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02 दिसंबर 2019

कोटा इंदौर की तरह साफ़ सुथरा बनाने का सपना साकार करने के लिए ,सरकार की इच्छा शक्ति की ज़रूरत

कोटा इंदौर की तरह साफ़ सुथरा बनाने का सपना साकार करने के लिए ,सरकार की इच्छा शक्ति की ज़रूरत है ,,इसके लिए हमे यूरोपीय देश चेकोसलोवाकिया ,,पोलैंड ,, हंगरी के वारसा ,बुडापेस्ट के क्लीन मैनेजमेंट से बहुत कुछ सीखना होगा ,,कोटा के वरिष्ठ एडवोकेट महेंद्र जेन हाल ही में इन देशो की यात्रा के बाद ,भारत खासकर कोटा के ,क्लीन मैनेजमेंट के तुलनात्मक अध्ययन के बाद कहते है ,कोई मुश्किल नहीं अगर सरकार ठान ले तो कोटा ,इंदौर से ज़्यादा साफ़ सुथरा ऐतिहासिक शहर बन सकता है ,, महेंद्र जैन कहते है ,कोटा ही नहीं ,,पूरा देश ,इन यूरोपीय देशों के ,क्लीन मैनेजमेंट से अगर कुछ सीखा जाये तो ,,क्लीन इण्डिया ,शायनिंग इण्डिया ,न्यू इण्डिया का सपना भी साकार हो सकता है ,,एडवोकेट महेंद्र जैन ने इस मामले में महत्वपूर्ण सुझावों के साथ ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी विशिष्ठ पत्र लिखा है ,जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने सभी का साथ ,सहयोग की अपेक्षा करते हुए ,न्यू इण्डिया सपने को साकार करने की पहल के प्रयासों के प्रति एक अदम आगे बढ़ाने की कोशिश की है ,,एडवोकेट महेंद्र जैन सपत्नीक हाल ही में यूरोप के चेकोस्लोवाकिया ,पोलेंड ,हंगरी सहित कई देशों के प्रमुख शहरों में भृमण टूर पर गए थे ,एडवोकेट महेंद्र जेन ने वहां की सुप्रीमकोर्ट का भी भृमण किया ,वकालत और फैसलों के तोर तरीके जाने ,वोह कहते है ,छोटी सी सुप्रीमकोर्ट ,लेकिन वकीलों और आम जनता की वहां न्याय के प्रति अंधी आस्था ,,न्याय के प्रति विश्वास पैदा करती है ,,महेंद्र जेन कहते है ,इन देशों की सड़को ,मकानों ,दीवारों पर कहीं भी वकीलों ,डॉक्टर्स ,दुकानदारों का कोई चिन्ह ,,कोई बोर्ड नहीं है ,सब कुछ ऑन लाइन लोकेशन ,ऑन लाइन खरीद फरोख्त ,,महेंद्र जेन बताते है के पोलेंड में हिटलर ने लाखों लोगों का नरसंहार किया था , पोलेंड तो आज फिर लम्बे संघर्ष के बाद विकसित राष्ट्रों में एक बन गया लेकिन वहां की आम जनता में ,हिटलर के प्रति नफरत आज भी जस की तस बनी हुई है ,हिटलर का नाम आते ही ,वहां के लोग नफरत से नाक ,भों ,सिकोड़ लेते है ,हालत यह है के हिटलर की बात करने वाले से भी वोह नफरत करने लगते है ,यहां के लोगों में राष्ट्रवाद यानी ओरिजनल राष्ट्रवाद कूट कूट कर भरा है ,खाने पीने की चीज़ों में कोई मिलावट नहीं ,दूध ,घी ,,मक्खन शुद्ध , क्योंकि वहां के लोग कहते है ,के अगर हम ही हमारे देश के लोगों के स्वास्त्य के साथ खिलवाड़ करेंगे तो फिर देश कैसे तरक़्क़ी कर पायेगा ,कोई काला बाज़ारी ,स्टॉक व्यापार नहीं ,वायदा व्यापार नहीं ,व्यापार में अधिकतम मुनाफे ,, कम तोलने ,भ्रामक विज्ञापन ,नक़ली सामानों की बिक्री नहीं ,ईमानदारी ही इन देशों में विकास की मुख्य पूंजी है ,महेंद्र जेन कहते