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31 मई 2019

दोस्तों वैसे में जातिवाद नेतृत्व का समर्थक नहीं

दोस्तों वैसे में जातिवाद नेतृत्व का समर्थक नहीं ,लेकिन जब बदहाल मुस्लिम नेतृत्व और दूसरी जातियों में संघर्ष नेतृत्व में नेताओं का करेक्टर देखता हूँ तो सच मुझे खुद अपने समाज ,अपनी  जाति के नेतृत्व पर शर्मिंदगी के सिवा कुछ ख़ास हांसिल नहीं हो पाता है ,में तुलना कर रहा था मांगरोल निवासी रमज़ान की जेल अभिरक्षा में पुलिस पिटाई से मोत के बाद एफ आइ आर नहीं लिखने और मुआवज़ा देकर उसके परिजनों को इन्साफ नहीं देने के बाद हमारे समाज के विधायकों सहित दूसरे लोगों की चुप्पी की ,दूसरी तरफ मेने  टोंक देवली उनियारा नगर फोर्ट के भजन लाल मीणा ट्रेक्टर चालक की मोत के बाद पुलिस अधिकारियो के खिलाफ हत्या का मुक़दमा दर्ज करने ,,परिजनों को नौकरी मुआवज़ा देने की मांग पर इसी क्षेत्र के विधायक इनके समाज के पूर्व पुलिस महानिदेशक को कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना देते हुए देखा है ,.बात सही है सभी एक्टिविस्टों को जाती धर्म के बंधन तोड़कर निष्पक्ष प्रताड़ित लोगों की मदद करना चाहिए ,लेकिन जब यह इन्साफ बोझ बन जाए ,,कोई सुनवाई नहीं हो तो समाज ,धर्म के प्रतिनिधियों को पार्टी लाइन से अलग हठ कर इस मामले में निति ज़रूर बनाना चाहिए ,रमज़ान , के माह तत्काल पूर्व  पुलिस की पिटाई के बाद मोत का ग्रास बना  ,,तत्काल जो कुछ हम से दूसर एक्टिविस्टों से हो सका किया ,लेकिन क्षेत्रीय विधायक और दूसरे हमारे हमदर्द प्रतिनिधि जयपुर के एक विज़िटर विधायक के आने के बाद सक्रिय हुए और वोह रमज़ान के परिजनों का हाल जानने पहुंचे अभी तक नतीजा कुछ नहीं निकला है ,रमज़ान का परिवार अंसार हुसैन अंसारी इन्दोरी एडवोकेट की मदद से क़ानूनी लड़ाई अलबत्ता लड़ने की तैयारी में है ,लेकिन रमज़ान के समाज के विधायकों ने ,पार्टी पदाधिकारियों ने अभी तक इस इंसाफ की लड़ाई में ठेंगा ही दिखाया है ,,अभी तक मेरे पत्र पर भी कोई विचार नहीं हुआ ,इंसाफ के मामले में पहल नहीं हुई ,जबकि मुझ से बसपा विधायक वाजिब मोहम्मद साहब ने खुद आगे बढ़कर इस घटनाक्रम का ब्यौरा लिया था ,मेने उनसे आग्रह किया था ,,हो सकता है हम मजबूर हो बेबस हो ,हमारी पार्टी के निर्वाचित विधायक किसी चमचागिरी की वजह से इस मामले को खुलकर न उठा पाए इसलिए प्लीज़ आप तो इस मामले को ज़रा ज़िम्मेदारी से उठा लेना उन्होंने पूरा वायदा किया है ,लेकिन अभी तक दानिश अबरार विधायक साहब ,मंत्री प्रमोद भाया साहब की मांगरोल रमज़ान के घर दुःख दर्द सुनने की घटना के बाद ,वाजिब अली बसपा विधायक की इंक्वायरी और कुछ जयपुर के समाजसेवकों द्वारा जानकारियां लेने के बाद भी आज तक मृतक रमज़ान को उनके वीडियो वाइरल के बाद भी माह ऐ रमज़ान में कोई इंसाफ नहीं मिल पाया है ,खेर देखते है आगे क्या होता है ,,वैसे मुख्यमंत्री महोदय को विस्तृत जानकारी पत्र के माध्यम से दी है ,भरोसा है वोह संवेदनशील है ,, चुनाव आचार संहिता खत्म हो गयी अब वोह इस मामले में दानिश अबरार की अगर कोई रिपोर्ट उनके पास गयी होगी ,या क्षेत्रीय मंत्री प्रमोद जी  भाया ने कोई सुझाव दिया होगा तो कोई कार्यवाही ज़रूर करेंगे फिर भी मेने रमज़ान की घटना से संबंधित उनके परिजनों की मुआवज़े की मांग के साथ पृथक पत्र आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय को भेजा है निश्चित तोर पर कोई राहत ज़रूर मिलेगी ,,इंसाफ ज़रूर मिलेगा ,,लेकिन बस जयपुर विधानसभा में बैठे हमारे अपने विधायकों से एक सवाल था अगर रमज़ान को रमज़ान के माह में पुलिस पिटाई से मोत के बाद इंसाफ नहीं मिल पाया तो क्या वोह विधायक भी हरीश मीणा टोंक उनियारा कांग्रेस विधायक हरीश मीणा  की तर्ज़ पर अपने समाज के जस्टिस फॉर रमज़ान के लिए संघर्ष करेंगे ,धरना देंगे ,,अपनी ही सरकार के आदरणीय मुख्यंत्री महोदय को घटना से व्यक्तिगत मिलकर अवगत कराकर इन्साफ दिलवाएंगे यह एक प्रश्न चिन्ह है ,जवाब आप लोगों को मेरे समाज के लोगों को ही देना है ,वैसे रमज़ान किसी के इन्साफ का मोहताज नहीं उसकी क़ानूनी लड़ाई चल रही है ,अल्लाह के इन्साफ पर भरोसा है ,इन्शाहलाह उसे इंसाफ ज़रूर मिलेगा ,लेकिन ऐसी घटनाओं से हमारे समाज ,हमारे धर्म के नाम पर टिकिट लेकर ,पद लेकर बैठने वाले लोगों की चुप्पी बेग़ैरती से कम कुछ नहीं होती है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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