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08 जुलाई 2018

डॉक्टर आर सी साहनी की कामयाबी ही है ,के उन्हें देश के राष्ट्रपति द्वारा उनके इस कार्य के लिए सम्मानित किया गया

दोस्तों तीन दशक पहले ,कोटा जब स्मैक ,शराब की मंडी हुआ करता था ,यहां कई नौजवान ,,कई सरकारी मातहत जब ,स्मैक और शराब के आदतन थे ,तब समाज को सुधारने ,नशे को ना ,,नशे की लत को छुड़ाने के ईमानदार प्रयासों की क़सम खाकर कोटा में कई केम्प के ज़रिये सैकड़ों नहीं हज़ारों लोगो की नशे की लत छुड़वाने ,नशे के खिलाफ जागरण अभियान चलाने वाले ,कोटा के डॉक्टर आर सी साहनी की कामयाबी ही है ,के उन्हें देश के राष्ट्रपति द्वारा उनके इस कार्य के लिए सम्मानित किया गया ,,डॉक्टर साहनी को बधाई ,,मुबारकबाद ,डॉक्टर आर सी साहनी ,इस मुहीम में अकेले थे ,लेकिन में तो अकेला ही चला था जानिब ऐ मंज़िल ,में चलता रहा ,लोग साथ होते गए ,कमोबेश यही इबारत ,डॉक्टर आर सी साहनी के इस अभियान में सही और सच साबित हुई है ,तम्बाकू से कैंसर ,सिगरेट बीड़ी से कैसंर के खिलाफ जागरण अभियान के तहत जब पूर्व स्मैक ,अफीम की मंडी कोटा में नौजवान इस नशे की लत में आकर अपनी ज़िदंगी ,अपना चरित्र गंवा रहे थे ,,तब डॉक्टर आर सी साहनी इसके खिलाफ जंग में कूद पढ़े ,,डॉक्टर साहनी ने चिकित्सा सेवा समिति के रिछपाल पारीक ,मानव कल्याण समिति के श्याम नामा ,गायत्री विद्यापीठ के स्वर्गीय कौशिक जी महाराज ,रेडक्रॉस ,,लायंस क्लब ,रोटरी क्लब सहित कई संस्थाओ को एकत्रित किया ,इस मुहीम में उन्हें शामिल किया ,उनकी आवाज़ में दम था ,शहर को इस मामले में एक जुट होना था ,बस सभी समाजो ,सभी धर्मो के धार्मिक गुरु एक जुट हुए ,इधर डॉक्टर साहनी के प्रयासों से सभी संस्थाओं ने नशा मुक्ति शिविर लगाना शुरू कर दिए ,,कभी एम एल अग्रवाल मददगार होते तो कभी जयपुर से डॉक्टर आते ,,डॉक्टर आर सी साहनी नशे के खिलाफ मोटिवेशन के लिए कभी किसी वी आई पी को बुलाते तो कभी फिल्म हीरो स्वर्गीय सुनील दत्त को बुलाकर नशे को ना कहने का संदेश देते ,नशे की लत लगना आसान होता है ,लेकिन नशा छोड़ पाना ना मुमकिन सा हो जाता है ,लेकिन वाह डॉक्टर साहनी वाह ,,तुमने नशे के खिलाफ परचम लहराया ,हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की ,नशे को टा टाटा कहने ,नशे के खिलाफ उसके नुकसान का प्रचार करने को सरकार को पाबंद करवाया ,,घर घर जाकर सर्वे कर कोटा के नशे बाज़ों को उनके सामजिक मान सम्मान को जीवित रखते हुए ,,उन्हें नशामुक्ति केम्प में बुलाया ,पुलिस अधिकारियो को बुलाकर उनके हालात बताये ,,ऍन डी पी एस के कल्याणकारी नियम ,,नशामुक्ति वार्ड बनाने ,नशा मुक्ति केम्प लगवाने ,,नशेबाजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के सभी नियमों को लागू करवाने के प्रयासों में भी डॉक्टर साहनी अपनी मित्र टीम के साथ जुट गए ,कोटा में आज जो नशा मुक्ति वार्ड है वोह इन साथियो के जागरण अभियान का ही नतीजा है ,कोटा में घरो में नशे की लत थी ,नौजवान तबाह और बर्बाद हो रहा था ,नौजवान स्मैक की लत में अधिकतम पांच