सरकार किसी भी सियासी पार्टी की हो ,लेकिन सड़को पर बेशुमार गड्डो से
,हज़ारों दुर्घटनाये रोज़ हो रही है ,,केंद्र सहित राज्य ,सरकारों के खिलाफ
प्रसंज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक याचिका स्वीकार कर इस
मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई आगामी 18 सितम्बर को नियत की है ,,देश ,,राज्यों
,निकायों ,पंचायत की सड़को की बदहाली मीडिया तो दिखायेगा नहीं ,,लेकिन अगर
हम खुद जागरूक होकर इन तस्वीरों ,रिपोर्ट्स को सुप्रीमकोर्ट डाक के ज़रिये
या फिर ई मेल के ज़रिये भेजते है ,मिडिया पर इन खबरों को दिखाने का दबाव
बनाते है तो हो सकता है ,देश की केंद्र ,राज्य सरकारों को इस मामले में
लोगो को बेमौत मरने से बचाने का कोई निर्देश सुप्रीम कोर्ट जारी कर दे
,,,,सुप्रीम कोर्ट नंबर तीन में सिविल पी आई एल रिट संख्या ,,295/2012
बउनवान एस राजा सी करण बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया वगेरा मामले में 20 जुलाई
2018 को जस्टिस मदन बी लोकुर एवं जस्टिस दीपक गुप्ता की डबल बेंच ने
राज्यों की सुनवाई के बाद मोटर व्हीकल संशोधन बिल पर विचार करते हुए ,वाहन
बीमा नियमों को लेकर तृतीय पक्षकार बीमा सहित दूसरे नियमों में पांच साला
बीमा संबंधित आदेश दिए ,थे उसके बाद वाहनों की खरीद पर असर भी पढ़ा है ,,इसी
याचिका में सड़को पर हो रहे गड्डों की वजह से हो रही लगातार मौतों को
,सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए इस संबंध में क्षतिपूर्ति की
ज़िम्मेदारी फेटल एक्सीडेंट एक्ट के प्रावधानों के तहत तय करने की बात करते
हुए ,सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति माध्यमों से रिपोर्ट
मांगी है ,,सड़क सुरक्षा समिति तो अपनी रिपोर्ट देगी ,ही लेकिन देश के
नागरिक ,,वकील ,पत्रकार ,,आम आदमी होने की वजह से हमे भी इस सुनवाई में
अपनी जानकारियां जनहित में माननीय सुप्रीमकोर्ट तक 18 सितंबर के पहले
सुप्रीम कोर्ट नंबर तीन में सिविल पी आई एल रिट संख्या ,,295/2012 बउनवान
एस राजा सी करण बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया वगेरा मामले में 20 जुलाई 2018 को
जस्टिस मदन बी लोकुर एवं जस्टिस दीपक गुप्ता की डबल बेंच आगामी पेशी 18
सितम्बर अंकित कर तत्काल गड्डों की लेटेटस्ट तस्वीरें ,,अगर दुर्घटना की
कोई जानकारी ,मृतक के नाम पते ,,घायलों के नाम पते ,संबंधित थाने की
कार्यवाही की जानकारी हो तो प्लीज़ ज़रूर वक़्त से पहले भिजवाए ताकि सड़क
सुरक्षा समिति ,,राज्य व् केंद्र सरकारों के प्रतिनिधियों से अगर कोई
आंकड़ों में सच की तस्वीर दिखाने में चूक भी हो जाए तो ,,माननीय
सुप्रीमकोर्ट में आपकी जागरूकता के चलते सड़को पर हो रहे गड्डों से हो रही
दुर्घटना की जानकारी पहुंच सके ,और एक बात और ,,सड़को पर टोलटैक्स देने के
बाद भी ,,आवारा मवेशियों के जमघट से भी हो रही दुर्घटनाओं ,,बाधाओं ,,और
केंद्र सरकार के ठेकेदारों द्वारा सड़क सुरक्षा ,,सड़क में गड्ढों के भराव
,,सड़को से आवारा मवेशियों की सफाई ,सहित सभी बाधाएं सुनिश्चित करने के लिए
जो भी टोल टेक्स लिया जाता है और उसके बाद भी सड़के वाहनों के लिए बिंदास
सुरक्षित नहीं है ,कहीं आवारा मवेशियों का जमावड़ा है ,तो कहीं स्पीड
जानलेवा विधिविरुद्ध स्पीड ब्रेकर ,तो कहीं ,सड़को के गड्डे ही लोगो की जान
का जोखिम बने है ,ऐसे में हमारी जागरूकता अगर सुप्रीमकोर्ट को ,केंद्र
,राज्य ,,स्थानीय निकाय सहित सभी तरह की सड़को में दुर्घटनाओं के कारण जिनमे
गड्डे ,,आवारा मवेशी ,,विधिविरुद्ध स्पीड ब्रेकर ,अन्य बाधाओं और
अव्यवस्थाओ की जानकारी पहुंचाएंगे तो हो सकता है ,सुप्रीमकोर्ट इस सुनवाई
में इन तथ्यों को शामिल कर कोई ऐसे आदेश जारी कर दे जिसकी पालना के बाद
किसी की जान जोखिम में डलने से बच सके ,या फिर अगर दुर्भाग्य से दुर्घटना
हो जाए तो ऐसे पीड़ितों के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि के लिए कोई एक्शन
प्लान बन सके ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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