एक वीरांगना दुर्गा ,,इंद्रा गांधी ,,जिन्होंने ,,पाकिस्तान सेनिको के
घुटने टिकवा दिए ,,जिन्होंने पाकिस्तान के अभिन्न अंग कहे जाने वाले
,,बांग्लादेश को अलग कर दिया ,,इंद्रा जिन्होंने खुद की जान की परवाह किये
बगैर अलगाववादी आतंकवाद का जड़ से खात्मा किया ,,वोह इंद्रा जिन्होंने देश
,,देश वासियों को इन्साफ दिलाने ,,अराजकता के माहौल से लोगो को आज़ाद करा कर
,,क़ानून का राज स्थापित करने के लिए ,,व्यवस्था दी ,जिसमे सरकारी कर्मचारी
को दस बजे से पांच बजे दफ्तर समय में हर हाल में वक़्त पर उपस्थित होना
,,आम जनता का बिना रिश्वत ,,बिना हिल हुज्जत के काम करना ,,ऐसा नहीं करने
पर कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की तलवार लटकाई गयी ,,मिलावट खोरो
,जमाखोरों ,स्टॉकिस्टों ,,ब्याजखोरो ,,अराजकता का माहोल बनाकर ,,देशः में
आज़ादी का गलत फायदा उठाकर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की
,,बढे बढे बेईमान लोग जेल में ,बढे बढे नफरत बाज़ जेल में ,,लोगो को उकसा कर
भड़का कर आज़ादी का गलत फायदा उठाने वाले जेल में ,बेईमान ,भ्रष्ट कर्मचारी
जेल में ,लेटलतीफ कर्मचारियों को लताड़ ,,जनता से बेईमानी करने वाले ,,जनता
का काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को सबक़ ,,महंगाई बढ़ाने वाले जमाखोरो को
सज़ा ,,किसानो की फसल चौपट करने वाले जेल में ,,उद्योगों में उद्योगपतियों
से साठगांठ कर मज़दूर लीडर मज़दूरों का शोषण करने वाले जेल में ,,आम आदमी
सुकून से ,,आम आदमी सुरक्षित ,,हर सरकारी दफ्तर में क़ानून का राज ,देश के
हर कोने में क़ानून का राज ,क़ानून से बढ़ा कोई नहीं ,,क़ानून ही सबसे बढ़ा
,,लेकिन वोह वक़्त ,वोह सुकून अराजकता फैलाने वालो को कैसे पसंद आता
,उन्हें तो आज़ादी के नाम पर अराजकता ,लोकतंत्र के नाम पर मनमानी
,पत्रकारिता के नाम पर नफरत फैलाने की साज़िशे चाहिए थी ,इसीलिए एक यूनियन
बनाई गयी ,क़ानून तोड़ने वाले ,,आज़ादी में अमन सुकून के दुश्मन बनकर अपराध
में जेल गए सभी लोग ,बेचारे बने ,,,जनता को सब्ज़ बाग़ दिखाए ,,,जुमले बाज़ी
की ,,लोगो को बहकाया ,,और नतीजा सामने है ,देश में फिर वही अराजकता
,,दफ्तरों में वही मनमानी ,,मीडिया की वही गैरज़िम्मेदाराना नफरत बाज़ी
,लोकतंत्र में झूंठ ,जुमलेबाजों की पो बारह ,,,क़ानून का राज नहीं ,जंगलराज
को समर्थन ,, भीड़तंत्र ,,जजों में हाहाकार ,,क्या नहीं आज ,और इधर वोह लोग
जो आम जनता को बहका कर फुसलाकर ,फिर से अराजकता के माहौल में लाये है ,वोह
लोग ,खुद ,,देश से ,देशवासियों की टेक्स की रक़म से खुद के लिए पेंशन और
सुविधाएँ लेने लगे है ,भला लोकतंत्र में क़ानून तोड़ने वालो को कभी पेंशन दी
गयी ,है लेकिन यहां ऐसा हुआ है ,एक नई पार्टी का जन्म ,,फिर पार्टी का
टूटना ,एक दूसरी पार्टी का , जन्म ,,फिर पार्टियों का बनना ,,देश भर में
नफरत का माहौल ,,आज क्या हालात है ,इसीलिए कहते है वीरांगना इंद्रा गांधी
के सपूत के सपूत ही फिर से देश को इन्साफ ,आरजकता के माहौल से मुक्ति
,,नफरर्त के माहौल से आज़ादी ,,महंगाई ,भ्र्ष्टाचार ,,,झूंठ ,,जुमलों से
आज़ादी दिलवा सकते है ,,,शासन ,,मज़बूत कामयाब शासन की खूबियां खून में होती
है ,,विरासत में होती है ,सोहबत में होती है ,अगर स्टेशन पर कुछ बेचने वाले
को कुछ बनाओगे तो वोह तो स्टेशन बेचेंगे ,,देश की विरासत बेचेंगे ,,,विचार
बेचेंगे ,और इंद्रा जी ने जिस गंदगी से हमे मुक्ति दिलवाने की कोशिशे की
थी उस गंदगी को फिर से आबाद करेंगे ,,इसीलिए कहते है स्टेशन बेचने वाले
,,विरासत बेचने वाले ,,दूसरे देशो में जाकर हाथ जोड़कर ,,मिमियाने ,वाले
,जनता से धोखा कर जुमलेबाज़ी कर ,उन्हे गुमराह करने वाले ,दुश्मन के घर देश
को बिना बताये जाने ,वाले ,,देश की जनता को भेड़ बकरी समझने वाले ,रोज़गार के
अवसर पैदा नहीं करने वाले ,,इंजीनियर को पकोड़ी बेचने की सलाह देने वाले
लोगो से बचे ,,अपने बेटों को सरकार में आने के बाद ,चंद दिनों में अरबपति
बनाने वालों से सावधान रहे ,,सावधान रहे ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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