सालों में खत्म हो रहा था ,कोटा स्मैक की बढ़ी मंडी बना था ,,स्मैक की लत में लगे नौजवान ,दर्द से कराहते तो ,नशे की लत को पूरा करने के लिए यह नौजवान घर घर चोरियां करने लगे ,,अपराध करने लगे ,,लेकिन वाह डॉक्टर साहनी वाह उन्होंने इस दुःख ,इस दर्द को जाना ,इस दर्द को समझा ,परिवारों ,,कोटा की नौजवान पीढ़ी को कैसे बर्बादी से बचाया जाए इसका विज़न तैयार किया समाज सेवी संस्थाओ को एक जुट किया ,पुलिस पर नशे के व्यापारियों पर शिकंजा कसने का दबाव बनाया ,धरपकड़ की शुरुआत करवाई ,,इधर नशेबाजों को मोटिवेट कर उनकी स्मैक की लत छुड़वाने के लिए जनसहयोग से केम्प लगवाए ,खुद रात दिन एक करके उस केम्प में अपनी सेवाएं देते ,जेल में गए नशे के आदतनो को भी मोटिवेट करते ,उन्हें समाज में चोरी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए ,,एक तरफ तो उनका नशा मुक्ति को लेकर इलाज करते दूसरी तरफ समाज के धर्मगुरुओं ,,भाभाशाहो से मिलकर उन्हें स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद दिलवाते ,पुलिस अधिकारियो को इस मामले में नशेबाजों ,नशे के व्यापारियों में फ़र्क़ कर ,अलग अलग तरह की कार्यवाहियों का सुझाव देते ,,डॉक्टर साहनी ,उनके प्रयास ,उनकी सहयोगी संस्थाओ के प्रयास कामयाब हुए ,उस वक़्त की पत्रकारिता टीम ने बिना किसी प्रतिफल , बिना किसी विज्ञापन के लालच में उनकी खुले दिल से मदद की क्योंकि उस वक़्त कोटा में आत्म दीप ,,धीरेन्द्र राहुल ,,देश की धरती के हुकम चंद जैन ,गया प्रसाद बंसल ,,जननायक के भंवर शर्मा अटल ,अख्तर खान अकेला ,,जनसत्ता के पुरुषोत्तम पंचोली ,,देश की धरती के ओम नारायण सक्सेना ,,बी बी सी ,,नवभारत के नारायण बारेठ ,,नवज्योति के दिनेश दूबे ,सुनील माथुर ,पत्रकार हुआ करते थे ,सरकारी जनसम्पर्क में जनसम्पर्क अधिकारी त्रिपाठी जी ,सहयोगी डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल इस मोटिवेशन में मुख्य रहा करते थे ,अख़बारों में अभियान था ,समाजसेवी संस्थाओ में रिछपाल पारीक सहित कई लोग भूख प्यास की परवाह किये बगैर इस अभियान में शामिल थे ,अलग अलग मोतियों को एक जुट कर एक माला में पिरोने वाले डॉक्टर साहनी ने ,तीन दशक पहले ,,नशे को ना कहने का ,,जो मंत्र पढ़ा,,कोटा की धड़कन को ,नशे को ना का जो मंत्र सिखाया ,,उसमे वोह स्मैक जैसे जानलेवा नशे को नियंत्रित करने में तो कामयाब हुए ,लेकिन ज़र्दा ,,पान ,,गुटका ,,शराब ,सहित कुछ नशो का बाज़ार आज भी गर्म है ,बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा तो है ,,युवा पीढ़ी फिर से इस तरफ बहक रही ,है ,उसे रोकने के लिए डॉक्टर आर सी साहनी को एक बार फिर नौजवान होकर ,नयी टीम ,पुराने लोगो के अनुभवों को साथ लेकर फिर से एक बार मोटिवेशन कार्यक्रम की शुरुआत करना ,होगी हम पहले भी साथ थे अभी भी साथ है ,आगे भी साथ रहेंगे ,,डॉक्टर साहनी को उनके समर्पण ,सेवा भाव के लिए राष्ट्रपति सम्मान के लिए बधाई ,मुबारकबाद ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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