बेमिसाल वफादारी के प्रतीक ,,,यारों के यार ,,स्वतंत्र पत्रकार भाई के डी अब्बासी को उनकी सालगिरह पर मुबारकबाद ,बधाई
,दोस्तों यूँ तो भाई के डी अब्बासी किसी परिचय के मोहताज नहीं ,,लेकिन एक
छोटे से समाचार पत्र विश्वमेल से पत्रकारिता की शुरुआत कर ,जननायक ,भारत की
महिमा ,राष्ट्रिय सहारा ,,सहारा टी वी सहित कई पत्र ,पत्रिकाओं ,मैग्ज़ीनों
में ज्वलंत मुद्दों पर रोज़ मर्रा लिखने वाले ,ज़िंदा,,और निष्पक्ष ,निर्भीक
,, पत्रकार के रूप में इनकी पहचान ,,,है ,,,पत्रकारिता के संघर्ष काल में
जब डिजिटल पत्रकारिता नहीं ,थी तब क़लम से की जाने वाली पत्रकारिता के लिए
,भाई के डी अब्बासी ने ,,क़लम की फैक्ट्री ही खोल दी ,वोह कहते थे ,,,मेरे
बनाये हुए पेनों से में चाहता हूँ ,पत्रकार कुछ ऐसा करिश्मा करे के ,,रोते
हुए लोग मुस्कुराये ,पीड़ितों को इंसाफ मिले ,बेईमान और भ्रष्टाचार लोगो को
सजा मिले ,समस्याओं के समाधान पर चर्चा हो ,बस इनकी उत्पादित क़लम पुराने
वक़्त के कमोबेश सभी पत्रकारों के हाथो में आम जनता को इंसाफ देने के लिए
अलफ़ाज़ उगलती रही ,,के डी अब्बासी भाई अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें
स्वरोज़गार के लिए उत्प्रेरित भी करते रहे ,अपना वक़्त देकर उन्हें स्थापित
करने का सफलतम प्रयास भी करते रहे ,यही वजह है के आज कई साथी लोग इनकी
वफादारी ,कुशल प्रबंधन ,मदद से स्वरोज़गार व्यवस्था में मालामाल है ,,भाई के
डी अब्बासी सांध्य दैनिक विश्व मेल ,अमर नायक ,,भारत की महिमा ,,दैनिक
जागरण ,,दैनिक जननायक ,राष्ट्रिय सहारा ,सहारा टी वी में काम करने के बाद
अब स्वतंत्र पत्रकार के रूप में रोज़ लिख रहे है ,छोटे मंझोले ,,समाचार
पत्रों सहित सभी पत्रकारों को इनकी दैनिक खबर बुलेटिन का इन्तिज़ार रहता है
,,कलेक्ट्रेट पर कोई प्रदर्शन हो ,कोई बैठक हो ,कोई समस्याग्रस्त ज्ञापन
बाज़ी ,हो ,रेलवे में कोई अव्यवस्था हो ,पुलिस प्रताड़ना हो ,,नाली पटान
,खरंजे की कोई समस्या हो ,,प्रेस कॉन्फ्रेंस हो ,जनता की समस्याओं के
समाधान से जुड़े सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों ,अधिकारियो की उपेक्षा हो
,उनकी त्वरित ,जीवंत ,फोटोग्राफ के साथ लाइव रिपोर्टिंग हर पल हर क्षण
प्रसारित होती है ,कोटा सहित राजस्थान के सभी अख़बारों में इनकी खबरों
,रिपोर्टिंग का प्रकाशन लगातार होता है ,,के डी अब्बासी डिजिटल प्रेसनोट
,डिजिटल पत्रकारिता से जुड़कर कई डिजिटल वेबसाइटों पर अपनी खबरों से
पत्रकारों ,पाठको को लाभान्वित कर रहे है ,बिना किसी लालच ,,बिना किसी मतलब
के भाई के डी अब्बासी ,इनकी रिपोर्टर कम्प्यूटर रिपोर्टिंग डिजिटल सिस्टम
के ज़रिये अदालत ,कलेक्ट्रेट आने जाने वाले पत्रकारों को भी लाभान्वित करते
है ,उन्हें व्यवस्थाएं उपलब्ध कराते है ,,कई सदियों से मेने इनकी हर अदा को
बारीकी से क़ैद किया है ,लेकिन वफ़ादारी ,दयानतदारी ,,पत्रकारिता के लिए
समर्पण ,,महनत ,लगन का जज़्बा इनमे कूट कूट कर भरा है ,,, विख्यात लेखक
,,स्वतंत्र पत्रकार ,पूर्व संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क भाई डॉक्टर प्रभात
कुमार सिंघल को के डी अब्बासी वर्तमान हालातों में अपना मार्गदर्शक भी
मानते है ,उनसे वोह बहुत प्रभावित है ,,लेकिन यक़ीन कीजिये ,,,तलाश कर
लीजिये ,,आज़मा लीजिये ,पत्रकारिता की व्यस्त दुनिया ,रोज़गार की भागमभाग में
व्यस्तताओं के बाद ऐसी जांबाज़ पत्रकारिता ,ऐसी ,वफादार दोस्ती ,ऐसी यारों
की यारी ,भाई के डी अब्बासी से अव्वल अगर किसी में हो तो बताइये ज़रूर
,क्योंकि इन सब में भाई के डी अब्बासी अव्वल थे ,अव्वल है ,अव्वल रहेंगे
,,भाई के डी अब्बासी को उनकी सालगिरह पर दिली मुबारकबाद ,बधाई ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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