जो नेहरू जी के बाल को भी छू नहीं सकते ,,,मीडिया उस मरे हुए शख्स के
मुक़ाबिल ,,किसी ओर को फ़र्ज़ी सर्वेक्षण के आधार पर खड़ा करना चाहता है ,,क्या
आज की पीढ़ी को नेहरू द्वारा किये गए देश हित के कामकाजों की जानकारी है
,यह देश की तस्वीर जो आज है ,वोह किसकी देंन है सभी जानते है ,,क्या
सर्वेक्षण करने वाले मिडिया सर्वेयर ने ,देश की सड़क पर चलते ,लोगों से
,दुकानदारों से ,उद्योपतियों से ,मज़दूरों से ,रोज़ी ,रोटी ,कपड़ा ,मकान
,किसानों से कृषि व्यवस्था के बारे में ,कोई जानकारी ली ,अगर आज के हालात
में जानकारी ली होती ,पूंछा होता ,,धंधा केसा चल रहा है ,रोज़गार के क्या
हाल है ,,देश में भाईचारा सद्भाव केसा चल रहा है ,तो जनाब ,,खुद ही अपने
मुंह चारों खाने चित्त हो जाते है ,,यहाँ अपने मुंह ,, मियां मिटठू बनना
बहुत आसान है ,,जितना भ्रस्टाचार का ईंधन होगा ,,मिडिया की रिपोर्ट ऐसी ही
आग दिखाएगी ,भाई ,खेर ,देश का हर नौजवान ,हर किसान ,हर बेरोज़गार
,,उद्योगपति ,,देश के हालातों को देख रहा है ,,खुद सुब्रमणस्वामी जो भाजपा
के सांसद है क्या कहते है उनसे ही पूंछ लीजिये ,मुरली मनोहर जोशी
,लालकृष्ण आडवाणी ,क्या कहते है ,ज़रा उनकी सुन लीजिये ,,नहीं तो जिस इष्ट
को सर्वेयर मानते है ,उस ईष्ट की क़सम खाकर खुद ही कह दे ,के देश की
विकास दर ,, घटी है या बढ़ी है ,फिर क्या कहेंगे ,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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