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13 अगस्त 2018

दोस्तों राजस्थान के बेबस लाचार वकील साथियों ,,समस्याओं के बोझ तले दबे राजस्थान के नेतृत्व विहीन वकील साथियों ,,क्या लिखूं

लो साहिब हायकोर्ट सर्किट बेंच को लेकर राजस्थान सरकार ने सिर्फ जोधपुर से ही दो नाम मांगे है ,,जयपुर बेंच ,,दूसरे संभाग जहाँ कई सालों से इस समस्या की समाधान की मांग को लेकर वकील खून के आंसू रो रहे है ,हड़ताल कर रहे है ,प्रदर्शन कर रहे है ,उन्हें वायदों के बाद भी हाईकोर्ट सर्किट बेंच के परामर्श के मामले में ,इस सरकार ने बाबा जी का ठुल्लू पकड़ाया है ,,
दोस्तों राजस्थान के बेबस लाचार वकील साथियों ,,समस्याओं के बोझ तले दबे राजस्थान के नेतृत्व विहीन वकील साथियों ,,क्या लिखूं ,,लिखते ही छप्पन इंच की छाती वाले ,,,शुरू हो जाएंगे ,,लेकिन सच तो लिखना है ,,चाहे क़लम तोड़ दी जाए ,चाहे क़त्ल कर दिया जाए ,लेकिन सच बिकता नहीं ,सच छुपता नहीं ,,,,राजस्थान में बारकोंसिल नेतृत्व के नाम पर पांच साल की जगह पुरे नो साल बाद चुनाव हुए ,क्यों हुए ,किनकी कुव्यवस्थाओं ,,षडयंत्रो की वजह से इन चुनावों में देरी हुई ,,देश जानता ,है ,,प्रदेश जानता है ,,बार कौंसिल के चुनाव हुए तो किन हालातो में ,किस तरह से हुए ,विवादित रहे ,,,फिर परिणाम घोषित हुए तो विवादित ,रहे ,बार कौंसिल अध्यक्ष ,,बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के प्रतिनिधि सहित दूसरे चुनाव की अधिसूचना के बाद भी ,सदस्यों की खरीदफरोख्त के इल्ज़ामात लगे ,,चुनाव स्थगित ,हुए ,हायकोर्ट ने चुनाव के आदेश दिए ,आदेश के बाद मनमर्ज़ी से , चुनाव में संभागीय अध्यक्षों के पद खत्म किये ,,अधिसूचना फिर दोबारा निकालकर अब चुनाव 18 अगस्त को होना है ,शिकवे शिकायत ,,आरोप प्रत्यारोप ,,के बीच आरोप लगाने वाले खुद आरोपित किये गए सदस्यों की गलबहियों में हाथ डालकर घूमते देखते गए ,,जयपुर बनाम जोधपुर का विवाद हुआ ,,,विधि महाविद्यालय दलाल बनाम ईमानदार का विवाद ,हुआ ,खेर जो भी हुआ अब चुनाव सब कुछ ठीक रहा तो आगामी 18 अगस्त हो जायेंगे ,बार कौंसिल चुनाव का यह परिणाम ,हाईकोर्ट के आदेशों के अधीन होकर लिफाफा 20 अगस्त को हाईकोर्ट में पेश होगा ,क्या होगा ,अध्यक्ष कोन बनेगा ,दिल्ली में हमारी पैरवी कोन करेगा ,को चेयरमेन के रूप में कोन आएगा ,यह सब यूँ तो मैच फिक्सिंग है ,लेकिन परिणाम आने तक असमंजस ही कहा जाएगा ,,खेर यह तो हुई बढे लोगो की बढ़ी बातें ,लेकिन अब हम कोटा संभाग की समस्याओं पर आते है ,यहां से बाहरी लोग बेहिसाब वोटो से जीते है कुछ वकील सदस्यों का प्यार इन बाहरी लोगो पर बेशुमार उमड़ रहा है ,कई सब्ज़ बाग़ दिखाए गए है ,कोटा में न्याय व्यवस्था को विकेन्द्रीकृत करने को लेकर ,यहां सर्किट हाउस बेंच खोले जाने के सभी आधार मौजूद है ,,हाईकोर्ट की सर्किट बेंच के लिए कोटा का पहला हक़ है ,,कोटा का तो यह भी कहना है के आवश्यकता के अनुसार संभागीय स्तर पर भी अगर हायकोर्ट सर्किट बेंच खुले तो कोटा को कोई ऐतराज़ नहीं ,अभी कोटा के बार एसोसिएशन पदाधिकारी ,हायकोर्ट बेंच को लेकर हड़ताल के वक़्त सरकार के नुमाइंदों से मिले ,,सरकार से मिले नुमायन्दों ने कोटा बार