राजस्थान की मुख्यमंत्री के निर्वाचन गृहजिले के संभागीय मुख्यालय कोटा
ज़िले की दुर्गति ,झूंठ ,,फरेब ,,की कहानियों पर ,, स्वच्छ भारत मिशन के
ब्रांड एम्बेसेडर डॉक्टर डी सी शर्मा का कथन यहां न गवर्मेंट है न गवर्नेंस
,,एक बहुत बढ़ा तमाचा है ,,में जन्मजात कोटा वासी होने के नाते कोटा को
अपना गौरव समझता हूँ ,लेकिन मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर कोटा
इस अपमान को में क़तई बर्दाश्त नहीं कर सकता ,,लेकिन मजबूरी यह है डॉक्टर
शर्मा ने जो देखा वही कहा ,है ,,हमारे कोटा में एक सांसद ,,शहरी क्षेत्र से
कमोबेश जुड़े ,,चार विधायक सभी भाजपा के है ,भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए
संभागीय आयुक्त ,,कलेक्टर ,,आई जी ,पुलिस अधीक्षक ,भाजपा के महापौर
,उपमहापौर ,,पैसठ वार्ड पार्षदों में से 58 वार्ड पार्षद ,,नगर विकास न्यास
,,सहित सभी कुछ तो भाजपा के इशारे पर है ,फिर कोटा को इतना बदशक्ल क्यों
बनाया जा रहा है ,कोटा को इतना बेबस ,लाचार क्यों बनाया जा रहा है ,,के एक
बाहर का आदमी ,कोटा में आकर ,कोटा की खूबसूरती व्यवस्था को लेकर अपमानकारी
टिप्पणी अफसोसनाक है ,बेशर्मी की बात यह है के कोटा को स्वच्छ भारत मिशन
में मध्य्प्रदेश कार्यक्रम में कोटा महापौर को बुलाकर सम्मान देने का नाटक
किया गया ,,कोटा में मुख्यमंत्री की गौरवयात्रा की शुरुआत होने वाली है
,पंद्रह अगस्त की तैयारियों के बाद तत्काल कोटा के यह हालात ब्रांड
एम्बेसेडर ने देखे ,है ,,,कोटा में गंदगी के अम्बार ,चारो तरफ ट्रेफिक की
अव्यवस्था ,,ट्रेफिक पुलिस की दुपहिए वाहन चालकों पर हमलावर निगाहें
,,पुलिस की क़ानून व्यवस्था से परे हठ कर सिर्फ चालांनबाज़ी ,की तरफ निगाहें
,,हर गली हर मोहल्ले में कचरे के ढेर ,टूटी फूटी ,,सड़के ,बढे बढे गड्डे
,,अरबों रूपये गोसंरक्षण के नाम पर वसूली के बाद भी सड़को पर दुधारू गांयों
का जमावड़ा ,,कोई धरपकड़ नहीं प्रभावशाली लोगो की गाँये विचरण कर रही है
,,मुख्यमार्गों पर जानवरों का तबेला बनाने के बाद भी यह सरकारी अधिकारी ,यह
विधायक ,यह सांसद शर्मिंदा नहीं होते ,,कोटा में खूबसूरती ,रंग रोगन ,या
पर्यटन के आकर्षण के नाम एक ईंट भी नहीं लगाई गयी ,,कोटा जो कभी पर्यटकों
के लिए मुख्य आकर्षण हुआ करता था ,कोटा जहाँ पिछले शासन के दौरान
रिकॉर्डतोड़ शहर की खूबसूरती के लिए काम हुए ,छत्रविलास उद्यान ,गणेश
,उद्यान चंबल गार्डन ,जगमंदिर ,,सेवन वंडर ,अभेडा महल ,करनी माता मंदिर ,न
जाने कितने स्पॉट ऐसे है जो लोगो के लिए आकर्षक केंद्र बने हुए ,फिल्मे शूट
की गयी ,पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी ,लेकिन जब प्रशासन इन लोगो के हाथ में
आया ,तो मेलादशहरा स्थल को बदशक्ल कर दिया गया ,अव्यवस्थित कर दिया गया
,विकास की एक ईंट नहीं रखी ,सड़को पर गड्डे ही गड्डे ,,ज़रा सी बरसात ,पानी
की निकासी नहीं होने से बाढ़ जैसे ,हालात ,मच्छर ,कीड़ों की फसल होने से
महामारियां ,,गंदगी से बीमारियां ,अस्पतालों में व्यवस्था नहीं ,प्राइवेट
अस्पतालों में लूट ,,स्कुली ,कोचिंग बच्चो को रिकॉर्ड बनाने के लिए योगा
,पर्यावरण ,वगेरा के कार्यक्रमों में लगाकर यहां परीक्षा परिणाम बिगाड़ने की
कोशिशें ,,के ई डी एल के नाम पर नेताओ की दुरभि संधि के चलते जनता से लूट
के लिए बिजली कंपनियों की बेहिसाब लूट जग ज़ाहिर है ,ऐसे में जब
ब्राँडएम्बेसेडर अचानक नहीं आये हों ,इनके आने का पूर्व समय निर्धारित हो
,हमारे कोटा शहर को सैकड़ों सफाई कर्मचारी मिल गए तब शहर की बदहाली ,शहर की
यह बदसूरती ,शहर में यह आवारा जानवरों का सड़को पर जमघट और भी शर्मनाक हो
जाता है ,अख़बारों में कोटा की बदशकली ,,बेनूर ,बदरौनक़ ,होने की हालत का
बखान जिन हालातो में हुआ है ,सच शर्मिंदा होने वाले बात है ,लेकिन जो लोग
इस व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार ,है चार सालों में सांसद के चार करोड़ ,,चार
विधायकों के सोलाह करोड़ ,विधायक सांसद कोष से भी अगर इन मामलों में खर्च
,होता गोसंरक्षण में स्टाम्प टेक्स के नाम पर जो अरबो रूपये वसूले है उसका
दस फीसदी भी खर्च हुआ ,होता ,निकायों के ढांचागत विकास के लिए अरबों रूपये
स्टाम्प ड्यूटी के नाम पर जो कोटा से वसूले है वोह राशि भी अगर कोटा पर
खर्च होती तो कोटा को सार्वजनिक रूप से यह शर्मिंदगी ,यह तिरस्कार नहीं
झेलना पढ़ता ,,पुरे देश को बिजली हम ,दे पुरे देश को पानी हम दे ,खाद हम दे
,डॉक्टर ,इंजीनियर हम ,,,दे ,शिक्षा हम दे ,,कोटा स्टोन , कोटा साड़ी हम
पुरे देश को ,दें ,,रोज़गार हम दे ,और बदले में हमारे अधिकारियो ,हमारी
सरकार में बैठे लोगो के कुप्रबंध उपेक्षा के चलते हमारा कोटा बदरौनक़ ,बेनूर
हो जाए ,यहां सड़को पर इंसान के लिए चलना मुश्किल हो जाए ,जानवरों से
इंसानो को डर लगने लगे ,सड़को के गड्डे आम आदमी की मोत की वजह बनते जाए ऐसे
में इस कोटा शहर के वर्तमान हालातों ,कोटा की इस बदनसीबी पर रोयें नहीं तो
क्या करे ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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