एक घटाटोप अँधेरे के बाद एक सुबह , खुशनुमा सुबह न सही ,लेकिन एक सुबह तो
हुई ,,देर आयद लेकिन दुरुस्त नहीं आयद ,खेर जब आ ही गए तो दुरुस्त भी हो
जाएंगे ,,छह साल के सफर के बाद देश में कश्मीर ,,जम्मू ,लद्दाक का मामला
थोड़ा थोड़ा सा बदला गया है ,,अच्छी बात है ,स्वागत योग्य क़दम है ,,हिम्मत की
बात है ,इसे और बेहतर किया जा सकता था ,लेकिन जो हुआ ,जैसे हुआ
,,स्वीकार्य है ,कश्मीर में 370 हटाने का संकल्प नहीं चलेगा ,वहां से 370
पूरी तरह से हटाना होगी ,,,पूर्ण राज्य का दर्जा देकर सीमाओं की सुरक्षा
की ज़िम्मेदारी केंद्र को लेना ,होगी ,लद्दाक को अलग करने से काम नहीं
चलेगा ,वहां विदेशी घुसेठियों की नज़र है वहां पूर्ण सुरक्षात्मक क़दम रखने
,होंगे , वर्ना जश्न और ख़ुशी के माहौल में अगर हम चौकन्ने नहीं रहे ,मदमस्त
रहे ,आरोप प्रत्यारोप ,मीडिया वाहवाही मैनेजमेंट में लगे रहे तो दुश्मन के
हमले का शिकार हो सकते है ,हमे ,आपको ,सभी को मिलकर इस मौके पर चौकन्ना
रहने की ज़रूरत है ,,देश हमे फिर से मिल गया है ,आधा अधूरा ही सही ,लेकिन अब
यह देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक होने जा रहा है ,,क़ानूनी प्रावधान में
जम्मू कश्मीर के अलावा पुरे भारत में क़ानून लागू होने की जो भाषा लिखी
जाती थी वोह दिल को सालती थी ,अब शायद वोह जुबां बदल जायेगी ,वोह अल्फ़ाज़
बदल जाएंगे जो भी क़ानून होगा वोह जम्मू कश्मीर में लागू होगा ,लेकिन इन सब
के लिए देश को आमसहमति बनाने की ज़रूरत है ,कश्मीर में अमन ,,सुकून रहे
,,विकास हो ,योजनाओं का लाभ मिले ,,वहां देश का हर नागरिक जाकर बस सके
,,,खासकर जो रिफ्यूजी कश्मीरी पंडित है ,उनका समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर
,उन्हें पुनर्वासित किया जाए ,उन्हें उनकी खोई हुई ज़मीन ,खोई हुई प्रतिष्ठा
मुआवज़े सहित वापस दिलवाई ,जाए इस पर सर्वसम्मति बने ,केंद्र सरकार को
,मीडिया को कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से बेदखल के कारणों के साथ साथ
,कश्मीरी पंडित भाई बहनों पर पुनर्वास को लेकर ,आर्थिक मदद को लेकर कब कब
कितनी मदद दी गयी ,क्या व्यवस्थाये की गयी ,उनका लाभ कश्मीरी पंडित भाई
बहनों को मिला या नहीं ,कश्मीरी पंडितों को अभी क्या सुविधाएं अतिरिक्त दी
जाती रही है ,,उसपर भी श्वेत पत्र जारी होना चाहिए ताकि कई चेहरे बेनक़ाब हो
सकें ,अभी जश्न की ज़रूरत नहीं ,,कश्मीर से जब 370 आर्टिकल सम्पूर्ण खत्म
हो जाए ,भाई कश्मीरी पंडित पूरी तरह से बस जाए ,लद्दाक की सीमाएं सुरक्षित
हो ,,कश्मीर पर्यटकों के लिए सुरक्षित ,जम्मू उद्योपतियों के लिए चिमनियों
से उत्पादन की आग उगलने लगे ,रोज़गार लोगों को मिले तभी हमारी ख़ुशी की
पराकाष्ठा होगी ,और वोह दिन हमारे लिए कोई मुश्किल भी नहीं ,सर्वसम्मति
बनाई जाए ,,विकास की योजनाए चलाई जाए ,,नियत में साफ सुथरापन है यह समझाया
जाए ,दो क़दम बातचीत के लिए बढ़ाया जाए ,थोड़ी सख्ती ,,थोड़ी नरमी का रुख
अपनाया जाए ,,उदारता भी राष्ट्रिय सुरक्षा की ज़िम्मेदारी निभाते हुए दिखाई
जाए ,विकास हो ,निष्पक्ष व्यवस्थाएं हो ,,लोकसभा में बहुमत ,राज्य सभा में
समर्थन ,तो 370 वापसी के संकल्प से काम नहीं ,चलेगा ,इसे पूरी तरह से खत्म
करना होगा ,,भविष्य में इसका कोई दुरूपयोग न हो इसलिए इस धरा 370 जड़ से
खत्म कर फिर दुबारा इसे कोई लागू न कर सके ऐसे निरोधात्मक प्रावधान भी हमे
जोड़ना होंगे ,आखिर नेहरू जी का संकल्प आज पूरा हुआ ,,,,बस इस संकल्प को
संकल्प नहीं पूरा करने के लिए देश को एक जुट रहने की ज़रूरत है
,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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