कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण भार्गव संघर्षशील व्यक्तित्व होने के बावजूद भी सेवाभावी ,विनम्र होने से हर दिल अज़ीज़ है ,वोह बिना किसी प्रतिफल के ,,बिना किसी सियासी
फायदे के ,जनहितकार्यों में सेवाभाव के साथ जो कार्य करते है ,वही उनकी
संतुष्टि है ,यही संतुष्ठी उनका पुरस्कार है ,उन्हें यह फ़िक्र भी हरगिज़
नहीं के उनके द्वारा किये गए संघर्ष ,किये गए कार्यों के बदले उन्हें
पुरस्कार स्वरूप ज़िम्मेदारियाँ क्यों नहीं दी गयी ,,अरुण भार्गव कहते है
,,शान्ति कुमार धारीवाल कोटा के ऐसे वरदान लीडर है ,,जो कोटा को विकसित कर
दूसरे ज़िलों से सो साल आगे ले जाने की क्षमता रखते है ,और इसीलिए शांति
कुमार धारीवाल कोटा के ही नहीं राजस्थान के विकास विज़न ,विकास पुरुष के रूप
में अपनी पहचान स्थापित कर चुके है ,
दोस्तों कोटा के जुझारू और संघर्ष शील समर्पित कोंग्रेसी नेता नहीं सिर्फ ,,कार्यकर्ता ..जी हाँ इन्हें नेता इसलियें नहीं लिखा जा रहा है क्योंकि इन्हें खुद को नेता कहने से नाराजगी होती है ..सादा जीवन ,, उच्च विचार का भाव ,,,,,ना काहू से दोस्ती ,,ना काहू से बेर की तर्ज़ पर ,,,आप अरुणभार्गव लोगों की सेवा कार्यों में जुटे है ,, छात्र जीवन से ही संघर्ष अरुणभार्गव का मिशन बन गया है ....वेसे तो अरुण भार्गव अपने छात्र जीवन से ही पीड़ितों और शोषितों को न्याय दिलाने के लियें संघर्ष करते रहे है बस फ़र्क़ इतना है के उस वक्त इनका अधिकारीयों से काम करवाने का तरीका उग्र था ,,, यह हर तरह से ताकत के बल पर अधिकारीयों और कर्मचारियों से लोगों के काम कराने के लियें मशहूर थे .....छात्र जीवन में क्रांतिकारी और उग्र विचार रखने वाले यह क्रन्तिकारी छात्र नेता अरुण भार्गव,,, गांधी दर्शन के बारे में जानकर ,,गाँधीवादी हो गये बदलाव इनका ऐतिहासिक है के ,, अब यह जनाब विनम्र सेवा और समर्पण भाव से ही लोगों की खिदमत में जुटे है .....अरुण भार्गव को उनकी सेवाओं और संघर्ष को देखते हुए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत कार्यकाल में शान्ति कुमार धारीवाल की सिफारिश पर ,, जनभाव अभियोंग समिति का प्रदेश सदस्य और कोटा सम्भाग का प्रभारी नियुक्त किया था .....कोटा के सभी लोग जानते है ,, कोंग्रेस कार्यकर्ता के रूप में,, घर घर और गली गली जाकर,, लोगों के घरों में दस्तक देकर उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाला यह सेवक ,,लोगों की आँखों का तारा है ...खुद अपने जीवनयापन के लियें ,,स्कूल संचालित कर रहे है,, लेकिन लोगों के कामों में व्यस्तता के कारण इनका,,, शिक्षा मिशन , इनके भाई संभाल रहे है ..अरुण भार्गव कोटा नागरिक सहकारी बेंक के उपाध्यक्ष भी रहे हैं .., आज भी वोह सहकारिता आन्दोलन के लियें संघर्ष शील है ..अरुण भार्गव राजस्थान सरकार में शेर दिल विकासवादी सोच रखने वाले स्वायत शासन मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के वफादारों में से प्रमुख है ,, इसीलियें कोटा में मुफ्त और तुरंत चिकित्सा के लियें ,,कोटा की जनता को यह जनाब ,,,आदरणीय शांति कुमार धारीवाल के बिहाफ पर,, सुविधाएँ उपलब्ध कराते है ...