कोटा में दादाबाड़ी चौराहे पर ,,हेलमेट जांच के नाम पर ,,एक भाजपा
कार्यकर्ता के साथ अभद्रता फिर ,,हेलमेट चालान बनाने ,,नहीं बनाने के आरोप
प्रत्यारोप को लेकर कल चक्का जाम से आम जनता तो दुखी हुई ,,लेकिन एक सिपाही
को लाइन हाज़िर होना पढ़ा ,,सच क्या है यह तो जाँच में सामने आएगा ,,लेकिन
यह तो कड़वा सच है ,,यातायात क़ानून के दो हिस्से हेलमेट दुसरा कार सीट बेल्ट
,,मोबाइल पर बात नहीं करने का क़ानून दोनों अगर हम देखे ,तो गरीब की जोरू
सब की भाभी ,,की तर्ज़ पर ,,यातायात सिपाही सिर्फ दुपहिया वाहन
चालकों पर ही ,,तालिबान हमलावर की तरह टूट पढ़ते है ,,लेकिन उनके सामने
,बिना सीट बेल्ट वाला ,कार ड्राइवर ,वी आई पी कल्चर के लोग मोबाइल पर
ड्रायविंग करते निकलते है ,लेकिन यही यातायात पुलिस कर्मी इनके क़ानून तोड़ने
पर न तो उन्हें रोकते है ,,न उन्हें टोकते है ,,न चालान बनाते है ,,बात
साफ है सरकार में बैठे लोगो की अंडरस्टेंडिंग है ,,दुपहिए वाहन चालक
प्रभावहीन होते है उनका चाहे जो करो ,,लेकिन सभी प्रभावशाली लोग ,नेताओं के
पास कारे है ,इसलिए कारों को क़ानून तोड़ने तो ,,एक मोटरयान क़ानून ,,हेलमेट
नहीं पहना तो चालान बनेगा ,,सीट बेल्ट नहीं लगाई तो चालान बनेगा ,लेकिन अगर
एक क़ानून के दो हिस्से एक वी आई पी कल्चर कार चालकों को अपराध करने की छूट
और गरीब दुपहिए वाहन चालक ,जो अपनी बहन बेटी के साथ ,हों ,या अचानक किसी
मजबूरी की भागदौड़ में हो उन्हे रोक कर इंसल्ट करना ,,बेहुदा बातें करना
,चाबी छीन लेना ,गलियों के नुकक्कड़ ,,चोराहो के सम्पर्क स्थलों पर
,,,छापामार जांच के नाम पर आज भी यह दस्तूर जारी है ,,कोई भी नेता ,,कोई भी
अधिकारी अगर यूनिफॉर्म फार्मूला बना ले ,,एक भी कार को बिना सील्ट बेल्ट
बांधे हुए नहीं जाने दे ,,,,सीट बेल्ट नहीं बाँधने वालों के चालान बनाये
जाए ,,तो दुपहिए वाहन चालक तो बेचारे वैसे ही गरीब गुरबा लोग है इस प्रचार
से वोह तो खुद ही ,,काबू में आ जाएंगे ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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