दोस्तों आज देश के सवा सो करोड़ लोगो के ही नहीं ,बल्कि विश्व के
,,सिद्धांतों के बादशाह ,,सत्यमेव जयते ,के योद्धा ,शिक्षक ,,श्रीकृष्ण का
जन्मोत्सव सभी लोग मना रहे है ,,मुरलीमनोहर के जन्म दिवस पर सभी को बधाई
,मुबारकबाद ,,,सभी जानते है नटखट बालगोपाल ,,एक न्यायवादी शिक्षक ,इन्साफ
के योद्धा थे ,,लेकिन अफ़सोस उन्हें हम स्वीकारते तो है ,लेकिन उनकी
शिक्षाओं पर हम आज चल नहीं पा रहे है , श्रीकृष्ण ने ज़ुल्म ,,अत्याचार करने
वाले उनके मामा कंस का वध अत्याचारी होने की वजह से किया ,,जबकि गोपालन को
उन्होंने आदर्श व्यवस्था से बढ़ावा दिया ,,एक गोपालक किस तरह से अपनी
गांयों की देखरेख करेगा ,,उनसे प्यार करेगा ,,दूध निकालकर उन गांयों को
सड़को पर या गाँवों में यूँ ही उत्पात मचाने के लिए नहीं ,छोड़ेगा ,,दुधारू
गांयों के अलावा अन्य गांयों का व्यापार नहीं करेगा ,,जो दूध ,,दही ,,घी
,मक्खन निकलता है वोह बच्चो को खिलायेगा ,,दूसरे स्थानों पर ,दूसरे गाँवों
,या बाहर भेजकर उसका व्यापार नहीं करेगा ,जैसी सीख उन्होंने दी ,उन्होने
मक्खन चुराकर बच्चो को मक्खन खिलाने का संदेश दिया ,तो बाहर मटके दूध ,दही
,घी ,वगेरा बेचने जाते वक़्त ,मटके तोड़कर उन्होंने इसका व्यापार अपने
क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में करने का विरोध संदेश दिया ,ताके उसी क्षेत्र
में यह सब उचित दाम पर उपलब्ध हो सके ,,महिलाओं को उन्होंने निर्वस्त्र
होकर ,खुलेआम नदियों पर नहाने पर उनके कपड़े लेजाकर खुलेआम नग्नता का
विरोध कर महिलाओं को बंद स्थान पर ,नहाने ,कपड़े पहनकर ही रहने का पैगाम
दिया ,,भगवत गीता के ज़रिये ,पुरे विश्व को गीता का ज्ञान देने वाले ,कान्हा
,ने सत्यमेव् जयते ,यानी हर हाल में सच के साथ रहो ,सच अकेला हो सकता है
,लेकिन जीत सच की ही होती है ,ऐसा सन्देश कान्हा ने हमे दिया ,महाभारत के
ज़रिये उन्होंने द्रोपदी की अस्मत तार तार होते वक़्त प्रकट होकर ,महिलाओं के
संकट में उनकी इज़्ज़त अस्मत खतरे में होने पर ,उनकी इज़्ज़त बचाने का संदेश
दिया ,तो कम संख्या में होने पर भी अनाचारियों की संख्या अधिक होने पर
भी बेखौफ होकर सच के पक्ष में जंग लड़ने की सीख दी ,कान्हा ने ,इन्साफ की
जंग में ,, समझाइश के बाद अगर बुराई के पक्ष में बुराई के साथ ,,बुरे लोगो
के साथ उनके अपने भी खड़े हो ,,नातेदार ,रिश्तेदार भी हो तो ,इस जंग में
सत्यमेव जयते के लिए केसा भी खून खराबा हो ,किसी भी हद की जंग हो लड़ने का
आह्वान उन्होंने किया ,हम ,सोचे आज हम पार्टी ,पोलटिक्स में बंट कर ,नेताओ
की चम्पी कर रहे है ,अपनी पार्टी ,अपने नेता गलतियों पर गलतियां कर रहे है
,लेकिन हम उन्हें गलत जानकर ,,उन्हें बुरा जानकर ,बुराई का साथ देकर उसी
नेता के पीछे रहते है ,हम सच के साथ नहीं रहते ,अपने परिजनों की बुराई के
साथ रहते है ,या फिर उनके खिलाफ नहीं बोलते ,समाज में हमारी इस चुप्पी ने
दिशाहीन कर दिया है ,,कहाँ पाण्डवों ने ,सच की लड़ाई लड़कर ,इन श्रीकृष्ण की
