जो लोग ईमानदार होते है ,जो लोग दमदार होते है ,,वोह सब कुछ दिन के उजाले
में किया करते है ,लेकिन जो चोर होते है ,वोह सिर्फ ,सिर्फ रात के अँधेरे
में ही चोरियां किया करते ,है ,,,जी एस टी आधी रात को ,,नोटबंदी रात को
,राष्ट्रपति शासन रात को ,,और चोरी छिपे ,, सरकार आधी रात को ,, वाह जनाब
वाह ,,बहुत नैतिकता ,है बहुत दम खत्म है ,देश का संविधान है ,शायद इन्हे भी
पता होगा ,26 नवम्बर को इस संविधान दिवस को मनाने की नौटंकी भी होगी
,लेकिन ऐसे कलंक के बाद भी ,सफेद पॉश है आप ,,,खेर स्टेशन
पर ट्रेन खड़ी है ,हमारे पास रिज़र्व टिकिट है ,हम स्टेशन पर है ,और ट्रेन
को जाना है यह जानते हुए भी ,हम मुसाफिर अगर बाहर पान खाने आ जाएंगे तो
,चोरों को ट्रेन चोरी करने का हक़ तो मिल ही जाता है ,,,नैतिकता ,नैतिकता
की हम दुहाई देकर ,,सब कुछ त्याग कर रहे है ,और अनैतिकता ,अनैतिकता ,चोरी
,फिर सीना जोरी के दम पर ,,यह लोग अपना साम्राज्य बना रहे यही तो फ़र्क़ है
देश को आज़ाद कराने वाली पार्टी , देश को बचाने वाली पार्टी और ,देश की
हुकूमत सिर्फ हुकूमत ऍन केन प्रकारेण हत्याने वाली पार्टी के बीच का ,,आज
खुद वित्त मंत्री के पति देश की आर्थिक नीतियों की आलोचना पर खुला लेख
लिखते है ,,सुबमणस्वामी देश की आर्थिक निति को तमाशा बताते है ,रिज़र्व बैंक
के गवर्नर छोड़ भागते है ,,और रिज़र्व बैंक की जो रिज़र्व मनी ,संकट काल में
काम आने वाली होती है ,वोह हम रिज़र्व बैंक से ले लेते है ,,आर्थिक हालात
देखिये ,बी एस ऍन एल बंद होने के कगार पर ,जिओ अम्बानी मित्र खुद घाटे में
अब क़ीमत बढ़ा रहे है ,,,, खुद भाजपा के प्रचारक चैनल जी न्यूज़ ,,खुद को
घाटे में बता कर कम्पनी बेच कर,,घाटा कम करने की दुहाई दे रहे है
,,चाइना बाज़ार देश में अव्वल है ,सरदार पटेल की मूर्ति चाइना से बनवाई गयी
है ,लेकिन क्या करे , सरकारी खर्च विदेश यात्राओं ,पर बेहिसाब हो सकता है
,लकिन देश के लिए मर मिटने वाले लोगों के परिजनों जिनके आज भी लोग
दुश्मन मौजूद है ,,उनकी सुरक्षा का खर्च आज देश के पास नहीं है ,सुरक्षा
योजना बदली जा रहे है ,बाबा रामदेव को सुरक्षा की ज़रूरत है ,अम्बानी जी
,उनकी पत्नी को सुरक्षा की ज़रूरत है ,,,खेर ,खर्च जब नहीं है ,तो रेलवे
स्टेशन बेचे जा रहे है ,,एयरपोर्ट बेचे जा रहे है ,हवाई सेवा एजेंसी बंद की
जा रही है ,स्कूलों कॉलेजों की फीसें बढ़ाकर घाटा कम करने के प्रयास है
,चाहे बच्चों को पुलिस से पिटवा पिटवा कर अधमरा करना पढ़े लेकिन आर्थिक संकट
है ,स्टेशन बेचने ,सुरक्षा खर्च कम करने से भी जब पूरा नहीं हो रहा तो
,छात्रों से फीस बढ़ोतरी के नाम पर वसूलेंगे ,रुपया कहा जा रहा है ,देश
जानता है ,लेकिन जो मीडिया है न जिसके पेट में मरोड़ उठ रही थी ,सीने पर
सांप लोट रहे थे ,,अब वोह चुप है ,न नैतिकता पर बहस ,न नैतिकता का पाठ ,न
बेमेल गठबंधन की चर्चा ,,मुद्दा भटकाने के लिए संस्कृत ,उर्दू ,हिन्दू
,,मुस्लिम आतंकवाद ,,भों भों भों भों ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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