राजस्थान में पांच साल में होने वाले बार कौंसिल के चुनाव ,,वर्तमान
पदाधिकारियों के कारण चार साल बाद यानी पुरे नो साल में हो रहे है ,,में
एडवोकेट अख्तर अली खान अकेला ,,,खुद चव्वन नंबर ,,यानी फिफ्टी फॉर नंबर
,,,54 क्रमांक पर इस चुनाव में सब्र ,,हिम्मत और बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान
में जो कुछ हुआ उसमे बदलाव ,,सुधार ,,कल्याणकारी व्यवस्थाओ के जज़्बे के
साथ 159 उम्मीदवारों में से एक हूँ ,,,आपका एक समझदारी ,ज़िम्मेदारी से दिया
गया वोट ,,बेहतर बार कौंसिल को निर्वाचित कर सकता है ,,कहीं ऐसा न हो
,अपने अपने भाई साहबो ,,वायदा कर लिया है ,जज़्बातो में फिर वही पांच साल के
चुनावों की ,तकलीफों की नो साल तक चली दुखद कहानी का दौर शुरू हो जाए और
फिर हम पुरे पांच साल तक हाथ मलते रह जाएँ ,चुनिए उन्हें जो बरसात आने पर
मेंढ़क न बनते हो ,चुनिए उन्हें जो हर लम्हा ,हर वक़्त ,दुखदर्द में वकीलों
की समस्या के साथ संघर्ष में शामिल रहते हो ,,विरोध करते हो ,बोलते हो
,लिखते हो ,,मूकदर्शक बने लोग ,हक़ संघर्ष की स्वाभिमानी हड़ताल से दूर भागने
वाले लोग ,,वकीलों की समस्या समाधान से पहले अपने काम ,अपनी वकालत ,को
तरजीह देने वाले ,लोग ,,हायकोर्ट जजों ,,,छोटे न्यायिक अधिकारियो के साथ
दोस्ती निभाने वाले लोग ,,वकीलों की समस्याओं पर कभी चर्चा नहीं करने वाले
,,वकीलों की हितकारी योजनाओ के मामले में विज़न लेस लोग ,,सिर्फ इसलिए के
उन्होंने बार बार दावत दी है ,सिर्फ इसलिए के उन्होंने दावत के साथ गला भी
तर किया है ,,सिर्फ इसलिए के उन्होंने चुनाव को ध्यान में रखते हुए ,,कुछ
मेहमानवाज़ी के नाम पर इन्वेस्टमेंट किया ,है ,सिर्फ इसलिए के नोटेरी
साक्षात्कार ,,न्यायिक मजिस्ट्रेट परीक्षा में महमाननवाज़ी हुई है
,,प्रभावित न हो ,ज़रा सोचिये ,,इसके पहले भी कई बार नोटेरी साक्षात्कार
होते रहे है ,न्यायिक अधिकारीयों की परीक्षाएं होती रही है ,,अगर
महमाननवाज़ी का जज़्बा था तो फिर इन्होने यह प्यार पुराने वक़्तों में भी
क्यों नहीं लुटाया ,, ज़रा सोचिये। .प्रत्याक्षी खुद आज़ाद होकर ,सिर्फ
वकीलों के हक़ संघर्ष के लिए चुनाव लड़ रहा है ,खुद सादगी से चुनाव लड़ रहा है
या फिर ,,कोई है जो परदे के पीछे से संस्थागत यह चुनाव लड़वा रहा है
,,चुनिए उन्हें जो हर वक़्त हर लम्हा आपका साथ निभाए ,,चुनाव के पहले भी हर
वक़्त हर लम्हा आपके साथ ,विचारों से ,,लेखन से ,आंदोलन की भागीदारी से
,संघर्ष में अगुवाई के विचारों के साथ आपके साथ रहे है ,,,,,चिंतन ,,आपका
,,वोट आपका ,,अपनी अंतगररात्मा को टटोले ,,मुझे ताज्जुब होता है जब एक
वैचारिक आज़ादी ,,वोट की आज़ादी की बात करने वाले मेरे एक कामरेड मित्र
,,अपनी वैचारिक आज़ादी की अंतरात्मा की आवाज़ को दबाकर ,,भीड़तंत्र की तरह
,,,इस डबलग्रेजुएट चुनाव में ,,विज़न लेस वोट देने की बात करते है ,खेर वोट
आपका हक़ है ,संघर्ष हमारा फ़र्ज़ ,,हमे इन्तिज़ार है आपके सही फैसले का ,,जो
आप साथियों के हक़ संघर्ष के लिए एक विज़न वाली ,,,कल्याणकारी ,,हितकारी
,स्वाभिमानी बार कौंसिल निर्वाचित कर ,वकीलों के हित में पुराने काले
रिनिवल क़ानून को खत्म करने की हिम्मत रखे ,कल्याणकारी व्यवस्था के तहत दस
लाख रूपये मृतक आश्रित सहायता राशि ,स्टाइफंड व्यवस्था ,,कोचिंग व्यवस्था
,,संघर्ष के वक़्त आँखों में आँखे डालकर संघर्ष का इतिहास रच सके ,,खुद
अपने कल्याण के लिए नहीं ,,खुद अपने सम्मान के लिए नहीं ,वकीलों के
स्वाभिमान ,हक़ संघर्ष उनके कल्याण के लिए क्षेत्रवार ,,आयु वर्ग के हिसाब
से व्यवस्थाएं कर सके ,,,,एडवोकेट अख्तर अली खान अकेला बैलेट नंबर 54
,,चव्वन ,,कोटा राजस्थान
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