बिकाऊ चैनल ,सत्ता पक्ष के गुलाम प्रचारक ,आज शरीयत अदालतों को लेकर ,भों
भों ,पियाँ ,पियाँ कर रहे थे ,खुद तो अपने चेनलो पर बेसिरपैर की बकवास कर
ही रहे थे ,साथ ही ,तीन चार किराए के लोगो से भी बकवास के नाम पर ,अपने
आक़ा का महिमामंडन ,,आक़ा की सियासी पार्टी का प्रचार कर रहे थे ,खेर जिसकी
खाएंगे ,उसकी ,बजायेंगे लेकिन देश ,देश के संविधान ,देश के क़ानून का मखौल
उड़ाने का हक़ ,,पूर्वाग्रह से ग्रसित ,खबरों के इन व्यापारियों को हरगिज़
नहीं दिया जा सकता ,बस इसीलिए में अपना प्रतिकार सार्वजनिक कर रहा हूँ ,बात
शरीयत के मामले में ट्रिपल तलाक़ को लेकर ,,जिला अदालतों की घोषणा के विरोध
की थी ,,में शरीयत बोर्ड का हिमायती नहीं ,मुस्लिम शरीयत परसनल ला बोर्ड
का कटटर विरोधी विचारक हूँ ,,क्योंकि मेरी निजी राय में ,इस बोर्ड के
कारकूनो द्वारा कुलियों में गूढ़ फोड़ने ,, खुद को आम मुसलमानो के विचार
जाने बगैर ,,उनका नेता समझकर अपने फैसले ज़बरदस्ती उन पर थोपने की साज़िश की
वजह से यह लोग एक्सपोज़ हुए ,,बोर्ड को किस मुसलमान ने चुना ,कब वोटिंग हुई
,,क्या देश के आम मुसलमानो ने इन्हे मान्यता दी ,मेरी राय में शमीम आरा
,बनाम उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट मामले में जो ट्रिपल तलाक़ का तरीक़ा सुर ऐ
अन्निसा में बताकर तस्दीक़ी आदेश दिया था ,मुस्लिम परसनल लो की विधि की
किताबों से इस चेप्टर को बदलने का आदेश दिया था ,उस वक़्त अगर यह शरीयत
बोर्ड चेता होता ,महिलाओं को तलाक़ ,,महर ,इद्दत की राशि हड़पने के ज़ुल्म के
खिलाफ इन्होने अगर आवाज़ उठाई होती ,तो यह तमाशा न हुआ होता ,फिर मेरी राय
में शरीयत बोर्ड ने ,दो पति पत्नी के बीच के विवाद मामले में ज़बरदस्ती टांग
अड़ाकर ,,कमज़ोर पैरवी के कारण जो आदेश सामने आया है उसे हमे भुगतना पढ़ा है
,खेर यह लग बात है ,लेकिन आज शरीयत बोर्ड की जिला अदालतों को लेकर जो
बावेला ,सियासी तोर पर इन भों भों ,पियाँ ,पियाँ करने वाले व्यापारियों ने
इस मुद्दे को सत्ता का प्रचार ,अपने आक़ा का महिमामंडन का तरीक़ा जो बनाया है
,उसका जवाब देना ज़रूरी ही ,क्योंकि डिबेट में तो यह लोग इनके किराए के
आदमी सिर्फ और सिर्फ इस्लाम का चेहरा गलत तरीके से पेश करने के लिए ,,अपने
गुलाम प्रतिनिधि को बिठाते है ,जिससे यह लोग वही कहलवाते है ,जो कहने से
इस्लाम की तस्वीर बिगड़े और इन लोगो के आक़ा ,इन लोगो की करतूतों को मनोबल
मिले ,,देश जानता है ,यह भों भों ,,,पियाँ पियाँ करने वाले भी जानते है
,देश में संविधान में ,सामाजिक रीतिरिवाजों में हिन्दू ,मुस्लिम ,,ईसाई
,पारसी सहित सभी मामलों में मज़हबी पर्सनल क़ानून से अपने फैसले करने का
अधिकार दिया गया है ,देश की अदालतें ,इस मज़हबी भाव को ध्यान में रखकर ही
अपने फैसले सुनाने के लिए बाध्य है ,,जैन समाज में संथारा मामला हो
,,हिन्दू समाज में बलि ,,दक्षिणी भारत में बेलों का युद्ध ,भैंसों की दौड़
हो ,,समाधि लेकर आत्महत्या का मामला हो ,,,जो भी हो मज़हबी मामले है ,,इनका
निस्तारण भी हुआ ,शुद्धिकरण भी हुआ ,लेकिन फिर भी सभी ज़िलों में अपने अपने
मज़हब को लेकर धर्मगुरु मौजूद है ,जो इस मामले में अपनी राय देते है ,,देश
में स्थाई लोक अदालते ,,ऐसे कई मामले अदालतों में बेवजह चलने से चिंतित है
,वोह भी चाहते है ,के अनावश्यक मुक़दमेबाज़ी से बचने के लिए ,,पंच फैसलों से
हुए फैसले भी मान्य हो ,,स्थाई लोक अदालतों में भी समझाइश होती है और ऐसी
धर्मगुरुओं द्वारा संचालित कथित चौपालों में भी समझाइश से फैसले होते है
,उनकी क़ानूनी मान्यता नहीं ,सिर्फ सामजिक मान्यता नहीं ऐसे फेसलो को लागु
करवाने के लिए कोई अधिकार भी नहीं ,कोई क़ानून भी नहीं ,,फिर न सूत न कपास
,यू ही लट्ठम लट्ठा,,सिर्फ सत्ता पक्ष की गुलामी ,अपने आक़ा ,जो बेहिसाब
सहूलियतें ,पद्मश्री जैसे एवार्ड दे रहे है उन्हें खुश करने के लिए ,जनता
के सामने भों भों चिल्लाकर देश का माहौल खराब मत करो ,यार ,अगर बहस करना है
तो फिर खुली बहस करो बहस में जवाब देने के लिए आपके प्यादे को नहीं ,आज़ाद
ख्याल के सभी मामलों में जानकर शख्स को बिठाओ ,उसे बोलने का मौक़ा दो ,उसकी
आवाज़ दबाकर बस अपनी आवाज़ ,अपने मुद्दे के समर्थन में आवाज़ ,भों भों ,पियाँ
पियाँ से ज़्यादा कुछ नहीं होती जनाब ,इसलिए सुधर जाओ ,देश को तुम से
,,तुम्हारी निष्पक्ष रिपोर्टिंग से बहुत उम्मीदे है ,अगर तुम पत्रकार थे
,तो फिर लोकपाल सुप्रीमकोर्ट की लगातार फटकार के बाद क्यों नहीं नियुक्त
किया ,,कहाँ है वोह अन्ना , कहाँ है लव लेटर लिखना बंद करों ,,आधार से
आतंकवाद होता है इसलिए सरकार आते ही इसे बंद कर देंगे ,कहा है नोटबंदी का
सच ,रोज़गार का सच ,पंद्रह लाख का सच , इन मुद्दों पर तुम बहस ,लाइव बहस
क्यों नहीं करते ,,,जनाब ,,ज़रा तो शर्म करो ,,देश तुमसे शर्मिंदा है
,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)