माशाअल्लाह , डेंजर ज़ोन , मलिका ऐ अख्तर की , 20 जनवरी को , योम ऐ पैदाइश
है , साठवीं है या सत्तरवीं , यह बताने की गुस्ताखी , में हरगिज़ नही करूँगा
, भाई मुझे , हुकम की गुलामी में रहना है , अल्लाह मेरी शरीक ऐ हयात को ,
सास , ननद , देवर , वगेरा का सादतमन्द खिदमतगार बनाये रखे , सहत्याबी उम्र
दराज़ी के साथ , मुझ गुलाम की हाकिम , मेरे बेटे शाहरुख , बिटिया जवेरिया ,
सदफ की सरपरस्त , हज़ारो हज़ार साल खुशहाली के साथ , सुरखुरु रहते हुए बनाये
रखे ,, आमीन , ओर हाँ , खेर छोड़िए समझ तो आप गए ही होंगे ,,, ?? बीवी
मुट्ठी खोल , में तुम्हारा गुलाम , मेरी अम्मी ने निकाह क़ुबूल के बाद ,
रस्म अदायगी में , हुकम देकर , कहलवाया था , तब से अम्मी जान का यह हुकम
में निभा रहा हूँ , मरते दम तक इंशाअल्लाह मुझे यह हुक्म निभाने की अल्लाह
यह तौफ़ीक़ दे , शरीक ऐ हयात को , सालगिराह की दिली मुबारकबाद , बधाई ,, अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)