बच्चों में चाचा नेहरु कहे जाने वाले भाई अरुण भार्गव ,,बच्चों के शोषण के खिलाफ ,,,आवाज़ उठाते रहे है ,, इसीलियें इन्हें राजस्थान सरकार ने जिला बाल समिति में भी ज़िम्मेदारी देकर बच्चों के खिलाफ हो रहे शोषण में इन्साफ की कमान दी थी ,, , यह जनाब इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा चुके है ....अरुण भार्गव कोंग्रेस संगठन में सक्रिय नेता होने के कारण रामपुरा ब्लोक के अध्यक्ष रहे और कांग्रेस की सभी जिम्मेदारियां संभाल रहे है ..हर दुखी ..पीड़ित और परेशन के आंसू पोंछने के प्रयासों में जुटे ,,इस शख्सियत को अब लोग भाईसाहब के नाम से भी जानने लगे है ,,राजस्थान सरकार ने इनकी इसी प्रतिभा और सेवा समर्पण निर्भीकता को देखते हुए , इन्हें राजस्थान और खासकर कोटा संभाग की जनता को की समस्याओं के निराकरण और उनकी शिकायतें सुनवाई का ज़िम्मा सोंपा था ,,छात्र जीवन में क्रन्तिकारी डंडे के दम पर काम करवाने की पहचान बने भाई अरुण भार्गव के खिलाफ छात्र जीवन में संघर्ष को लेकर कई दर्जन मुक़दमे दर्ज थे ,जिनका निस्तारण होने के बाद अब उनका गांधीवादी बदलाव ,विनम्रता ,झुक कर प्रणाम ,बिना क्रोधित हुए जनसमस्याओं के लिए संघर्ष ,अधिकारीयों से जो शख्स पहले उठक बैठक लगवाकर अपने काम करवाने की क्षमता रखता था आज वही शख्स विनम्रता से ,आजिज़ी से इन अधिकारीयों को अपनी पावर दिखाए बगैर अपने चहेते कार्यकर्ताओं का एक विनम्र संघर्षशील जांबाज़ सिपाही कहा जा रहा है ,अरुण भार्गव सभी कार्यकर्ताओं को अपना परिवार समझकर प्यार देते है ,मोहब्बत से उनके दुखदर्दों में शामिल होते है ,अरुण भार्गव कोटा में किसी भी मृत्यु की गमी में बिमारी की तकलीफ में उन तक पहुंचकर ढांढस ज़रूर बंधाते है ,उनके दुःख में शामिल होते है ,,एक पत्र के माध्यम से खुद की तरफ से ,,शांति कुमार धारीवाल मंत्री साहब की तरफ से शोक जताकर शोकसभा में शामिल होते ,है किसी भी मरीज़ की बिमारी के मुफ्त इलाज ,मुफ्त जांच ,,दवाइयों के प्रबंध के लिए चिकित्सकों से रोज़ माथाफोड़ी करते नज़र आते है ,,,हमने उनके उस छात्र जीवन का संघर्ष भी देखा है जब यह आगे आगे ,,पुलिस पीछे पीछे ,कभी सरदार के भेस में पुलिस को चकमा देकर यह अपने संघर्षों में शामिल होते थे ,कभी सरकारी वाहनों का दुरूपयोग कर रहे अधिकारीयों के वाहन सरे राह ज़ब्त कर उन्हें सड़क पर मुर्गा बनाते थे ,तो कभी सिनेमाघरों में छात्रों को कनसिशन नहीं देने पर सिनमाघरों में पेट्रोल छिड़क कर आग लगाते थे ,तो कभी रोडवेज बसों .में छात्रों को रियायती टिकिट नहीं देने पर ,रोडवेज बसों में तोड़फोड़ करते थे ,रोडवेज के अधिकारीयों को रियायती टिकिट देने पर मजबूर करते थे तो कभी रोज़गार कार्यालयों उद्योगों में छात्रों के रोज़गार के लिए प्रदर्शन ,हंगामे करते थे ,आज वही अरुण भार्गव करुण भार्गव बन गए है ,,विनम्रता ,गांधीवादिता ,झुककर मिलना ,झुककर सलाम करना ,प्यार बांटना ,गर्मा गर्मी होने पर भी चुप्पी साध लेना उनके इस बदलाव को सलाम करने को जी चाहता है ,,, .इश्वर करे ..खुदा करे भाई अरुण भार्गव अपन इस मिशन में इस हद तक कामयाब हों के कोटा जिले ही नहीं कोटा संभाग में ही नहीं पुरे राजस्थान में कोई पीड़ित नहीं रहे और किसी की भी शिकायत ऐसी नहीं हो जिसका तुरंत निराकरण नहीं हो सके ऐसी शख्सियत को सलाम ..आदाब ..मुबारकबाद .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
