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03 जून 2018

,वकीलों की सनद रिनिवल दुखद नियम को खत्म करे

राजस्थान बार कौंसिल चुनाव की मतगणना का पटाक्षेप हुआ ,अधिकतम वोट लाकर निर्वाचित 25 प्रत्याक्षियों में से रंजीत जोशी ,,जगमाल वर्मा सहित कुछ लोग अब बार कौंसिल चेयरमेन और बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया की सदस्य्ता के लिए निर्वाचित लोगो से लामबंध करने लगे ,है यह मतगणना वर्तमान में बार कौंसिल चुनाव ट्रिब्यूनल के आदेश के अधीन है ,जिसमे एडवोकेट रामावतार खंडेलवाल की याचिका पर आगामी 7 जुलाई तक निर्वाचन अधिसूचना पर रोक लगाई गयी ,है ,,,, चुनाव कैसे हुए ,क्या प्रक्रिया रही ,,वर्तमान चुनाव में वोह सब क्या हुआ जो नहीं होना चाहिए था ,यह सब मुद्दे ट्रिब्यूनल के अधीन है ,लेकिन जो जीता वोह सिकंदर कहलाता है ,प्रथम वरीयता में एक मात्र प्रत्याक्षी हरेन्दर सिंह सिनसिनवार ही निर्वाचित हो पाए थे ,,न्यूनतम निर्वाचन प्रथम वरीयता कोटा की संख्या सिर्फ एक उम्मीदवार द्वारा ही पर क्या जाना निर्वाचन की लोप्रियता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है ,उक्त प्रत्याक्षी भी युवा थे और इनके पिता श्री विरी सिंह सिनसिनवार बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया में सदस्य के साथ बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के कई बार ज़िम्मेदार रह चुके है ,,खेर दूसरी वरीयता वोटों की गिनती हुई कैसे हुई ,किस प्रणाली से हुई ,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के किसी सदस्य या प्रत्याक्षी की समझ में आयी हो तो प्लीज़ बताना ज़रूर ,जो नियमों में लिखा है ,उसी नियम से हुई या फिर जैसे हर बार होती आयी है वैसे गिनती हुई ,,अगर प्रत्याक्षियों को वोटर द्वारा दिए गए पच्चीस तक की वरीयता गिनने का प्रावधान नहीं तो फिर यह वरीयता वोट दिलवाने की नौटंकी क्यों ,,,,खेर दूसरे चक्र की मतगणना में 1495 का टारगेट पूरा नहीं करने पर भी 18 प्रत्याक्षी कम वोट आने पर भी निर्वाचित हुए है फिर लक्ष्य दिए गए वोट को पूरा करने के लिए द्वितीय के बाद तृतीय व् बाक़ी चक्र के वोटों की गिनती क्यों नहीं की गयी यह सवाल वोटर सदस्यों को परेशांन किये हुए है ,,द्वितीय वरीयता वोटों की गिनती के चक्र में 144 प्रत्याक्षियों के वोटो की गिनती की गयी है ,,,कुल 3887200 वोट में से 320888 वोट एजॉस्ट हुए जबकि 420 वोटों का इग्नोर फ्रेक्शन रहा ,,,प्रथम वरीयता निर्वाचन के बाद 6 प्रत्याक्षी टारगेट वोट लेकर निर्वाचित हुए जबकि शेष 18 प्रत्याक्षी दूसरे प्रत्याक्षियों से अधिक वोट आने पर ही निर्वाचित माने जा रहे है ,,,प्रथम हरेंद्र सिंह सिनसिनवार द्वितीय वरीयता में संजय शर्मा ,,भुवनेश शर्मा ,,घनश्याम दास बंसल ,,रतन सिंह राव ,सय्यद शाहिद हसन ,,सुरश चंद्र श्रीमाली ,बलजिंदर सिंह संधू ,राजेश पंवार ,,सज्जन दास सुराणा ,द्वितीय वरीयता की गिनती में टारगेट वोट पर पहुंचे ,,लेकिन अन्य सदस्यों को टारगेट वोट नहीं मिले फिर भी उन्हें वरीयता अधिकतम वोट आधार पर निर्वाचित माना जा रहा है जिसमे 1156 वोटों पर इन्द्रराज चौधरी निर्वाचित किया जा रहा है इसी तरह से दूसरे प्रत्याक्षियों के भी टारगेट से कम वोट है लेकिन प्रक्रिया में वोह अधिकतम वोट होने से निर्वाचित माने जा रहे है ,,निर्वाचित होने वालों में हरेंद्र सिंह सिनसिनवार ,,संजय शर्मा ,,भुवनेश शर्मा ,,घनश्यामदास बंसल ,रतन सिंह राव ,,सय्यद शाहिद हसन ,,सुरश चंद्र श्रीमाली ,बलजिंदर सिंह संधू ,,राजेश पंवार ,,सज्जन दास सुराणा ,,कुलदीप कुमार शर्मा ,,योगेंद्र सिंह शक्तावत ,रणजीत जोशी ,सुनील बेनीवाल ,,कपिल प्रकाश माथुर ,डॉक्टर महेश शर्मा ,,चिरंजी लाल सैनी ,रामप्रसाद सिंगारिया ,, नोरंग सिंह चौधरी ,,सचिन आचार्य ,,घनश्याम सिंह राठोड ,,सुशील कुमार शर्मा ,,जगमाल सिंह चौधरी ,,,देवेंद्र सिंह राठोड ,इन्द्रराज चौधरी ,,निर्वाचित होने वाली सूचि में है ,खेर ट्रिब्यूनल क्या आदेश देता है देखा जाएगा ,लेकिन अब चेयरमेन ,,बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य बनने की होड़ लग गयी है ,तोड़ फोड़ ,मान मुनव्वल का दौर चल रहा है ,,स्थिति परिवर्तित है ,कोन चेयरमेन ,बनेगा ,कौन पांच साला चक्र में समझौते की लाइन में होगा ,लेकिन सहवरित 26 वे सदस्य के लिए भी लामबंध कार्यक्रम शुरू हो चूका है ,वर्तमान में राजस्थान में सबसे प्रभावशाली कोटा संभाग हाड़ोती से एक उम्मीदवार भी जीत कर नहीं जा पाया है ,क्योंकि कोटा संभाग के प्रथम और द्वितीय वरीयता के रिकॉर्डतोड़ वोट कोटा के प्रत्याक्षियों को धता बताकर बाहरी प्रत्याक्षियों को दिए गए है ,वर्तमान में लगभग छह निर्वाचित प्रत्याक्षियों के निर्वाचन में कोटा संभाग के बेवफा वोटर्स का खुला सहयोग है ,,एडवोकेट एक्ट के बाद बार कौंसिल के गठन के बाद पहला वक़्त ऐसा है के बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान में ,,कोटा का कोई प्रतिनिधि नहीं है ,ऐसे में जो छह प्रत्याक्षी कोटा के वोटर्स के बल पर निर्वाचित होकर गए है ,,उन्हें हर हाल में कोटा के ही किसी उनके अपने वफादार वोटर्स या थोक वोटर्स के ठेकेदार में से किसी को ,सहवरित करवाना चाहिए ,अन्य दूसरी समितियों में भी कोटा का हक़ है ,,,सभी निर्वाचित प्रत्याक्षियों के हक़ में ट्रिब्यूनल जब भी फैसला दे देता रहेगा ,लेकिन सभी प्रत्याक्षियों को बधाई ,,मुबारकबाद ,बस एक निवेदन है ,कई प्रत्याक्षी ,,कई निर्वाचित लोग ,जिनका प्यार वोटर्स के लिए उमड़ा था वोह कम न हो ,कई वाट्सएप्प ग्रुप बने सभी प्रत्याक्षी ,निर्वाचित लोग उसमे शामिल ,रहे प्रचार किया ,लेकिन अब एक एक करके सभी लेफ्ट हो रहे है ,,सदस्य इससे उनकी गंभीरता समझे ,,चुनाव तक सिर्फ तुम्हारा साथ चाहिए था ,,प्रत्याक्षी प्लीज़ ऐसा न ,करें ,,,संभागवार कार्यालय ,प्रभारी स्थापित करे ,,कमेटियों में सभी संभागों को बराबर की हिस्सेदारी मिले ,,वकीलों की सनद रिनिवल दुखद नियम को खत्म करे ,,कल्याणकारी क्षतिपूर्ति राशि बढाए ,,बीमारों के इलाज के लिए भी दी जाने वाली राशि में वृद्धि करे ,,,समस्त आमद खर्च का विस्तृत ब्यौरा वेबसाइट पर मदवार प्रकाशित करें ,,वकीलों के लिए स्टाइफंड योजना ,प्रशिक्षण योजना ,लाइब्रेरी मदद योजना ,उनके आवास ,प्लाट योजना ,,सहित कम्पीटिशन प्रशिक्षण की संभागवार व्यवस्था की जाए ,, जो सदस्य निर्वाचित हुए है वोह हायकोर्ट जज की दौड़ में नहीं लगेंगे ,,सरकारी अधिवक्ता ,पेनल लॉयर नहीं रहेंगे ऐसा ईमानदाराना संकल्प ले ,एक दूसरे के खिलाफ गलतफहमी दूर कर एक जुट होंगे ,,मनन मिश्रा के खिलाफ जो जयपुर में परिवाद है उसे समझाइश से निस्तारित करवाएंगे ,ऐ डी जे स्तर की परीक्षाओ में जो पचास प्रतिशत कोटे में परीक्षा के नाम पर आर जे एस प्रमोशन के नाम पर हक़ मारा जाता है उसकी समीक्षा कर वकीलों के हक की ऐ डी जे पोस्टें उन्हें ही नियुक्त करने के लिए संविधान की भावना के अनुरूप रखेंगे ,संभागवार समस्या समाधान समिति जिसमे वकीलों और न्यायालयों के बीच कुछ मुद्दे होते है उनका निस्तारण करवाएंगे ,,हायकोर्ट बेंच सर्किट बेंच को लेकर ईमानदाराना विचार विमर्श कर ,बिना क्षेत्रीयता के जिसका हक़ है उसे दिलवाने की सिफारिश करेंगे ,,क्या ऐसा हो सकेगा ,,क्या निर्वाचित लोग और टारगेट निर्वाचन वोट नहीं आने पर भी अधिकतम वोट होने से निर्वाचन की सूचि में शामिल ,,बारकोंसिलर साथी ऐसा कर सकेंगे ,,देखते है एक ब्रेक के बाद ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थन

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