कोटा इलेक्ट्रिक डिस्ट्रिप्युटर लिमिटेड कम्पनी ,, नाम कोटा से जुड़ा है
,लेकिन कम्पनी कलकत्ता की है ,अजीब बात यह है ,के यह कम्पनी ,इसके अधिकारी
,सरकार के विभाग ,,नगर विकास न्यास ,नगर निगम ,आवासन मंडल ,बी एस ऍन एल को
ही खुले रूप से चुना लगाकर लूटने के दोषी साबित हो गए है ,तो इस के ई डी ई
एल कम्पनी ने आम आदमी को तो कैसे चुना लगाया होगा ,अन्दाज़ा लगाया जा सकता
है ,यह तो कुछ विभाग है जिनकी समीक्षा हुई है, अभी तो सी ऐ डी ,सिंचाई
विभाग ,कलेक्ट्रेट ,अदालत परिसर ,अस्पताल खुद थर्मल ,,रेलवे ,बैंक ,आयकर
विभाग ,सहित कई ऐसे राज्य सरकार ,केंद्र सरकार ,बैंकिंग संस्थान ,अर्द्ध
सरकारी विभाग है ,जहाँ इस बिजली कम्पनी खूब लूटा होगा ,,,खूब चूना लगाया
होगा ,,कोटा में के ई डी एल बिजली कम्पनी से प्रताड़ित कोटा शहर वासियों ने
आक्रोशित होकर बंद करवाया ,हिम्मत सिंह हाड़ा ने भूख हड़ताल की ,खून से
पत्र लिखे ,,कोटा बंद हुआ ,मुक़दमे लगे ,कांग्रेस के ईश्वर गंभीर के खिलाफ
बिजली के बिल को ठीक करने की मांग भर करने की सजा उनके खिलाफ मुक़दमा दर्ज
करवाकर दी गई , ,,एक समाज सेवक इसरार अहमद ने जब ,बिजली विभाग से ,, खुद,,
के ई डी एल से , बिजली के बिलों का विवरण ,विधि अनुसार ,मांग की तो के ई
डी एल ने खुद को सूचना के अधिकार अधिनियम से ऊपर बताते हुए ,सुचना देने से
इंकार कर दिया ,बिजली के बिलों में किस तरह का शुल्क लिया जा रहा है
,,बिजली चोरी पकड़ते वक़्त कितनी वी सी आर भरी जाती है ,उसकी जांच का तरीक़ा
क्या है ,और बिजली चोरी का दंड लाखों रूपये से हज़ारों तक कैसे हो जाता है
,यह पारदर्शिता कोटा में बिजली वितरण के नाम पर लूट का खेल कर रही यह
कम्पनी ,इसके अधिकारी देने से इंकार करते है ,,, कोटा में विधानसभा के
चुनाव में बिजली विभाग की यह लूट ,के ई डी ऐ ल भगाओं के नारे के साथ
चुनावी मुद्दा भी बना था ,कांग्रेस की कोटा दक्षिण प्रत्याक्षी राखी गौतम
ने इस मामले में खुल कर विरोध किया ,बिजली कम्पनी की लूट को लेकर मीटर
खोलकर ,बिजली विभाग में जमा तक कराने का आंदोलन किया ,लेकिन भाजपा के शासन
के दौरान ,भाजपा के नेताओं ने बिजली कम्पनी की लूट को तो स्वीकारा ,लेकिन
बिजली कम्पनी से बीस साल का एकग्रिमेंट का बहाना बनाकर ,,बिजली विभाग को
भगाने से इंकार कर दिया ,और सरकार के जाने के पूर्व ही ,,भाजपा के नेताओं
के इशारे पर अधिकारों ने इतनी मज़बूत कर दी के ,कांग्रेस सरकार में बैठे
नेता ,चाहकर भी इस कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही करने में विधिक रूप से खुद को
असहाय साबित कर रहे थे ,,लेकिन कोटा के केबिनेट मंत्री ,शान्तिकुमार
धारीवाल ,एक बोल्ड ,तेज़तर्रार ,बेईमानों को सबक़ सिखाने वाले नेता है ,
उन्होंने अपनी व्यस्तताओं के बावजूद भी ,बिजली कम्पनी की लूट का जायज़ा
लिया ,सरकारी विभागों के साथ जब बिजली विभाग की लूट का यह हाल है ,तो आम
जनता से बिजली विभाग की लूट की पराकाष्ठा क्या होगी ,,,बिजली विभाग के
खिलाफ अब खुली लूट को लेकर ,फौजदारी मुक़दमे के कार्यवाही हो गयी ,,है
,शांति धारीवाल के सख्त रवय्ये के चलते ,,कोटा में जब हेंगिग ब्रिज गिरा
,तो जापान ,हुंडई सहित बढ़ी कम्पनी के अधिकारी जब भागने की तय्यारी में थे
तब ,शांति धारीवाल ने कोटा के मज़दूरों के हत्यारे हेंगिंग ब्रिज के
ज़िम्मेदार प्रबंधकों को जेल पहुंचाया था ,अब फिर बिजली विभाग की लूट सरे आम
हो गयी है ,,ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया है ,,भाजपा के कार्यकाल में ,अनुबंध
के नाम पर ,अनुबंध मज़बूत कर बिजली कम्पनी के पैर कोटा में पसारे रखने का
रास्ता साफ किया हो ,लकिन अब देखते है ,फोजदारी मकुदमे में ,बिजली की वसूली
के नाम पर बेईमानीपूर्वक लूट खसोट के मामले में दर्ज मुक़दमे ,में
ज़िम्मेदार अधिकारीयों को गिरफ्तार होने से ,इन पुरानी सरकार के चहेते
बिजली अधिकारीयों को वोह लोग कैसे बचा पाते है ,कोटा के गरीबों का खून
चूसने वाली यह बिजली कम्पनी ,कोटा के किसानों को लूटने वाली यह बिजली
कम्पनी कोटा के सरकारी विभागों में मनमाना बिल देने वाली इस संस्था के
बेईमान अधिकारीयों का क्या हाल होगा ,पुलिस का ईमानदाराना ,तकनीकी अनुसंधान
ही बताएगा ,देखते है एक ब्रेक के बाद बिजली विभाग के इन लुटरे अधिकारीयों
,लुटेरी कम्पनी से जुड़े लोगों का हाल ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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