एक रुका हुआ फैसला आया तो ,,देश ने , देशवासियों ने हिम्मत ,दिखाई ,धैर्य
और संयम का उदाहरण पेश किया ,,लेकिन केंद्र और राज्यसरकारों की सख्त
एवाइज़री के बाद भी ,,देश के इलेक्ट्रॉनिक टी वी रिपोर्टर्स ,, मजमा लगाकर
,मदारी की तरह ,टी आर पी बढ़ाने के लालचियों ने ,,देश के इस नाज़ुक मौके पर
कलंक लगाने की कोशिश की है ,,बाबा रामदेव ..असददुद्दीन ओवेसी सहित कुछ
ऐसे ,है ,, जिन्होंने इस नाज़ुक मोढ़ पर देश का साथ नहीं दिया ,जस्टिस
गांगुली ने अपना विव रखा ,, जो विवादित हो गया ,,इधर वाट्सएप्प ग्रुप
एडमिन्स के साथ तो चुटकुले पर चुटकुले हुए ,,वोह हालातों से डर गए ,क़ानून
का खौफ उन्हें खाये जा रहा ,था ,,कई ऐसे एडमिन जिनके ग्रुप के सदस्यों की
नोटोरियस लेखनी पर उन्है भरोसा न था ,,लेखनी में ईमानदाराना ,निष्पक्ष
जोहर की बात करने वाले मेरे कई भाइयों ने ,, ओनली फॉर एडमिन ,,का सेटिंग
कर ,दूसरे सदस्यों पर अविश्वास जताया , खेर कुछ ने सेटिंग ओनली फॉर एडमिन
नहीं की ,,कुछ ने सेटिंग की ,फिर वापस सभी ग्रुप सदस्यों को पोस्ट करने
की छूट ,दी ,एडवाइज़री लगातार जारी होती रही , कुल मिलाकर देश के इन
हालातों ने ,हमे आयना दिखाया है ,,,अपना चेहरा हम खुद इस आयने में देखे
,तलाशे ,खुद से पूंछे ,, सोचे , हमने क्या खोया , क्या पाया ,, अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
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