कोटा में नगर निगम के पुरे पांच साल होने जा रहे है ,न कोटा स्मार्ट सिटी
बना ,न कोटा के अतिक्रमण हठे ,, ना ही कोटा में कोई सौंदर्यकरण का कार्य
हुआ ,मेला दशहरा आयोजन जैसे हुए आप सभी के सामने है ,अब इसी महीने नॉवमबर
के आखरी सप्ताह में ,कोटा नगर निगम भाजपा बोर्ड से मुक्त होकर प्रशासन के
हाथों में आ जाएगा ,क्या परिवर्तन आता है ,प्रशासनिक कार्यशैली में क्या
बदलाव आएगा ,यह तो मुझे नहीं पता ,लेकिन ,,कोटा की सड़को को अतिक्रमण मुक्त ,
बाधा मुक्त करने की जो शुरुआत है ,वोह साहसिक क़दम भी है और कोटा के आम
लोगों के लिए ज़रूरी भी ,,कोटा की सड़को को अतिक्रमण मुक्त करना नगर निगम की
ज़िम्मेदारी है ,सुप्रीमकोर्ट , हाईकोर्ट ,कोटा की सिविल कोर्ट्स ने दर्जनों
बार सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने ,,राहगीरों के लिए सुरक्षात्मक दृष्टि
से पैदल चलने के लिए फुटपाथों को ,अतिक्रमण मुक्त करने ,,दुकानों ,व्यापरिक
प्रतिष्ठानों के बाहर ,दो दो मीटर ,,तीन तीन ,चार चार मीटर ,,बेवजह सामान
लगाकर सड़कों को छोटी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही के कई न्यायिक आदेश है
,,नगरपालिका क़ानून बना है ,,ऐसे अतिक्रमण को नहीं हटाने पर ,,जमादार
,सेक्टर इंस्पेक्टर ,संबंधित अधिकारी ,क्षेत्रीय पार्षद को ज़िम्मेदार
ठहराया हुआ है ,,ऐसे अतिक्रमणकारी , या फिर अतिक्रमण देखकर ख़ामोशी इख़्तियार
करने ,अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाले ,कर्मचारी ,अधिकारी ,वार्ड
पार्षद के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर सज़ा दिलवाने का प्रावधान है ,कोटा शहर की
गलियों ,चौराहों सड़कों पर देख लीजियेगा ,बेतरतीब अतिक्रमण ,गुमटियां ,ठेले
तो लगे ही है ,है ,सड़के टूटी है ,आवारा जानवरों ने सकड़ों को असुरक्षित कर
दिया है ,, पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से बेतरतीब वाहन है ,,ऑटो ,मिनीबस
,,टेम्पो ,मिनीडोर ,कहीं भी जाम लगा रहे है ,मार्ग अवरुद्ध कर रहे है
,,जबकि सड़कों पर दुकानदारों ने मुख्यबाजारों ,गलियों ,चौराहों पर ,,चाहे
भीमगंजमंडी हो ,चाहे नयापुरा ,,चाहे कोठरी ,छावनी ,गुमानपुरा ,श्रीपुरा
,कैथूनीपोल ,टिपटा ,तलवंडी ,उद्योगनगर ,विज्ञाननगर ,अनंतपुरा कोई भी
बस्तियां ,कॉलोनियां हो इस तरह के अवैध अतिक्रमण से इन क्षेत्र के निवासी
त्रस्त है ,,कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,,स्वायत शासन मंत्री
शान्तिकुमार धारीवाल ,कोटा ही नहीं पुरे राजस्थान को इस तरह के बेतरतीब
अतिक्रमण को मुक्त कर ,व्यवस्थित पुनर्वास मुख्यमंत्री योजना के तहत पिछले
कार्यकाल में कियोस्क प्रणाली लागु कर ,कोटा सहित राजस्थान के बेरोज़गारो
