आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

29 अक्तूबर 2019

राजस्थान हाईकोर्ट के विधिक प्रशासनिक सुपरविज़न में आने वाले कार्यपालक मजिस्ट्रेटों के मामलों को भी जांच के दायरे में रखने के क्रम में ,

माननीय मुख्यन्यायधीश महोदय
राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर राजस्थान
ज़रिये,, माननीय रजिस्ट्रार महोदय ,
राजस्थान उच्च न्यायलय जयपुर खंडपीठ राजस्थान
विषय ,,राजस्थान हाईकोर्ट के विधिक प्रशासनिक सुपरविज़न में आने वाले कार्यपालक मजिस्ट्रेटों के मामलों को भी जांच के दायरे में रखने के क्रम में ,,
 मान्यवर ,
राजस्थान में कार्यपालक मजिस्ट्रेट जिनके समक्ष ,दण्डप्रक्रिया मामलों की सुनवाई ,गुंडाएक्ट वगेरा सहित ,,सज़ा संबंन्धित सुनवाई होती है ,जिसकी अपील ,निगरानी याचिका जिला जज और माननीय  हाईकोर्ट में सुनवाई का  क्षेत्राधिकार है ,ऐसे मामलों की सुनवाया में न्यायिक प्रबंधन ज़रूरी है , क्योंकि अधिकारी चेंबर में बैठे रहते है ,रीडर प्रकरण का निस्तारण करते देखे जाते है ,,जबकि हर ज़िले में ऐसे मामंलों की सुनवाई  के लिए पीठासीन अधिकारी डायज़ पारा बैठे हो और वकील ,प्रतिपक्षी वकील  की उपस्थिति में न्यायिक गरीमा के तहत सुनवाई हो ,,मान्यवर कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को पता है ,उनकी पत्रावलियों को  कोई जांच  करने वाला नहीं ,इसीसलि  वोह  कई बार अव्यहारिक आदेश करते है ,अव्यवहारिक व्यवहार करते है ,अगर  माँननीय उच्च  न्यायलय के इंस्पेक्टिंग जज ,इन कार्यपालक मजिस्ट्रेटों की पत्रावलियों का भी इंस्पेक्शन करें ,,कार्यव्यवहार देखे ,आकस्मिक निरीक्षण करे ,,कार्यपालक मजिस्ट्रेटों के लिए न्यायिक कार्य के समय डाइज़ पर यूनिफॉर्म में बैठने का नियम लागू हो और नियमित डायज़ पर बैठकर सुनवाई की व्यवस्था अगर लागू हो जाए तो ,निश्चित तोर पर कार्यपालक  मजिस्ट्रेट के समक्ष आने वाले मामलों की सुनवाई में भी न्यायिक गरिमा बढ़ेगी , क्योंकि इनके मामलात निगरानी और अपील में जिला जज एव मान्यवर हाईकोर्ट के समक्ष होते है तो इनकी निगरानी ,कार्यव्यवहार पर नज़र ज़रूरी ,है   ,, में कोटा से हूँ यहां अतिरिक्त नगर दंडनायक ,वगेरा इजलास में नहीं बैठ रहे है ,चैंबर सुनवाई की रस्म होती है ,वोह भी वकील से बाहर खड़ा दरबान पर्ची मांगता है ,,फिर साहब की इच्छानुसार वकील   को बुलाकर मामला देखा जाता ,है ,, मान्यवर कोटा में कलेक्टर इजलास में बैठते है , संभागीय आयुक्त इजलास में बैठते है तो फिर इन अतिरिक्त नगर दंडनायक और समक्ष न्यायालयों को , चेंबर से बाहर आकर इजलास जो सरकार का लाखों रुपया खर्च कर बनाई गयी है ,वहां इजलास में आकर मामलों की नियमित सुनवाई में कोनसी क़ानूनी या प्रशासनिक अड़चन है यह इनसे  पूंछना चाहिए ,,
आदरणीय इस मामले में कोटा सहित राजस्थान की सभी कार्यपालक न्यायलयों में जो सी आर पी सी सहित अन्य प्रावधानों के तहत माननीय सेशन न्यायलय ,उच्चन्यायलय के अधीनस्थ सुपरविज़न में आते है ,उन्हें यूनिफॉर्म पहनकर निर्धारित क्रिमनल नियमों  के प्रावधान के तहत इजलास में बैठने के लिए निर्देशित कर मामले सुलझाने के आदेश करना अनिवार्य है ,अन्य निरीक्षण संबंधित कार्यवाही भी जिला सेशन न्यायधीश के क्षेत्राधिकार में हो जो तत्त्कालिक रूप से इजलास में सुनवाई हो रही है या नहीं इसका निरीक्षण और कारयवाहै का अधिकार भी उन्हें दिया जाए ,ताकि व्यवस्थाओं में सुधार हो , , और मजिस्ट्रेट ,अदालत ,,मामलों की सुनवाई के तहत ,पक्षकारों के ज़हन में कार्यपालक मजिस्ट्रेटों के समक्ष  सुनाई में जो नकारात्मक भ्रम होता है ,, वोह भी न्यायपालिका के सम्मान के प्रति सकारात्मक हो सके ,,
एक नागरिक

अख्तर खान एडवोकेट
2 थ 15  विज्ञाननगर मैन रोड  कोटा राजस्थान
मोबाइल 9829086339

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...