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06 अगस्त 2018

देश के ओरिजनल राष्ट्रभक्तो

देश के ओरिजनल राष्ट्रभक्तो ,,ज़रा बताइये क्या देश और राज्यों के शासन में बेटियों के लिए दर्द रखने वाले ,,सियासी लोगो को ,,व्यवस्था नहीं देना चाहिए ,जिन लोगो में बेटियों को पालने का शऊर नहीं ,वोह अगर सत्ता में हो तो देश में ,,समर्थित शासित राज्यों ,अगर बच्चियों के साथ योन शोषण की घटनाएं ऐतिहासिक हो जाए ..तो ऐसे लोगो का क्या करें जनाब, बच्चियों के साथ रोज़ योन शोषण की घटनाये ,,साधु ,महात्माओं के आश्रमों में योन शोषण ,लेकिन कई साधु महात्माओं की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हायकोर्ट ,सुप्रीम कोर्ट के निर्देश लेकिन ऐसे प्रभावशाली साधुओं ,महात्माओं , बाबाओं ,के खिलाफ कोई कार्यवाही अब तक नहीं ,कोई फरार तो किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा ,,इसी बीच देश के हर कोने में महिलाओं के साथ अत्याचार ,,बलात्कार ,यौनशोषण की घटनाओं के बाद देश में बेटियों में खौफ का भाव पैदा हुआ है ,अफ़सोस तो तब होता है जब भाजपा शासित ,समर्थित बिहार राज्य के मुज़फ्फर पुर के शेलटर होम में ,डंके की चोट पर बेटियों के साथ योन शोषण होता है ,अफ़सोस तब होता है ,,जब संत महात्माओं वाले राज्य ,योगी के शासित राज्य उत्तरप्रदेश के देवरियां में बेटियों को यौनशोषण के नाम पर उत्पीड़ित किया जाता है ,अफ़सोस होता है जब राजस्थान के दातीमहाराज पर सियासी चुप्पी होती है ,उससे भी ज़्यादा अफ़सोस तब होता है जब ,राजस्थान के मुख्यमंत्री के ग्रह संभाग के कोटा ज़िले के शहरी थाने में ,,एक यौनउत्पीड़ित बेटी के साथ अपराध करने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही के लिए सरकार की पुलिस रिश्वत मांगती है ,अजीब बात है ,देश के हर राज्य ,हर ज़िले के यौनशोषण ,उत्पीड़न बलात्कार के मामले उठाकर देख लो ,लेकिन दोस्तों सरकार ,को सरकार के सर्मथक लोगो को शर्म आती ही नहीं ,सिर्फ एक तबके की महिलाओं के इंसाफ के नाम पर सियासत करने वाले ,अपनी टी आर पी बढ़ाने वाले सियासी मिडिया को बेटियों का यह अपमान ,बेटियों के साथ यह हिंसा ,यह अत्याचार नज़र नहीं आता ,ऐसे मुद्दों पर कोई लाइव बहस नहीं ,कोई कार्यक्रम ,नहीं ,,अलग अलग ज़िलों में सचालित आश्रम ,,मदरसों ,,छात्रावास ,,स्कूल छात्रावास ,,,सरकारी सुविधाओं के शेलटर होम ,नारीशालाओं ,,पर इस बिकाऊ मीडिया ,,बिकाऊ मीडिया को पोषित करने वाली सरकार के नुमाइंदो की कोई नज़र नहीं है ,,देश में पिछले दिनों दहेज़ के लिए उत्पीड़ित एक दो झूंठे मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दहेज़ के लिए प्रताड़ित करने वाली महिलाओं की शिकायत पर ,जांच को लेकर उदारवादी दिशा निर्देश क्या जारी किये ,सरकार में बैठी महिला थानों की पुलिस की लाटरी खुल गयी ,किसी भी दहेज़ के लिए प्रताड़ित करने वाले सास ,ससुर ,,देवर ,,ननद ,,यहां तक के पति की गिरफ्तारी नहीं ,सिर्फ दहेज़ का सामान लिया ,क़ानूनी दांव पेंच लगाकर ,,मुल्ज़िम रूबरू अदालत और ज़मानत पर आज़ाद है ,दहेज़ प्रताड़ना का आरोपी ,पिछले एक साल में ,दहेज़ के लिए प्रताड़ित महिलाओं की कहीं सुनवाई नहीं है ,पहले थाने जाओ ,सुनवाई नहीं ,एस पी के पास जाओ कोई सुनवाई नहीं ,अदालत के ज़रिये मामला थाने ले जाओ ,तो पहले समझाइश फिर ऐ डी आर समझाइश ,फिर दहेज़ के आरोपियों के खिलाफ सास ,,ससुर ,देवर ,जेठानी ,,नन्द वगेरा के खिलाफ अपराध प्रमाणित होने पर भी उनके नाम चालान में नहीं ,सिर्फ पति के खिलाफ दिखावटी कार्यवाही ऐसे में महिला जो प्रताड़ित है उसके पास खून के आंसू ,,बहाने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है ,महिलाओं का यह योन शोषण ,मानसिक शोषण ,,मानमर्दन ,,उस शासन में हो रहा ,है जिस शासन की कमान देश में संकृति ,राष्ट्रवादी की पहचान बताने का दावा करने वाले आर एस एस के पास है ,यह वोह सरकार है जिस सरकार में ,साधू ,संत ,,साध्वी ,,जैसे लोग मंत्री ,पदाधिकारी ,विधायक ,सांसद है ,अफ़सोस होता है जब ऐसे मामलों में राष्ट्रपति चुप रहते है ,प्रधानमंत्री जी की आवाज़ नहीं निकलती ,राष्ट्रिय और राज्यों के महिला आयोग क्या कर रहे है किसी को पता ही नहीं चल पाता ,,अफ़सोस होता है जब बिकाऊ चैनल ,चीखने वाले पत्रकार ,,,ऐसे मामलों को लाइव बहस पर दिखाना तो दूर ,,इस पर चर्चा तक नहीं करते ,अफ़सोस होता है ,जब लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ,,मंत्री सुषमा स्वराज ,,स्मृति ईरानी ,,सांसद हेमामालिनी इन सब घटनाओं पर चुप्पी साध लेती है ,तो दोस्तों ज़रा सोचो तो सही ,हम कहाँ जा रहे है ,,अगर हम कहे अबकी बार महिला अत्याचार की सरकार तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ,,मुझे यक़ीन है ओरिजनल राष्ट्रभक्त तो मेरी इन बातों से सहमत होंगे ही सही ,बाक़ी गुलाम भक्त तो इधर उधर की मुद्दों को भटकाने के लिए पैरवी करेंगे ही सही ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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