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27 जुलाई 2018

मोब लीचिंग ,सामूहिक हिंसा ,निहत्थे की हत्या ,,कहने को जंगल राज का क़ानून है

मोब लीचिंग ,सामूहिक हिंसा ,निहत्थे की हत्या ,,कहने को जंगल राज का क़ानून है ,लेकिन यह क़ानून ,यह प्रवृत्ति अगर एक संवेदशील भारत का हिस्सा बन जाए तो देश के सवा सो करोड़ लोग आहत होते है ,संसद में गूंज उठती है ,विधानसभाएं थर्राती है ,मानवाधिकार आयोग चिंघाड़ता है ,,सामाजिक संगठन ,चीखते है ,मिडिया रोज़ टी आर पी बढ़ाता है ,,सुप्रीमकोर्ट क़ानून बनाने की बात कहती है ,लेकिन सियासत का एक वर्ग ,इसी प्रोटेक्ट करता है ,एक वर्ग आलोचना करता है ,एक वर्ग शुद्ध सियासत करता है ,तो कुछ लोग इसी हिन्दू मुस्लिम में बाँट देते है ,कुछ लोग इसे गौरव गाथा कहकर चटखारे लेते है ,तो कुछ लोग ईमानदाराना ऐसी घटनाओ को जानवरों की तरह घटना बताकर आलोचना भी करते है ,लेकिन दोस्तों आज सोशल मीडिया पर घटना ,,घटना नहीं रह गयी ,,अख़बारों ,,खबर चैनलों पर यह नफरत फैलाने ,,कुंठाये निकालने का एक ज़रिया बन गयी है ,,,,सभी जानते है ,जिसने देश का क़ानून तोडा ,जिसने हत्या की ,जो लोग देश में अराजकता फैला रहे है वोह सिर्फ और सिर्फ अपराधी है ,वोह न हिन्दू है ,न मुसलमान ,यहां तक के ऐसे लोग तो इंसान भी नहीं है ,,अपराधी हिन्दू हो ,अपराधी मुसलमान हो ,यह उसका वर्ग ,उसका माना जाने वाला धर्म हो सकता है ,लेकिन यक़ीनन ऐसे लोग इंसान नहीं होता ,सिर्फ और सिर्फ जानवर होते है ,फिर हम ऐसे लोगो के पैरोकार क्यों बने ,क्यों ऐसे लोगो को बचाने के लिए हिन्दू मुस्लिम करके ,,गलियां तलाशे ,क्यों उनके ऐसे कृत्य को जस्टिफाई करे ,ऐसे लोगो को हम महिमामंडन अगर करते है तो हम फिर से ऐसी नयी अमानवीय घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए उकसाते है ,क़ुरआन ,,हो ,,गीता हो ,,रामायण हो ,कहीं भी तो ऐसी हत्याओं का पाठ नहीं पढ़ाया ,है युद्ध करना है तो युद्ध सीमाओं पर जाकर करो ,अपराधी को सजा दिलवाना है तो सिस्टम में शामिल होकर ऐसे लोगो को पकड़वाओ उनका अदालत में क़ानूनी पीछा कर ,गवाही ठीक से करवाकर सजाये दिलवाओ ,,,सोशल मिडिया पर हिन्दू मुस्लिम ग्रुप बनाकर ऐसी घटनाओ पर बहस क्यों करते हो ,बहस करना है तो ऐसे लोगो को हतोत्साहित करे ,,,सरकार से कहे ऐसे लोगो को चाहे वोह बरी हो जाए उन्हें किसी भी पंचायत ,पार्षद ,विधायक ,सांसद चुनाव का हिस्सेदार नहीं ,बनाये बस राजनीती में शार्टकट के लिए ,समाजसेवा ,जनता से जुड़ाव नहीं ,सीधे मज़हबी मारकाट ,,,भड़काऊ भाषण बाज़ी के बाद जो लोग विधायक ,,सांसद ,,मंत्री ,समाज के आइकॉन बने है उन्हें देखकर इन घटनाओ का जन्म अधिक हो रहा , है ,,फिर टी वी चैनलों पर सियासत से जोड़कर कैसी घटनाओ का साम्प्रदायिकवाद किया जाना ,सोशल मिडिया पर हम लोगो द्वारा बेवकूफी भरी बातें करना ,हिमायत करना ,नफरत की बातें ,हिन्दू मुस्लिम की बातें ,गढ़े मुर्दे उखाड़कर सार्वजनिक रूप से एक दूसरे को अपमान करना नफरत पर नफरत बढ़ाने की बहस में शामिल होना ,यह एक अच्छा समाज नहीं है ,यह सब हरकते हमे एक अच्छा देश नहीं दे रही है ,पुरे सवा सो करोड़ का यह देश ऐसी हरकतों को पसंद नहीं करता है ,इसलिए दोस्तों गुज़ारिश है ,अंतर्रात्मा को हम ,आप मिलकर टटोले ,ऐसी घटनाओ की खुली निंदा करे ,ऐसे लोगो को बहिष्कृत करे ,,महिमामण्डन करने ,सियासीकरण कर ऐसे लोगो को निर्वाचित करने से हमे बचना होगा ,,देश के धर्मगुरु ,चाहे ,हिन्दू हो ,चाहे मुस्लिम ,चाहे ,सिक्ख ,चाहे ईसाई ,,,इस मामले सख्त हो ,वोह अपने धार्मिक उपदेशो में ,,मंदिर ,मस्जिद ,,गिरजा ,गुरुद्वारे में ऐसी घटनाओ के खिलाफ लोगो का ब्रेनवाश करें ,मज़हबी बुराइयां बताएं ,अपराध सिर्फ अपराध होता है ,इसका कोई धर्म ,कोई मज़हब नहीं होता समझाये ,,,सियासी लोग प्लीज़ मान जाए ,कुर्सी का आना जाना टेम्परेरी बात है ,लेकिन हमारी विरासत ,हमारी संस्कृति ,हमारी गंगजमुना तहज़ीब ,तुम्हारी सियासत से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है ,सो प्लीज़ मान जाओ ,निर्वाचन विभाग ,,निर्वाचन आयोग इसमें सख्त हो ,जो लोग ऐसी घटनाओ का खुला समर्थन करते है ,उनके चुनाव पर रोक हो ,,सुप्रीमकोर्ट के आदेशों को सरकार तो ठेंगा बताती है ,इसलिए सुप्रीम कोर्ट जनहित में ऐसी सख्ती दिखाए जो सरकार संविधान के दायरे में नहीं रह सकती है उसे ज़मीन पर गिरा दे ,सके मुखिया ,,चाहे वोह प्रधानमंत्री हो ,मुख्यमंत्री हो जो कोई भी हो ,बार बार निर्देशों के बाद भी अगर ऐसी मोब्लिचिंग मामले में संवेदनहीनता दिखाती है तो ऐसे लोगो के खिलाफ सज़ा का वातावरण बनाया जाए ,ताके जिस राम के लिए यहां सियासत के नाम पर नफरत भड़काई जा रही है ,,जिस रहीम के नाम पर यहां सियासी आतंकवाद भड़काया जा रहा है ,उस राम के ओरिजनल राम राज ,,उस रहीम का रहमतों वाला राज ,,शासन हमारे देश में स्थापित हो सके ,और हम एक बार फिर गुनगुनाते रहे ,,,सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,,,हिंदुस्तान हमारा ,,,हम बुलबुले है इसके ,यह गुलिस्तां हमारा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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