सीख से ,बुराई का अंत किया था ,वहीँ आज हम बुराई के साथ है ,या तो साथ ,है
या फिर खामोश होकर मूकदर्शक है , या मुकसमर्थक है ,, महिलाओं की स्थिति हम
देखे ,,वस्त्र पहनने का सलीक़ा हम देखे ,,गोपालन का जो मंत्र ,,गोपालन की
जो शिक्षा ,गोवंश की सुरक्षा ,देखरेख का जो तरीक़ा दिखाया वोह हम कहाँ कर
रहे ,दूध निकाला ,गोवंश को सड़को पर छोड़ा ,दूध को व्यापार बनाया ,,दूध देना
बंद तो ,बीफ व्यापारियों के हवाले ,,हम ,गोवंश को राष्ट्रमाता ,राष्ट्रिय
पशु का दर्जा तक नहीं दिलवा सके ,गोवंश ,बीफ व्यापार को किसी भी सरकार में
बंद नहीं करवा सके ,कांग्रेस और दूसरे दलों की बात तो छोडो ,लेकिन भाजपा
,संघ से जुड़े साथी लोग उनके मुख्यमंत्री सांसद अगर डंके की चोट पर बीफ
व्यापार की बात करे तो श्रीकृष्ण की शिक्षा के खिलाफ ,ऐसे लोगो का दोहरा
किरदार लगता है ,,युद्ध नीति ,दोस्त दुश्मन का सलीक़ा ,गरीब दोस्तों पर
प्यार लुटाने का तरीक़ा ,,सुदामा कृष्ण का उदाहरण क्या हमारे किसी भक्त ने
करके ,दिखाया ,,,पत्नी प्रेमिका के पवित्र रिश्तों को पवित्रता से निभाना
,,शासन संचालित करने सहित कई संदेश हमे श्रीकृष्ण ने दिए है ,गीता का संदेश
,,प्रमुख है ,लेकिन ज़रा हम अपने अंतर्मन को टटोले सिर्फ त्यौहार उत्सव हम
मना लें लेकिन क्या हम श्रीकृष्ण के बताये हुए रास्ते पर चल रहे है ,हमारा
नेता बलात्कारी ,व्यभिचारी ,भ्र्ष्ट ,चोर ,बेईमान ,झूंठा , फरेबी जैसी भी
हो हम डंके की चोट पर उसके पैरोकार होते है ,लोकत्नत्र में चुनाव भी एक
महाभारत होते है ,उसमे बुरे अच्छे के बीच महायुद्ध होता है ,लेकिन हम चुनाव
में या तो बिक जाते ,है या प्रभावित हो जाते , है या फिर पूर्वाग्रह से
ग्रसित होकर एक टीम बनाकर बुरे को फिर से जिताने की कोशिशों में जुट जाते
,है नतीजा क्या है ,हम देख रहे ,है दोस्तों श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर सभी को
बधाई
,मुबारकबाद ,लेकिन श्रीकृष्ण ने जो शिक्षाए दी है ,जो गीता का ज्ञान दिया
है कमोबेश नब्बे फीसदी क़ुरआन का ज्ञान एक समान है ,,यह समानता यूँ ही नहीं
,इन्साफ ,,ईमानदारी ,,सही राजा के निर्वाचन ,सही राजा का सम्मान ,,बुरे
राजा के तख्ता पलट ,दुश्मन को आखरी वक़्त तक सबक़ सिखाना ,सच के साथ हर लम्हे
खड़े रहना ,,महिलाओं की इज़्ज़त की सुरक्षा ,गरीब दोस्तों का सम्मान ,,महिला
मित्र का पवित्रता का बंधन ,, गुरु का सम्मान ,बुराई के खिलाफ युद्ध में
कोई नातेदारी नहीं सिर्फ बुराई और अच्छाई की जंग ,,क्षेत्रीय उत्पाद को
पहले क्षेत्रीय लोगो को ,खिलाना महिलाओं के शरीर को ढका छुपा रखना ,,गोवंश
का ईमानदारी से सरंक्षण ,,ईमानदारी से रखरखाव करना ,,यह सब हमे प्रबल तरीके
से स्वीकार करना होगा ,वरना ,,धर्म दिल में न हो तो दिखावा क्यों ,,इस पर
हमे चिंतन मनन करना होगा ,एक बार फिर सभी साथियों को बधाई ,,मुबारकबाद ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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