एसोसिएशन की आमसभा में घोषणा कर बताया के अभी कोई कमेटी नहीं बनी ,है सरकार ने उन्हें यह भी आश्वस्त किया जब भी कमेटी बनेगी ,कोटा के सुझाव ,,दावेदारी के लिए भी सदस्य नियुक्त किये जायेंगे ,,लेकिन सरकार मुकर गयी ,,हाईकोर्ट बेंच की सर्किट बेंच खुलेगी या नहीं ,खुलेगी तो कहाँ खुलेगी ,इस दावेदारी ,,इस हिस्सेदारी ,इस पैरवी के लिए ,सिर्फ जोधपुर के दो वकील साथियों की नामजदगी कुछ हज़म नहीं ,,,हुई ,,,उदयपुर ,,कोटा ,,बीकानेर ,जो कई सालों से आंदोलन पर है ,जयपुर जो बेंच नहीं तोड़ने को लेकर आंदोलन पर है ,,सरकार ने इन्हे इस समिति में हिस्सेदार नहीं बनाया है ,यानी सरकार ने कोटा को धोखा दिया ,,उदयपुर ,,जयपुर , सभी संभागो को इस मामले में धोखा दिया है ,,,कोटा के पैरोकार के रूप में कोटा के ही लोग है ,,जो लोग कोटा के वोट लेकर बैठे है उनके मुंह पर ताले लगे है ,उनमे हिम्मत नहीं के वोह कोटा संभाग के हायकोर्ट बेंच के हक़ के लिए एक अलफ़ाज़ भी लिख दे या बोल दे ,,उनके समर्थक चाहे तो कोशिश करके देख ले ,लेकिन दोस्तों में कोटा के साथ था ,कोटा के साथ ,हूँ कोटा का 99 प्रतिशत वकील कोटा के हक़ के साथ है ,,में कोटा में हाईकोर्ट की बेंच की पैरवी करूँगा ,,में हाईकोर्ट सर्किट बेंच ,,विचारविमर्श संबंधित समिति में कोटा के दो सदस्य नामज़द हों ,इसके लिए दुआ करूँगा ,मुझे गर्व है ,,वर्तमान कार्यकारिणी के नेतृत्व ,पर जिन लोगो से जयपुर में सरकार के प्रतिनिधियों ने सीना ठोक कर हड़ताल के वक़्त ,वार्ता के दौरान वायदा किया था ,के अभी कोई कमेटी नहीं बन रही है ,अगर कमेटी बनी तो कोटा का पक्ष भी उसमे रखने के लिए नामजदगी होगी ,,कोटा के वोट बाहर वालों ने लेकर अपना वर्चस्व बनाया हो ,लेकिन वोह कोटा के इस हक़ के लिए बोलते है ,या नहीं आंदोलन करते है या नहीं ,दूसरी बात ,है ,,,,,,फिर भी कोटा के हक़ के मामले में कोटा को ही लड़ना होगा ,और वर्तमान कार्यकारिणी जिसका कार्यकाल अब मार्च 2019 तक कर दिया गया है ,उस कार्यकारिणी के जांबाज़ संघर्षशील अध्यक्ष मनोजपुरी ,,महासचिव जितेंद्र पाठक ,,उपाध्यक्ष अतीश सक्सेना ,,संयुक्त सचिव अमित शर्मा ,महेंद्र गुप्ता ,सहित सभी पदाधिकारियों ,हाईकोर्ट सर्किट बेंच की मांग को लेकर बनी संघर्ष समिति के सदस्यों ,,कोटा के वकील साथियों पर हमे गर्व है ,वोह इस मुद्दे पर दलगत राजनीती से अलग हटकर ,सरकार की बेवफाई के खिलाफ सरकार को घेरेगी ,सरकार के झूंठे ,फरेबी ,,जुमलेबाज नेताओं ,,जनप्रतिनिधियों ,थूक कर चाटने वाले ,कहकर मुकर जाने वाले नेताओं से भी यह कोटा की जांबाज़ टीम कोटा के हक़ को लेकर कोटा के वकीलों के हक़ को लेकर ,कोटा के पक्षकारों को लेकर संघर्ष करेगी ,,,,लेकिन कब यह सब बैठकों में सर्वसम्मत फैसले से या फिर बहुमत के फैसले से ही तय हो पायेगा ,क्योंकि कोटा के वकील एक जुट है ,अनुशासित है ,,और वर्तमान कार्यकारिणी अध्यक्ष मनोजपुरी उनकी टीम पर सभी वकील साथियों को पूरा भरोसा है ,कोटा से भी इस मामले में सुझाव दावेदारी के लिए दो नाम मांग लिए गए है जो भिजवा दिए गए है ,,,वकील एकता ज़िंदाबाद,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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