वकील साथियों बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान एडवोकेट एक्ट 1961 के तहत बनाया गया
तब बार कौंसिल वकीलों की संख्या के हिसाब से 25 सदस्यों की बनाई गयी थी
,,दोस्तों आज गुणात्मक संख्या में वकीलों की संख्या कई हज़ार गुना बढ़ी है
,,जबकि ज़िले भी 34 हो गए है ,ऐसे में क्या बार कौंसिल सदस्यों की संख्या का
प्रतिनिधित्व दोगुना नहीं होना चाहिए ,,और हाँ वोटिंग में प्रथम वरीयता
द्वितीय वरीयता खत्म कर ,,,प्रथम अधिकतम के बाद द्वितीय अधिकतम ,फिर तृतीय
अधिकतम वोटो के अनुसार निर्वाचन नहीं होना चाहिए ,,वोट डालने
के मामले में अंग्रेजी के अंक लिखवाने की जगह मुहर या फिर वन ,टू ,,थ्री
नहीं होना चाहिए ,,क्योंकि काउंटिंग के वक़्त अंक एक के आगे अगर दूसरा अंक
जोड़ दिया तो क्या एक अंक के आगे दो लिखने से इसे बारह नहीं पढ़ा जा सकता
,,जहाँ गलतियां ,या गड़बड़ होने की संभावना हो ,,क्या इस व्यवस्था को नहीं
बदलना चाहिए ,,क्या बार कौंसिलर के लिए दुबारा चुनाव लड़ने पर पाबंदी नहीं
चाहिए ,,क्या बार कौंसिलर हाईकोर्ट का जज नहीं बनेगा ,,,सरकारी महाधिवक्ता
या बढ़ा पद नहीं लेगा ऐसी पाबंदी नहीं होना चाहिए ,ताकि इस चुनाव में वही
निर्वाचित होकर आये जो निजी फायदे या रसूकात बढ़ाने के लिए नहीं सिर्फ
वकीलों के लिए संघर्ष करने ,,उन्हें इंसाफ दिलाने ,उनकी कल्याणकारी
व्यवस्थाओ को व्यवस्थित करने के लिए आये ,,ऐसे लोग जीत कर आये ,जो खुद को
सरकारी अफसर समझने की जगह वकीलों के हक़ में सरकार और न्यायिक प्रबंधन से
टकराने का साहस रखते हो ,अपने निजी मुक़दमो की सुनवाई की फ़िक्र किये बगैर
न्यायिक प्रबंधन से आँखो में आँख डालकर ,,वकीलों के हक़ के लिए संघर्ष कर
,सके ,यह न कहें ,हम तो अधिकारी है ,संवैधानिक संस्था है हड़ताल नहीं कर
सकते ,,वकीलों के हक़ के लिए संघर्ष नहीं कर सकते ,,यह न कहे हम तो हर बार
जीतते आये है ,हमे जीतने से कोन रोकेगा ,, यह न कहे ,,वकीलों की मृत्यु पर
ढाई लाख रूपये बहुत है ,,हमारे परिजन तो नहीं लेंगे तुम्हारे परिजन को भी
नहीं लेना चाहिए ,,यह राशि भी बहुत है ,,यह भी न कहे ,,के वकीलों के कल्याण
,नए अधिवक्ताओं को भत्ता देने की वेलफेयर व्यवस्था देने वाले लोग जेल
जाएंगे ,,ऐसे पांच सितारा संस्कृति के लोगो से क्या हमे बचना नहीं चाहिए
,,,चुने ऐसे को ,जो आपका अफसर न हो ,,चुने ऐसे को जो आपका हमदर्द ,आपका भाई
,आपके सुख दुःख में आपके साथ खड़ा हो ,,,जो आपके लिए ,किसी भी तरह का
संघर्ष करने के लिए तत्पर हो ,,,,,लड़ने के पहले ही हारने वाला ,या फिर
भाईसाहबो के इशारे पर चलने वाला न हो ,,,,,,फैसला आपका ,,जीत बेहतर बार
कौंसिलर्स की ,,एडवोकेट अख्तर अली खान ,अकेला , कोटा प्रत्याक्षी बार
कौंसिल ऑफ़ राजस्थान , 28 मार्च को ,प्रथम वरीयता का वोट देकर अनुग्रहित करे
,
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