दोस्तों कोटा के जुझारू और संघर्ष शील समर्पित कोंग्रेसी नेता नहीं सिर्फ ,,कार्यकर्ता ..जी हाँ इन्हें नेता इसलियें नहीं लिखा जा रहा है क्योंकि इन्हें खुद को नेता कहने से नाराजगी होती है ..सादा जीवन ,, उच्च विचार का भाव ,,,,,ना काहू से दोस्ती ,,ना काहू से बेर की तर्ज़ पर ,,,आप अरुणभार्गव लोगों की सेवा कार्यों में जुटे है ,, छात्र जीवन से ही संघर्ष अरुणभार्गव का मिशन बन गया है ....वेसे तो अरुण भार्गव अपने छात्र जीवन से ही पीड़ितों और शोषितों को न्याय दिलाने के लियें संघर्ष करते रहे है बस फ़र्क़ इतना है के उस वक्त इनका अधिकारीयों से काम करवाने का तरीका उग्र था ,,, यह हर तरह से ताकत के बल पर अधिकारीयों और कर्मचारियों से लोगों के काम कराने के लियें मशहूर थे .....छात्र जीवन में क्रांतिकारी और उग्र विचार रखने वाले यह क्रन्तिकारी छात्र नेता अरुण भार्गव,,, गांधी दर्शन के बारे में जानकर ,,गाँधीवादी हो गये बदलाव इनका ऐतिहासिक है के ,, अब यह जनाब विनम्र सेवा और समर्पण भाव से ही लोगों की खिदमत में जुटे है .....अरुण भार्गव को उनकी सेवाओं और संघर्ष को देखते हुए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत कार्यकाल में शान्ति कुमार धारीवाल की सिफारिश पर ,, जनभाव अभियोंग समिति का प्रदेश सदस्य और कोटा सम्भाग का प्रभारी नियुक्त किया था .....कोटा के सभी लोग जानते है ,, कोंग्रेस कार्यकर्ता के रूप में,, घर घर और गली गली जाकर,, लोगों के घरों में दस्तक देकर उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाला यह सेवक ,,लोगों की आँखों का तारा है ...खुद अपने जीवनयापन के लियें ,,स्कूल संचालित कर रहे है,, लेकिन लोगों के कामों में व्यस्तता के कारण इनका,,, शिक्षा मिशन , इनके भाई संभाल रहे है ..अरुण भार्गव कोटा नागरिक सहकारी बेंक के उपाध्यक्ष भी रहे हैं .., आज भी वोह सहकारिता आन्दोलन के लियें संघर्ष शील है ..अरुण भार्गव राजस्थान सरकार में शेर दिल विकासवादी सोच रखने वाले स्वायत शासन मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के वफादारों में से प्रमुख है ,, इसीलियें कोटा में मुफ्त और तुरंत चिकित्सा के लियें ,,कोटा की जनता को यह जनाब ,,,आदरणीय शांति कुमार धारीवाल के बिहाफ पर,, सुविधाएँ उपलब्ध कराते है ...बच्चों में चाचा नेहरु कहे जाने वाले भाई अरुण भार्गव ,,बच्चों के शोषण के खिलाफ ,,,आवाज़ उठाते रहे है ,, इसीलियें इन्हें राजस्थान सरकार ने जिला बाल समिति में भी ज़िम्मेदारी देकर बच्चों के खिलाफ हो रहे शोषण में इन्साफ की कमान दी थी ,, , यह जनाब इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा चुके है ....