,अतिक्रमणकारियों के स्वरोजगार के लिए उनके स्थाई मालिकाना हक़ दिलवाकर उनकी
रोज़ी रोटी पक्की करने में कामयाब योजना चला चुके ,है ,, लेकिन यह पब्लिक
है ,इन्हे अतिक्रमण के बगैर सुकून ही नहीं मिलता ,दूकान के बाहर सामान जमा
कर दो तीन मीटर तक सड़क पर सामान जमाये बगैर सुकून ही नहीं मिलता ,,जयपुर
में बरामदे खाली हो गये तो कोटा में फुटपाथ खाली होना ,अतिक्रमण हटाना
,,दुकानों के बाहर बिना किसी पक्षपात के अतिक्रमण हटाना कोई मुश्किल काम
नहीं है ,लेकिन गरीबों के मसीहा अशोक गहलोत ,,शांति धारीवाल ,आज भी गरीब
ज़रूरत मंद लोगों की परेशानी समझते है ,,नगरपालिका अधिनियम के प्रावधान और
सुप्रीमकोर्ट के आदेश के तहत कोई भी दुकानदार अपनी दुकान की सीमा के अलावा
कोई अतिक्रमण नहीं करेगा ,,सामान कर सड़के छोटी नहीं करेगा ,,सिर्फ अगर
नाली है तो फोल्डिंग लोहे की जाली लगाएगा जो दुकान बंद होते है फोल्ड होकर
ऊपर हो जाएगी ऐसे क़ानूनी निर्देश है ,,इसके अलावां नही ज़रूरत मंद स्वरोज़गार
अतिक्रमणकारी के लिए अशोक गहलोत ,शांति धारीवाल साहब ने फेरी लगाकर अस्थाई
रूप से सामान बेचकर रोज़गार करने वालों के लिए नियम बनाये है ,शीघ्र ही एक
कमेटी मंत्री दर्जा की भी गठित होने वाले है ,इस कमेटी का मुख्यकार्य अलग
अलग शहरों में नगर पालिका क़ानून के तहत सर्वेक्षण करना , अस्थाई रूप से
,रोज़ सामान जमाकर सड़क से एक तरफ रोज़गार करना और अपने साथ ,पोटली बांधकर सभी
सामान ले जाने वाले रोज़गार करने वालों ,,ठेलेवालों के लिए पंजीयन
कार्यवाही के साथ ,न्यूनतम ,मासिक ,वार्षिक ,शुल्क पर ,,स्थापित करना है ,
कोटा में खुद की दूकान होते हुए भी ,सड़क पर बेवजह सामान जमा कर ,सड़क
अवरुद्ध करने ,,बेतरतीब ठेले ,बोडियां ,थड़ी लगाकर यातायात बाधित करने वालों
के खिलाफ कार्यवाही शुरू हुई है ,,पुनर्वास की भी कार्यवाही होगी ,लेकिन
हर बार की तरह पुनर्वास योजना के तहत ,,कियोस्क या ,दुकाने दिए जाने के बाद
,फिर वही अतिक्रमण ,फिर वही अव्यस्था ,फिर वही सड़क जाम तो फिर नगरपालिका
क़ानून ,,ऐसे अतिक्रमण को रोकने के लिए ज़िम्मेदार जमादार ,सेक्टर इंस्पेक्टर
नगर पालिका अधिकारीयों , पार्षद , महापौर की कोई ज़रूरत नहीं ,है ऐसे
मार्ग को बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए
कर्तव्यबद्ध पुलिसअधिनियम के तहत ,,थानाधिकारी ,उप अधीक्षक ,,पुलिस बीट
इंचार्ज ,कलेक्टर ,प्रशासन की भी कोई ज़रूरत नहीं है ,,,इसलिए कठोर
कार्यवाही बिना पक्षपात ,बिना सिफारिश के आदर्श कोटा ,,स्मार्ट सिटी ,सुंदर
कोटा ,व्यस्थित कोटा बनाने के लिए ज़रूरी है ,,देखते है ,कोन कितनी
ज़िम्मेदारी निभा पाता है ,एक छोटे से राजनितिक ब्रेक के बाद ,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)