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13 अगस्त 2018

फरियादी वरिष्ठ पत्रकार वृद्ध हो गए है ,वरिष्ठ नागरिक हो गए है ,देखते है उन्हें न्याय कब मिलता है

वर्ष 2003 में कांग्रेस सरकार कार्यकाल में कोटा के पत्रकारों को रियायती दर पर भूखंड योजना में ,,चयनकर्ताओं द्वारा ,नियमों का उलंग्घन कर ,बेईमानीपूर्वक कृत्य करते हुए ,पात्र लोगो को भूखंड नहीं ,देने ,अपात्र लोगो को भूखंड देकर सरकार को लाखों रूपये का नुकसान पहुचाने ,धोखाधड़ी करने के मामले में अदालत के आदेश के बावजूद भी ,,निष्पक्ष जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश नहीं करने के मामले में ,कोटा की न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक कोटा को आगामी 24 सितम्बर तक हर हाल में जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है ,,वरिष्ठ पत्रकार जयनारायण सक्सेना ने वर्ष 2003 की भूखंड आवंटन प्रक्रिया में ,गठित कमेटी के सदस्यों पर नियमों का उलंग्घन कर अपात्र लोगो को भूखंड स्वीकृति सूचि में चयनित करने ,और पात्र लोगो को व्यक्तिगत रंजिशवश या कमेटी सदस्यों की चाहत पूरी नहीं करने पर उनके पात्र होने पर भी उन्हें भूखंड नहीं देने के मामले में एक इस्तिगासा पेश किया था ,,जयनारायण सक्सेना ने चाणक्यपुरी पत्रकार योजना में ,तात्कालिक प्रेस क्लब अध्यक्ष ,,नगरविकास न्यास के तात्कालिक चेयरमेन ,सचिव ,जिलाकलेक्टर ,,लेखाधिकारी ,सदस्य न्यासी ,,वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय सहित ,,आधा दर्जन अधिकारी ,सदस्यों को अभियुक्त बनाते हुए कार्यवाही की मांग की थी ,अदालत के आदेश पर ,दादाबाड़ी पुलिस में प्रथम सुचना रिपोर्ट 357/2004 गंभीर फौजदारी धाराओं में दर्ज की गयी ,प्रथम जांच उक्त सभी अभियुक्तों के खिलाफ अपात्र लोगो को भूखंड देने की दिशा में जांच थी ,,लेकिन इसी दौरान प्रभावशाली लोगो के हस्तक्षेप के बाद ,दादाबाड़ी पुलिस ने फरियादी द्वारा बताये गए लोगो को भूखंड नहीं देने का तथ्य अंकित कर सरसरी तोर पर अंतिम प्रतिवेदन पेश कर दिया ,,फरियादी वरिष्ठ पत्रकार जयनारायण ने न्यायालय में प्रोटेस्ट पिटीशन पेश की ,न्यायालय के समक्ष बयांन करवाए ,,बहस प्रसंज्ञान के बाद न्यायालय ने दादाबाड़ी पुलिस द्वारा लगाई गयी एफ आर को ख़ारिज करते हुए मामला गंभीर माना ,,न्यायलय ने आदेश कहा ,यह सरकार को लाखों रूपये का नुकसान पहुंचाने का मामला है ,ऐसे में इसकी जांच कोटा पुलिस अधीक्षक शहर अपने स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से या फिर सम्भव हो सके तो एंटी करप्शन से करवाकर शीघ्र जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे ,,अफ़सोस की बात रही ,न्यायालय की इस गंभीर टिप्पणी के बाद भी दिनांक 13 फरवरी 2013 पांच वर्ष से भी अधिक समय गुज़र जाने पर भी पुलिस अधीक्षक ने इस गंभीर मामले में कोई जांच रिपोर्ट पेश नहीं की ,,फरियादी जयनारायण सक्सेना ने इस मामले में न्यायालय से गुहार लगाई ,,न्यायालय पी सी पी ऍन डी टी ने गभीरता को देखा और दिनक 17 जनवरी ,,दिनांक 31 जनवरी,,12 फरवरी सहित कई बार पत्र लिखे लेकिन कोई रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक ने पेश नहीं की ,,इस मामले में फिर न्यायालय ने 3 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए लेकिन आज दिनांक 13 अगस्त को भी कोई नतीजा रिपोर्ट पेश नहीं होने या रिपोर्ट पेश नहीं करने में देरी को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर ,फिर आज न्यायालय ने इस मामले को गंभीर ,पुराना बताते हुए आगामी 29 सितंबर को हर हाल में जांच नतीजा दिनांक 13 फरवरी 2013 के आदेशानुसार हर हाल में पेश करने के निर्देश दिए है ,,,,वर्ष 2004 में प्रस्तुत परिवाद पर दर्ज एफ आई आर की जांच और वर्ष 2013 ,,,,में जांच आदेश के बाद पांच वर्षो तक पुलिस अधीक्षक द्वारा न्यायालय के आदेशों के बाद भी कोई रिपोर्ट पेश नहीं करने का यह अनूठा मामला लगता है ,,फरियादी वरिष्ठ पत्रकार वृद्ध हो गए है ,वरिष्ठ नागरिक हो गए है ,देखते है उन्हें न्याय कब मिलता है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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