बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के 28 मार्च को सम्पन्न चुनाव में हुई गड़बड़ियों
के आरोपों के साथ ,चुनाव रद्द करने की पांच प्रत्याक्षियों की याचिका पर
बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया ट्रिब्यूनल के समक्ष आज धुआंधार बहस हुई ,,बहुपक्षीय
बहस के बाद ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है ,फैसला किसी भी
वक़्त आ सकता है ,विदित रहे बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान में ,अनियमितताओं ,धन
के दुरूपयोग ,चुनाव को प्रभावित करने के मामले में चुनाव रद्द करने को
लेकर प्रस्तुत 17 याचिकाओं के बाद ट्रिब्यूनल ने बार कौंसिल चुनाव के परिणाम में विजय प्रत्याक्षियों की अधिसूचना पर 7 जुलाई तक रोक लगा रखी थी ,
बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के 159 प्रत्याक्षियों में से 25 प्रत्याक्षियों की सूचि बनकर तैयार है लेकिन अधिसूचना जारी नहीं हो सकी है ,जोधपुर के रणजीत जोशी के चेयरमेन बनने के मामले में अधिकतम लोग लामबंध हो गए है ,,लेकिन ट्रिब्युनल के उक्त स्थगन के कारण अभी बार कौंसिल अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष ,बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य का चुनाव नहीं हो सका है ,,,राजस्थान बार कौंसिल के प्रत्याक्षी रहे एडवोकेट रामवतार खण्डेलवाल ,,विजय सिंह पूनिया ,,करनी सिंह ओला ,,प्रशांत चतुर्वेदी ,,करणपाल ,द्वारा प्रस्तुत याचिकाओं में चुनाव रद्द करने के लिए बीस से भी अधिक बिंदु उठाये गए है ,लगभग छह घंटे ट्रिब्यूनल के समक्ष चली धुआंधार बहस में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट मुकुट भट्टाचार्य ने तर्क प्रस्तुत किये जबकि बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान की तरफ से एडवोकेट मनीष सिंघवी ने अपने तर्क पेश किये ,याचिकाकर्ताओं ने संयुक्त पृथक पृथक रूप से अपनी याचिकाओं में चुनाव के दौरान कई प्रत्याक्षियों द्वारा प्रलोभन देकर वोट ,कबाड़ने,, साड़ियां बांटने ,,नक़द राशि बांटने ,,धार्मिक भावनाये भड़का कर वोट मांगने ,पोस्टर में धार्मिक तस्वीरें लगाने ,,वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां होने ,,खाने की पार्टियां देकर वोट प्रभावित करने ,,टोंक सहित कई जगह पर बूथ केप्चरिंग कर वोट डलवाने ,मतपत्र फ़टे हुए निकलना ,,मतपत्रों में केमिकल लगाकर अंक लिखने ,,काउंटिंग में रिजेक्ट वोट ,सेलेक्ट वोट ,और तरीकों में गड़बड़ी करने ,,मृत लोगो के वोट डाले जाने ,फ़र्ज़ी वोटिंग करने सहित कई गंभीर आरोप लगाकर चुनाव को तत्काल रद्द कर दुबारा चुनाव करने की मांग उठाई गयी है ,,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान की तरफ से एडवोकेट मनीष सिंघवी ने याचिका खारिज करने की पैरवी करते हुए चुनाव विधिवत ,निष्पक्ष रूप से करवाए जाने की बात दोहराई ,,चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया है ,फैसला किसी भी समय आ सकता है ,,याचिकाकर्ता रामावतार खंडेलवाल ,,करणपाल ,,करनी सिंह ओला ,,विजय सिंह पुनिया ,प्रशांत चतुर्वेदी उक्त बहस के बाद काफी उत्साहित है ,उन्होने कहा बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के ईमानदाराना ,निष्पक्ष गठन की उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी चाहे उन्हें उच्चतम न्यायालय का दरवाजा ही क्यों न खटखटाना पढ़े ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान,
बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के 159 प्रत्याक्षियों में से 25 प्रत्याक्षियों की सूचि बनकर तैयार है लेकिन अधिसूचना जारी नहीं हो सकी है ,जोधपुर के रणजीत जोशी के चेयरमेन बनने के मामले में अधिकतम लोग लामबंध हो गए है ,,लेकिन ट्रिब्युनल के उक्त स्थगन के कारण अभी बार कौंसिल अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष ,बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य का चुनाव नहीं हो सका है ,,,राजस्थान बार कौंसिल के प्रत्याक्षी रहे एडवोकेट रामवतार खण्डेलवाल ,,विजय सिंह पूनिया ,,करनी सिंह ओला ,,प्रशांत चतुर्वेदी ,,करणपाल ,द्वारा प्रस्तुत याचिकाओं में चुनाव रद्द करने के लिए बीस से भी अधिक बिंदु उठाये गए है ,लगभग छह घंटे ट्रिब्यूनल के समक्ष चली धुआंधार बहस में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट मुकुट भट्टाचार्य ने तर्क प्रस्तुत किये जबकि बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान की तरफ से एडवोकेट मनीष सिंघवी ने अपने तर्क पेश किये ,याचिकाकर्ताओं ने संयुक्त पृथक पृथक रूप से अपनी याचिकाओं में चुनाव के दौरान कई प्रत्याक्षियों द्वारा प्रलोभन देकर वोट ,कबाड़ने,, साड़ियां बांटने ,,नक़द राशि बांटने ,,धार्मिक भावनाये भड़का कर वोट मांगने ,पोस्टर में धार्मिक तस्वीरें लगाने ,,वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां होने ,,खाने की पार्टियां देकर वोट प्रभावित करने ,,टोंक सहित कई जगह पर बूथ केप्चरिंग कर वोट डलवाने ,मतपत्र फ़टे हुए निकलना ,,मतपत्रों में केमिकल लगाकर अंक लिखने ,,काउंटिंग में रिजेक्ट वोट ,सेलेक्ट वोट ,और तरीकों में गड़बड़ी करने ,,मृत लोगो के वोट डाले जाने ,फ़र्ज़ी वोटिंग करने सहित कई गंभीर आरोप लगाकर चुनाव को तत्काल रद्द कर दुबारा चुनाव करने की मांग उठाई गयी है ,,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान की तरफ से एडवोकेट मनीष सिंघवी ने याचिका खारिज करने की पैरवी करते हुए चुनाव विधिवत ,निष्पक्ष रूप से करवाए जाने की बात दोहराई ,,चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया है ,फैसला किसी भी समय आ सकता है ,,याचिकाकर्ता रामावतार खंडेलवाल ,,करणपाल ,,करनी सिंह ओला ,,विजय सिंह पुनिया ,प्रशांत चतुर्वेदी उक्त बहस के बाद काफी उत्साहित है ,उन्होने कहा बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के ईमानदाराना ,निष्पक्ष गठन की उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी चाहे उन्हें उच्चतम न्यायालय का दरवाजा ही क्यों न खटखटाना पढ़े ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान,

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