वकील साथियों ,,वकीलों को शर्मसार ,,वकीलों को अपमानित करने वाला तुगलकी
आदेश ,,बार बार डिग्री ,मार्कशीटों की जांच करवाओ ,नहीं तो और क्या है
,,अफ़सोस भी होता है ,ऐसा नियम ,,ऐसा क़ायदा बनाने वाले ,लागू करवाने वालों
पर शर्मिंदगी भी होती है ,,दोस्तों ऐसे , लोग ऐसा नेतृत्व जो वायदा वकीलों
के कल्याण का करके निर्वाचित हुए ,और वकीलों के कल्याण को भूलकर हाकिमो के
साथ काफी पीकर ,वकीलों के अपमानकारी क्रियाकलापों में शामिल हो गए
,,दोस्तों ताज़ा खबर ,,कुछ वकील साथियों की वकालत की सनद रिनिवल की तारीख
अंतिम होने से ,,उन्होंने बार कौंसिल द्वारा पूर्व डिग्री ,मार्कशीट जांच
के बाद ,,तस्दीक़ के बाद ,,सनद रिनिवल प्रमाण पत्र जो दिया था ,उस
प्रमाणपत्र को आवेदन और शुल्क के साथ रवाना किया ,,तो हमारे पूर्व
निर्वाचित बार कौंसिलर के फैसले का तुगलकी फरमान था ,इस आवेदन के साथ ,फिर
से दसवीं ,,,ग्रेजुएशन ,,विधि स्नातक की अंकतालिकाएं डिग्री फिर लगाओ
,,कोटा से भेजे गए आवेदन पत्रों के मामले में ,,बार कौंसिल सचिव ,आर पी
मलिक से जब कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष मनोजपुरी ने इस पर ऐतराज़ जताते
हुए वार्ता करते हुए जब कहा के ,एक बार एनरोलमेंट करते वक़्त जांच हुई ,फिर
रिनिवल करते वक़्त जांच हुई अब जब रिनिवल जो तुमने किया था उसी रिनिवल
प्रमाणपत्र को तुम नहीं मान रहे ,फिर मार्कशीट ,,डिग्री क्यों ले रहो हो
,,इस पर बार कौंसिल के सचिव ने मजबूरी ज़ाहिर करते हुए कहा ,हम आदेश से
मजबूर है ,,यह सब तो दुबारा भेजना ही पढ़ेगा ,,इस मामले में एक समारोह में
,,कोटा अभिभाषक परिषद अध्यक्ष मनोजपुरी ने बारकोंसिलर पूर्व बार कौंसिल
चेयरमेन आदरणीय महेश गुप्ता साहिब से भी की ,लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला
,,दोस्तों क्या हमने ,अपने क़ीमती वोट देकर ,बार कौंसिल को ,हमे खुद को ,चोर
,,फ़र्ज़ी डिग्रीधारी साबित करने के लिए निर्वाचित किया था ,क्या ऐसा फैसला
लेने वाले ,,वकीलों की मार्कशीट ,डिग्रियां ,,एक बार नहीं ,दो बार नहीं
,बार बार जांच करवाकर अपमानित करवाने वाले ,,वकीलों की गुणवत्ता पर संदेह
ज़ाहिर कर ,उनकी वकालत की सनद का नवीनीकरण का आदेश एक शुल्क के साथ करवाने
वाले ,,फिर से वकीलों के नेतृत्व के हक़ दार है ,,क्या ऐसे लोगो के वरदहस्त
,,उनके निकटतम परिजन फिर से वकीलों के कल्याण ,वकीलों के संघर्ष ,वकीलों के
प्रबंधन के लिए बार कौंसिल में आपके क़ीमती वोट को हांसिल करने के हक़दार है
,में वायदा नहीं करता ,,लेकिन भरोसा दिलाता हूँ ,,वकील साथियों हम जैसे
ज़मीन से जुड़े वकील साथियों को ,कॉर्पोरेट सेक्टर से बाहर आकर ,चमक दमक की
प्रचार सामग्री से ध्यान हठा कर ,,एक बार निर्वाचित कर सेवा का अवसर ज़रूर
दे ,क्योंकि वकीलों के रिनिवल के नाम पर उनका अपमान रोकना है ,,कल्याणकारी
राशि बढ़ाना है ,, वकीलों के हक़ ,उनके शैक्षणिक ,,गुणवत्ता संवर्धन के लिए
प्रशिक्षण कार्यक्रम ,सेमिनारें ,,क्षेत्रीयता के आधार पर करना है ,,वकील
प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करवाना है ,,हर ज़िले में उनके लिए आरक्षित दर से
रियासती दर पर कॉलोनी की जंग लड़ना है ,,सभी ज़िलों में डिजिटल लाइब्रेरी
बनाना है ,वकीलों के निर्वाचन नियमों को बदलवा कर ,बार कौंसिल सदस्यों की
संख्या पच्चीस से बढ़वाना है ,,निर्वाचन नियम जो प्रफ्रेंस वाले है ,जो
अनुत्तरित ,,जो वकीलों को परेशानी में डालने वाले है ,उन्हें संशोधित
कारवाना है ,,,जो निर्वाचित लोग जीतकर पांच साल के लिए वकीलों के कल्याण
,,उनके हित संघर्ष की जगह ,खुद को डवलप करने ,हायकोर्ट जज ,महाधिवक्ता
वगेरा बनने की होड़ में खुद लगते है ,या किसी के मददगार बनते है उनके लिए
अनुशासन नियम बनाना है ,दो बार लगातार से ज़्यादा कोई चुनाव नहीं लडे ऐसे
नियम संशोधित करवाना है ,जो निर्वाचित सदस्य ,,वकीलों के हित संघर्ष की जगह
वकीलों के खिलाफ साज़िशों में शामिल हो ,जो वकीलों का विश्वास खो दे ,ऐसे
निर्वाचित सदस्यों को एक निर्धारित प्रक्रिया से रिकॉल करने का क़ानून भी
बनवाना है ,जबकि संविधान के अनुरूप वकील कोटे से जजों ,,जिला जजों की
संख्या भी निर्धारित करवाना है ,,जिलेवार बैठके हों ,प्रतिनिधित्व हो
,,साधारण सभा एक साल में पुरे राजस्थान के अधिवक्ताओ को शामिल कर मुद्दों
पर चर्चा करवाने का नियम बनवाना है ,,आप अगर सहमत है ,,आप अगर यह सब चाहते
है ,तो गुज़ारिश है मुझे ,,मेरे जैसे नए सिर्फ नए चेहरों को निर्वाचित कर
प्रथम वरीयता का वोट देकर अनुग्रहीत करे ,,अख्तर अली खान अकेला ,,न्यायालय
परिसर कोटा प्रत्याक्षी बार कौंसिल
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