अरुण भार्गव कोंग्रेस संगठन में सक्रिय नेता होने के कारण रामपुरा ब्लोक के अध्यक्ष रहे और कांग्रेस की सभी जिम्मेदारियां संभाल रहे है ..हर दुखी ..पीड़ित और परेशन के आंसू पोंछने के प्रयासों में जुटे ,,इस शख्सियत को अब लोग भाईसाहब के नाम से भी जानने लगे है ,,राजस्थान सरकार ने इनकी इसी प्रतिभा और सेवा समर्पण निर्भीकता को देखते हुए , इन्हें राजस्थान और खासकर कोटा संभाग की जनता को की समस्याओं के निराकरण और उनकी शिकायतें सुनवाई का ज़िम्मा सोंपा था ,,छात्र जीवन में क्रन्तिकारी डंडे के दम पर काम करवाने की पहचान बने भाई अरुण भार्गव के खिलाफ छात्र जीवन में संघर्ष को लेकर कई दर्जन मुक़दमे दर्ज थे ,जिनका निस्तारण होने के बाद अब उनका गांधीवादी बदलाव ,विनम्रता ,झुक कर प्रणाम ,बिना क्रोधित हुए जनसमस्याओं के लिए संघर्ष ,अधिकारीयों से जो शख्स पहले उठक बैठक लगवाकर अपने काम करवाने की क्षमता रखता था आज वही शख्स विनम्रता से ,आजिज़ी से इन अधिकारीयों को अपनी पावर दिखाए बगैर अपने चहेते कार्यकर्ताओं का एक विनम्र संघर्षशील जांबाज़ सिपाही कहा जा रहा है ,अरुण भार्गव सभी कार्यकर्ताओं को अपना परिवार समझकर प्यार देते है ,मोहब्बत से उनके दुखदर्दों में शामिल होते है ,अरुण भार्गव कोटा में किसी भी मृत्यु की गमी में बिमारी की तकलीफ में उन तक पहुंचकर ढांढस ज़रूर बंधाते है ,उनके दुःख में शामिल होते है ,,एक पत्र के माध्यम से खुद की तरफ से ,,शांति कुमार धारीवाल मंत्री साहब की तरफ से शोक जताकर शोकसभा में शामिल होते ,है किसी भी मरीज़ की बिमारी के मुफ्त इलाज ,मुफ्त जांच ,,दवाइयों के प्रबंध के लिए चिकित्सकों से रोज़ माथाफोड़ी करते नज़र आते है ,,,हमने उनके उस छात्र जीवन का संघर्ष भी देखा है जब यह आगे आगे ,,पुलिस पीछे पीछे ,कभी सरदार के भेस में पुलिस को चकमा देकर यह अपने संघर्षों में शामिल होते थे ,कभी सरकारी वाहनों का दुरूपयोग कर रहे अधिकारीयों के वाहन सरे राह ज़ब्त कर उन्हें सड़क पर मुर्गा बनाते थे ,तो कभी सिनेमाघरों में छात्रों को कनसिशन नहीं देने पर सिनमाघरों में पेट्रोल छिड़क कर आग लगाते थे ,तो कभी रोडवेज बसों .में छात्रों को रियायती टिकिट नहीं देने पर ,रोडवेज बसों में तोड़फोड़ करते थे ,रोडवेज के अधिकारीयों को रियायती टिकिट देने पर मजबूर करते थे तो कभी रोज़गार कार्यालयों उद्योगों में छात्रों के रोज़गार के लिए प्रदर्शन ,हंगामे करते थे ,आज वही अरुण भार्गव करुण भार्गव बन गए है ,,विनम्रता ,गांधीवादिता ,झुककर मिलना ,झुककर सलाम करना ,प्यार बांटना ,गर्मा गर्मी होने पर भी चुप्पी साध लेना उनके इस बदलाव को सलाम करने को जी चाहता है ,,, .इश्वर करे ..खुदा करे भाई अरुण भार्गव अपन इस मिशन में इस हद तक कामयाब हों के कोटा जिले ही नहीं कोटा संभाग में ही नहीं पुरे राजस्थान में कोई पीड़ित नहीं रहे और किसी की भी शिकायत ऐसी नहीं हो जिसका तुरंत निराकरण नहीं हो सके ऐसी शख्सियत को सलाम ..आदाब ..मुबारकबाद .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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