रहा है ,पर्यटन स्थलों को खूबसूरत बनाया जा रहा है , लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला साहब को हनुमान जी की तरह उनकी ताक़त याद दिलाकर कोटा के एयरपोर्ट की समस्या का समाधान किया जा रहा है ,,,निश्चित तोर पर कोटा या देश में कहीं भी ,,सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा दयनीय है ,,हर अस्पताल में बजट की कमी ,मशीने जो मौजूद है ,उनके कृत्रिम तरीके से खराब बताकर बाहर महंगी जांचे कराने ,लम्बी लाइने लगाकर मरीज़ों को परेशान करने की विश्वसनीय शिकायतें है ,,मरीज़ को निजी अस्पतालों में जाकर देखना ,,रेफर करना ,,सरकारी अस्पतालों में बैठकर प्राइवेट अस्पतालों की मार्केटिंग करने की पुख्ता शिकायते है ,इस पर कभी मीडिया ,समाजसेवी ,राजननीतिक पार्टियों ने कोई आवाज़ नहीं उठाई कोई स्टिंग ऑपरेशन नहीं किया ,,,कोटा जे के लोन में बच्चों की मौतें दुखःद है ,लेकिन जब डॉक्टरों को ,स्टाफ को ,सरकार को व्ययवस्थाओं को इन बच्चों की मोत के आंकड़े के बाद ,समझने की ज़रूरत थी , संम्भलने की ज़रूरत थी ,व्यवस्थाएं जमाने ,,अटेंशन की ज़रूरत थी ,तब जांच दलों के नाम पर भाजपा के मंत्री ,पूर्व मंत्री ,भाजपा के अध्यक्ष ,भाजपा की केंद्र सरकार के बाल आयोग के उपाध्यक्ष सहित अनेक आंदोलनकारियों ने वहां जाकर सिर्फ नेतागिरी की ,राजस्थान सरकार ,कोटा जिला प्रशासन को बदनाम करने की साज़िश रची ,,,,,,कोटा जे के लोन अस्पताल में भाजपा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय शासन के दौरान वर्ष 2014 में 1198 ,,वर्ष 2015 में 1260 ,वर्ष 2016 में 1193 , वर्ष 2017 में 1027 ,वर्ष 2018 में 1005 ,,और विवादित वर्ष 2019 में कांग्रेस के शासन काल में यह आंकड़ा 963 है बात साफ़ है ,,कांग्रेस कार्यकाल में व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास हुए है , पहले की सरकारों का क्या कहना ,लेकिन इस सरकार में तैनात जिला कलेक्टर आम कसेरा ने अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया ,तात्कालिक रूप से प्रशासनिक निर्देश दिए ,कुछ सुधार हुए ,कुछ सुधार के प्रयास चल रहे थे ,,के यह हादसे शुरू हुए फिर राजनीति शुरू हुई ,खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में संवेदनशीलता जतायी ,सरकार के निर्देश ,,आदेश सहूलियतों के मार्गदर्शन के साथ कोटा चिकित्स्कों ,ज़िम्मेदारों को दिए गए ,,और कोटा में कुछ बदलाव ,हुआ कुछ सुधार फिर शुरू हुए है ,,,विवाद कहाँ से शुरू हुआ ,ज़रा देखिये तो ,,,,,,ख़ुद कोटा सांसद ,ओम बिरला अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए ,संवेदनशीलता दिखाते हुए ,अस्पताल व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने पहुंचे ,वोह खुद मेडिकल सिस्टम के बारे विशेषज्ञ जानकारी रखते है ,चिकित्स्कों से उनके पारिवारिक मित्रता संबंध है , खुद ओम बिरला ने हालात जाने ,सियासी टिप्पणी नहीं की ,,क्योंकि वोह खुद इस अस्पताल व्यवस्था के लिए अपने अधीनस्थ विधायकों के साथ ,अलग अलग हर वर्ष कभी तीस करोड़ ,कभी पंद्रह करोड़ ,कभी बीस करोड़ की उनकी अपनी भाजपा सरकार से डिमांड कर चुके थे ,,,कांग्रेस कार्यकाल में जो साठ बिस्तरों की वित्तीय स्वीकृति के साथ व्यवस्थाएं की गयी थी ,वोह साठ बिस्तरों में से एक बिस्तर भी भाजपा सरकार लगाने में नाकामयाब रही है ,यह बात खुद ओम बिरला जानते थे इसलिए उन्होने इसको सियासी झमेला नहीं बनाया ,,चर्चा के दोरान एक दो कार्यकर्ताओं में यह चर्चा ज़रूर हुई ,,ख़ुद ओम बिरला सांसद है ,,वोह खुद अपने सांसद कोष से इस अस्पताल को अलग अलग सालों में कम से कम तीस करोड़ रूपये की सहायता देकर ,विशेष स्पेशलिटी वाला तो बना ही सकते है ,यह भी चर्चा रही ,,लेकिन वोह यह काम केंद्र सरकार ,राजस्थान सरकार से करवाना चाहते थे ,उन्होंने इस मामले में राजस्थान सरकार ,केंद्र सरकार को भी सलाह दी ,,उनके सहयोगी विधायक संदीप शर्मा ने विधायक कोष से हीटर वगेरा देकर मदद की पहल की फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आई ओ सी ने पहल की ,,सवाल यह है के आखिर केंद्र सरकार की टीम ने जब विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के आसपास कोटा जे के लोन का दौरा किया जांच की ,परीक्षण किया तो वोह इस भाजपा सरकार की पुरे पांच साल की व्यवस्था को ज़ीरो नंबर देकर गये ,उन्होंने दिल्ली में रिपोर्ट दी कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया ,,चलिए बाल आयोग आया उनके साथ कोई एक्सपर्ट नहीं था ,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ कोई ऐस्क्पर्ट नहीं ,,जसकौर मीणा सांसद के साथ कोई एक्सपर्ट नहीं ,,पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठोड जिनके कार्यकाल में बार बार भाजपा के सांसद ,विधायकों द्वारा बजट मांगने के प्रयासों के बाड़ा भी कोई बजट स्वीकृत नहीं किया ,कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं दी ,,हर साल बेहिसाब बच्चों की अकाल मौतें हुईं ,उन्हें कैसे यह ज़िम्मेदारी सौंप दी ,उनसे कोटा की जनता ,या पीड़ित परिवार क्या उम्मीद कर सकते है ,,,,केंद्र सरकार को भाजपा सरकार के कार्यकाल में राजस्थान के सभी अस्पतालों खासकर कोटा के जे लोन अस्पताल को रीशफल ,व्यवस्थित ,मल्टीस्पेशलिटी करने के कितने प्रस्ताव मिले , कितना बजट माँगा ,कितना बजट दिया ,,कितने उपकरण खरीदे ,कितने ख़राब रहे ,ठेका प्रणाली क्या रही ,,चिकित्स्कों की नियुक्तियां ,उनकी कार्यशैली सहित मुद्दों पर सी बी आई जाँच करवाए ,दोषी अधिकारी ,दोषी मंत्रियों ,,ज़िम्मेदारों को जेल भेजे ,,,वर्तमान राजस्थान सरकार ,अस्पताल में सभी सुविधाये दे ,जो कमिया भाजपा सरकार में रही है ,उन्हें दूर करे ,,विशेषज्ञ टीमों का गठन करे ,,,बच्चों की जो मौतें सिर्फ लापरवाही की वजह से ही होना अगर जांच के बाद साबित होती है तो ऐसे चिकित्स्कों ,व्यवस्थापकों को बख्शना नहीं चाहिए ,,,ऐसे दलाल चिकित्स्क ,,जो अस्पतालों में बैठकर ,निजी चिकित्सालयो की मार्केटिंग करते है ,,खुद अस्पताल में व्यवस्थाएं होने के बाद भी निजी चिकित्सालयों में मरीज़ों को रेफर करते है ,वहां मेडिकल स्पेशिलिटी विज़िट कर मरीज़ों को देखते है ,सरकारी जांच उपकरण खराब कर बाहर जांच करवाने के लिए मरीज़ों को मजबूर करते है ,प्रशासनिक व्यवस्था में , कोताही बरतते है ,ठेका मज़दूर प्रणाली में भ्रष्टाचार फैलाते है ,ऐसे चिकित्स्कों ,ऐसे कर्मचारियों की एक रिपोर्ट तैयार कर उन्हें नौकरी से बाहर करते हुए ,जेल का रास्ता दिखाना भी ज़रूरी हो गया ,,,मीडिया ,,सोशल मीडिया ,समाजसेवी संस्थाए सभी इस मामले में गंभीर हो ,,खासकर ,कोटा के लोकसभा अध्यक्ष ,,ओम बिरला की लोकप्रियता उनके लोकसभा अध्यक्ष बनाये जाने के बाद उनकी ही पार्टी के लोग उनके कोटा शहर को जो नीचा दिखाने की कोशिशों में जुटे है ,,उनके खिलाफ भी एक्शन ले ,,पांच साल जे के लोन में बच्चों की अकाल मौतों के लिए बेमिसाल विषय पर जांच कमेटी बिठाये ,केंद्रीय दल से जांच करवाए ,सी बी आइ एक एक बिंदु की जांच करवाकर ,पूरे पांच सालों में कोटा जे के लोन अस्पताल की उपेक्षा करने वालों को जेल भिजवाए ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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