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10 फ़रवरी 2018

,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के चुनाव आखिर 28 मार्च को सम्पादित होना तय

काफी जद्दोजहद ,,क़ानूनी लड़ाई के लम्बे सफर के बाद ,,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के चुनाव आखिर 28 मार्च को सम्पादित होना तय है ,,,निर्वाचन के लिए अधिसूचना के बाद ,,1 फरवरी से 15 फरवरी तक आवेदन भरे जा रहे है ,,मुझे ख़ुशी है ,,नई उम्मीद ,,नए हौसले ,नयी कल्याणकारी योजनाओ ,और वकीलों को परेशान करने वाले बनाये गए पुराने नियमो के खिलाफ आवाज़ उठाने के जज़्बे के साथ सर्वपर्थम ,,सबसे पहला ,,नामांकन कोटा से मेने दाखिल किया ,,,अभी नामांकन भरने का सिलसिला जारी ,है फिर नामांकन वापसी की तारीख ,वरिष्ठता क्रम के आधार पर ,बैलेट पेपर में क्रमांक जो भी चस्पा होंगे 1 मार्च को जारी हो जायेंगे ,इसके बाद 28 मार्च को राजस्थान की सभी अभिभाषक परिषदों में जिलेवार ,क्षेत्रवार यह महासंग्राम होगा ,,जिसमे अप्रेल में काउंटिंग के बाद बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान से प्रशासक का ग्रहण हठ कर ,लोकतंत्र की जीत के बाद एक नए अध्यक्ष ,,दूसरे चौबीस सदस्यों के साथ बार कौंसिल का कार्यभार देखेंगे ,,लेकिन दोस्तों ,चुनाव मैदान में होने के बाद ,,मर्यादाओ को लांघे बगैर ,चुनाव लड़ना बहुत मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन सा होता है ,,घरो में बैठे चाय ,पान की दूकान चला रहे ,साथियों के पास जो वोटर है ,वोट मांगने जाना वुसूल के खिलाफ है ,,मुझे नुकसान है ,लेकिन में नहीं जाऊँगा ,,इस मर्यादा को हमे ध्यान रखना होगा ,,कॉर्पोरेट सिस्टम से चुनाव लड़ने वालो से हम घबराये हुए है ,बढे बढे रंगीन पोस्टर ,बढे बढे लिफ़ाफ़े ,गिफ्टों के रूप में कैलेंडर दूसरी सामग्रियां ,,, चाय ,,पार्टियां है ,लेकिन उसके मुक़ाबिल हमारा ब्लेक ऐंड व्हाइट की प्रचार सामग्री जो प्रदूषण पर्यावरण की शपथ के बाद बारीक़ कागज़ पर छपवाया गया ,है ,उसी के साथ हम चुनाव मैदान में है ,,मेल मुलाक़ात ,संवाद है ,बहुत बढे वायदे ,,बहुत बढ़ी महंगी गाड़ियां चुनाव प्रचार के लिए नहीं ,,क्योंकि बार कौंसिल ऑफ़ राजस्घन निर्वाचन नियम 1968 जो वर्तमान में संशोधित है ,उस नियम का हम उलंग्घन नहीं कर रहे है ,,,चुनाव दोस्ताना माहौल में हो ,इस दोस्ताना माहौल में बारां के दिलीप पंवार भी इसी स्टायल से चुनाव मैदान में है ,,सभी से गुज़ारिश है ,निर्वाचन पत्र पर ,निर्वाचन के दिन सुबह 9 बजे से 5.30 बजे तक मतदान होगा ,जिला बार अध्यक्ष कमोबेश निर्वाचन अधिकारी है ,जहाँ खुद जिला अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे है वहां दूसरे साथियों को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है ,,निर्वाचन नियमों में प्रथम वरीयता का वोट इन्वर्टेड कोमा में अंग्रेजी अंक में एक लिख कर "!" इस तरह से नाम के आगे लिखना है ,,फिर दूसरी ,,तीसरी जो भी वरीयता हो इसी तरह से डालना है ,,मेरा निवेदन ,,मेरी इल्तिजा ,मुझे प्रथम वरीयता का वोट ,देकर एक बार सिर्फ एक बार खिदमत का मौक़ा अवश्य दे ,मेरे पास न बातें ,न वायदे ,सिर्फ काम ही काम है ,,निर्वाचन नियम के तहत घर घर प्रचार ,चाय पार्टी खाने की दावते ,गिफ्ट ,कैलेंडर गिफ्ट के वितरण जैसी व्यवस्थाओ पर भी रोक है ,ऐसे लोगो के खिलाफ निर्वाचन प्राधिकरण के समक्ष 250 रूपये का ड्राफ्ट देकर शिकायत का प्रावधान है ,,सभी प्रत्याक्षी कैलेंडर गिफ्ट ,दूसरे तरह के प्रलोभन से दूर रहेंगे ,,दावतों को भी प्रभावित नियम में माना जा रहा है ,सिर्फ सादगी से गाँधीवादी तरीके से ,अपना प्रचार कीजिये ,,,फैसला वोटर के हाथ में छोड़िये ,,यह ;डबल ग्रेजुएट वकील वोटर है ,जो सांसद ,विधायकों से लेकर ,पार्षद ,पंच सरपंचो के आवेदन भरवाता है ,उन्हें चुनाव लड़वाता है ,,उन्हें ,,चुनाव कोड ऑफ़ कंडक्ट ,के नियम सिखाता है ,ऐसे में चुनाव कोड ऑफ़ कंडक्ट ,का तो ध्यान रखना ही होगा ,,दुआ कीजिये चुनाव निर्विवाद हों ,,निष्पक्ष हों ,,नतीजे सकारात्मक ,,बार कौंसिल के भविष्य को लेकर आये ,बार कौंसिल में अब तक जो हुआ ,सो हुआ ,अब सिर्फ वकीलों के हक़ ,उनके स्वाभिमान ,उनके कल्याण ,उनकी समस्याओं के समाधान की बात होना चाहिए ,,बार कौंसिलर जो भी निर्वाचित होगा ,वोह सरकार का अधिवक्ता ,महाधिवक्ता ,हाईकोर्ट जज जैसे पद नहीं लेगा ऐसा नियम भी होना चाहिए ,,ताकि निर्वाचित बारकोंसिलर बिना किसी दबाव ,भविष्य के प्रभाव के वकीलों के हक़ में संघर्ष कर सके ,,उन्हें इंसाफ दिला सके ,,एडवोकेट अख्तर अली खान अकेला प्रत्याक्षी बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान प्रथम वरीयता वोट का आकांक्षी ,, न्यायालय परिसर कोटा

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