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13 जुलाई 2019

कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का

कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का ,इसी पक्के इरादे के चलते ,सीकर फेमिली कोर्ट के जज आदरणीय तिरुपति गुप्ता साहब ने ,बिछड़े हुए परिवारों को मिलाने और मुक़दमों के आपसी समझाईश से निस्तारण का इतिहास रचा है ,,ऐसे जज आदरणीय तिरुपति गुप्ता साहब ,उनके स्टाफ ,सीकर के सहयोगी वकीलों को इस ऐतिहासिक कामयाबी के लिए बधाई दिली मुबारकबाद ,,,कहते है बिछड़े हुओं को मनाना ,,रूठों हुओं को मिलाना एक आत्मिक पुण्य का कार्य है ,जब कोई परिवार आपसी लिखापढ़ी के साथ एक दूसरे से पति पत्नी का रिश्ता समाप्त कर चूका हो ,और ऐसे परिवार मोटिवेशन के बाद फिर से अपने परिवार को बनाने ,घर बसाने के लिए उत्साहित होकर नयी ज़िदंगी की शुरुआत करने लगे तो यह एक पारिवारिक न्यायालय और खासकर लोकअदालत की समझाइश प्रक्रियां की कामयाबी की पराकाष्ठाः है जो असम्भव होने पर भी आदरणीय तिरुपति गुप्ता साहब ने इसे सम्भव कर दिखाया है ,,,सीकर फेमिली कोर्ट में परिवारों के विघटन की जगह ,मिलन के इस समारोह को देखकर लोग अचम्भित थे और समझाइश के प्रयास ,समझाइश की सकारात्मक सोच को सेल्यूट सलाम करते हुए नज़र आ रहे थे ,,सीकर फेमिली कोर्ट में वर्तमान में कुल 900 केस विचाराधीन है ,इन मुक़दमों में से दो सो मुक़दमे लोकअदालत की भावना से समझाइश के लिए रखे गए ,, जिसमे से 95 मुक़दमों का निस्तारण आपसी समझाइश के बाद लोकअदालत की भावना से निस्तारण का अनुकरणीय इतिहास रच गया ,सीकर पारिवारिक न्यायालय में कुल पेंडेंसी 900 मुक़दमों मे से 95 मुक़दमों का निस्तारण आंकड़ा अगर हम देखें तो यह 11 प्रतिशत है जो अपने आप में सर्वाधिक है जबकि कुल लोकअदालत में लगाए गए 200 मुक़दमों में उपस्थित पक्षकारों की 150 मुक़दमों की संख्या के अनुपात से यह आँकड़ा निकाला जाए तो समझौते का यह इतिहास गिनीज़ रिकॉर्ड में दर्ज होने जैसा हो गया है ,,,तिरुपति गुप्ता साहब के प्रयासों से सीकर के दो परिवार जो पूर्ण रूप से अलग हो गए ,सामानों का लेनदेन हो गया ,, लेकिन फिर से समझाइश के दौरान उनका पुराना प्यार ,पुराना भरोसा ,विश्वास जाग्रत हुआ और आज अल्लाह का शुक्र है के यह परिवार बिछड़ने की जगह फिर से एक होकर अपनी खुशहाल ज़िंदगी को जीने के लिए इस लोकअदालत के माध्यम से रवाना हो गए है ,,तिरुपति गुप्ता इस कामयाबी का श्रय अकेले नहीं लेना चाहते वोह इस कामयाबी के पीछे पारिवारिक न्यायालय सीकर का स्टाफ , पक्षकारों का सकारात्मक रुख ,जिला जज का सहयोग और माननीय राजस्थान उच्चन्याययालय का मार्गदर्शन को प्रमुख रूप से मानते है ,खेर जो भी हो लेकिन ऐतिहासिक कामयाबी तो कामयाबी है इसके लिए आदरणीय तिरुपति गुप्ता साहब सीकर पारिवारिक न्यायधीश ,,स्टाफकर्मी ,पक्षकारान ,, सीकर जिला जज ,और माननीय राजस्थान उच्चन्यायलय के मोटिवेशन के लिए बधाई ,मुबारकबाद ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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