है ,,इंसाफ ,स्थानीय लोगों में अलग अलग जाति ,,अलग अलग समाज ,अलग अलग धर्मों के होने के बावजूद भी , प्यार ,एक जुटता के प्रति आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा है ,कोई मेंलिंचिंग नहीं ,,कोई नफरत के बोल नहीं ,पत्रकारिता सकारात्मक ,पत्रकारिता में कोई पेड़ न्यूज़ ,एक दूसरे की नफरत बढ़ाने या फिर सरकार का महिमा मंडन करने ,मदुद्दे भटकाने के लिए विश्वसघाती न्यूज़ दिखाने पर सज़ा का ,प्रावधान ,महेंद्र जेन कहते है ,,यूरोपीय इन देशों में महिलाओं की आबादी ज़्यादा है ,यह महिलाये पेड़ खिदमतगार ईमानदार वर्कर होती है ,जो विदेशी पर्यटकों के गाइड का भी काम करती है ,जबकि यहां की सड़को पर कचरा तो दूर ,मिटटी का एक कण भी नज़र आना मुश्किल ,है मॉर्निंग वाक् के वक़्त अगर कुत्ते के साथ कोई घूमने ,निकला कुत्ते ने पोटी अगर कर दी तो तुरंत वही व्यक्ति बिना किसी लाज शर्म के ,साफ सफाई करेगा ,,महेंद्र जेन बताते है के वहां की पर कोई बाइक ,कारों ,बसों का प्रदूषण नहीं ,,पर्यावरण प्रदूषण नियन्त्र प्रंबंधन के तहत ,,इलेक्ट्रिक छोटी साइकलें ,या फिर ट्राम ,इलेक्ट्रॉनिक बसें ,इलेक्ट्रॉनिक वहां आवागमन के साधन है ,,,पर्यावरण संरक्षण के लिए वहां ,पर्यावरण विशेषज्ञों से ,ऑक्सीजन ज़ोन के लिए ,ऑक्सीजन ज़्यादा छोड़ने वाले हरे भरे पेड़ पौधों की भरमार है ,उनकी देखरेख सरकार के अलावा आम जन सहयोग से भी होती है ,वहां के नागरिकों में अपने शहर के प्रति प्यार ,है साफ़ सफाई के प्रति जागरूकता ,ज़िम्मेदारी है ,जबकि प्यार ,, मोहब्बत अपने पन में सियासी लोगों की नफरत भी हार जाती है ,,चुनाव मुद्दों पर ,,ज़िम्मेदारी से ,कम खर्च पर चुनाव ,,सिर्फ विकास के मुद्दे ही वहां के चुनाव का मुख्य आकर्षण होते है ,युवा शक्ति में सिर्फ विकास के प्रति जागरूकता ,राष्ट्रवाद के प्रति जागरूकता ,,महिलाये ,बेटियां भरपूर आज़ादी के बाद भी सुरक्षित ,, महेंद्र जेन कहते है ,यह सारी व्यवस्थाएं जो विदेशों में हैं ,विश्व का सबसे बढ़ा लोकतंत्र होने के बाद हमारे देश में क्यों नहीं हो सकती ,इसीलिए उन्होंने अपने इस तुलनात्मक अध्ययन के बाद सुझावों के साथ ,भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तृत जानकारी के साथ पत्र भी लिखा है ,महेंद्र जेन कहते है ,के कोटा एक आदर्श शहर बन सकता ,है क्लीन सिटी ,प्रदूषण मुक्त ,सौंदर्यता से भरपूर ,शांत ,पर्यटकों के लिए आकर्षक , शहर बन सकता है ,क्योंकि कोटा को शांति धारीवाल जैसे तेज़ तर्रार विकास और सोंदर्यकरण योजनाओं के प्रति गंभीर केबिनेट मंत्री मिले है ,जबकि केंद्र सरकार के सर्वोच्च प्रतिनिधि के रूप में कोटा को ओम बिरला मिले है ,जो कोटा को ख़ास कोटा ,भारत का ही नहीं विश्व का विशिष्ठ सोंदर्यकरत कोटा ,बनाने में केंद्र से अतिरिक्त बजट ,अतिरक्ति सुविधाएं दिलवाने के लिए चुटकियों में खेल कर सकते है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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