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10 जनवरी 2018

,आज चार साल से ज़्यादा गुज़र गए ,,कोटा के वकील इस प्लाट समस्या को लेकर कहाँ से चले थे ,,आज कहाँ है

कोटा के वकीलों को पूर्व कांग्रेस सरकार के मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने ,,आरक्षित दर पर 256 रूपये प्रति वर्ग फिट और सो रूपये से ज़्यादा विकास शुल्क मिलाकर ,,389 रूपये प्रतिवर्ग फिट पर देने के आदेश देकर प्लाट आवंटन किये थे ,,,आज चार साल से ज़्यादा गुज़र गए ,,कोटा के वकील इस प्लाट समस्या को लेकर कहाँ से चले थे ,,आज कहाँ है ,,खुद आत्मचिंतन करने का प्रश्न है ,,,खुद से सवाल पूंछने का प्रश्न है ,,,,वकीलों ने उस वक़्त शांति धारीवाल ,,पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कई बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर प्लाट की क़ीमत आरक्षित दर से आधी दर 128 रूपये प्रति वर्गफीट ,,न्यासकर्मचारियो की रेट पर देने की ज़िद की ,,आंदोलन किये ,,,चार महीने हड़ताल ,,रखी ,,शान्तिधारीवाल के पुतले जलाये ,,अर्थी निकाली ,,काले झंडे दिखाए ,,,चूड़ियां भेंट की ,,तीसरा तक किया ,,नग्न प्रदर्शन तक कर डाला ,,लेकिन फिर भी वार्ता के दौरान ,, पूर्व मंत्री शान्ति धारीवाल ने ,,प्लॉटों की रेट कुछ कम करने ,और किस्तों में प्लाट की क़ीमत चुकता करने की छूट देने ,,बैंक से ऋण व्यवस्था का आश्वासन दिया था ,,लेकिन वकीलों को 128 रूपये फिट से कम प्लाट की दर मंज़ूर नहीं थी ,,कुछ लोगो ने अदालत में कार्यवाही पेश कर स्थगन आदेश लिया ,,कांग्रेस का शासन बदला ,,आंदोलन स्थल पर आकर लिखित में ,एक रूपये प्रतिवर्ग फिट प्लाट दिलवाने का वायदा करने वाले ,,भाजपा के लोग ,,विधायक ,,सांसद बने ,,सत्ता में आये ,,,प्लॉटों की क़ीमत कम करवाने को लेकर ,,,कोटा न्यायालय परिसर लाल चौक ,,से हर प्रत्याक्षी इसे मुद्दा बनाता ,,चुनाव जीतता ,,वकील वोटर भी खामोश ,,जनप्रतिनिधि आते वायदे करते ,,और चले जाते ,फिर आते ,फिर वायदे करते चले जाते ,,,,एक साल ,,दो साल ,,फिर तीन साल ,,लेकिन भाई रघु गौतम के अध्यक्ष कार्यकाल में प्लॉटों की फिर आवाज़ उठी ,,धरना दिया ,,,कलेक्टर डॉक्टर रवि सुरपुर को ज्ञापन दिया ,,खुद कलेक्टर रवि सुरपुर ने स्वीकारा के ,विकास शुल्क हटाकर 256 रूपये प्रति वर्ग फिट पर प्लाट देना चाहिए ,,राज्य सरकार को पत्र लिखा गया ,, फिर चुनाव हुए अध्यक्ष बनते गए ,,अध्यक्ष बदलते गए ,,भाजपा सरकार के विधायक ,, सांसद ,,मंत्रियों के कान पर जू नहीं ,,रेंगी ,,सरकार का जवाब आया ,,ब्याज पेनेल्टी दो ,,या फिर वर्तमान डी एल सी रेट जो बढ़कर दुगुनी से भी ज़्यादा हो गयी है उस दर से भुगतान करो ,,वकीलों के आन्दोलन ,,उनकी जायज़ मांग ,,उनके मान सम्मान का अपमान हुआ ,,लेकिन वार्ता का दौर जारी रहा ,,रोज़ कहा जाता रहा ,,आज समस्या का समाधान होगा ,,अब समाधान होने वाला है ,,लेकिन फिर साल निकला और जहाँ से शुरू हुए थे वही पर हम फिर आ गए ,,मनोज पूरी पहले आंदोलन के वक़्त जिसमे 128 रूपये प्रतिवर्ग फिट की मांग को लेकर आन्दोलन था ,,वोह अध्यक्ष थे ,अब फिर उन्होंने सिम्पोजियम के वक़्त ,,दहाड़ लगाई ,,सरकार को ललकारा ,,,उपाध्यक्ष अतीश सक्सेना ,,,महासचिव जितेन्दर पाठक ने भी एक स्वर में प्लॉटों की समस्या को लेकर ,सरकार और सरकार के नुमाइंदो को ललकारा ,,सिम्पोजियम के बाद चुनाव हुए ,,और फिर मनोजपुरी ,,अतीश सक्सेना ,,जितेंद्र पाठक ,,निर्वाचित हुए ,,सरकार ने समझ लिया ,,अब बेवक़ूफ़ बनाना मुश्किल ,है ,त्वरित कार्यवाही की कोशिश हुई ,,लेकिन चुटकुले वाली हास्यास्पद कोशिश रही ,,मंत्री जी चाहते थे ,,389 रूपये प्रतिवर्ग फिर जिसके खिलाफ वकील चार महीने आंदोलन पर रहे ,,चार साल तक इन्तिज़ार में रहे वोह प्लाट 389 में सो रूपये बढ़कर 489 रूपये प्रतिवर्ग फिर में देने का प्रस्ताव आया ,,लेकिन तात्कालिक लोगो ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया ,अब कार्यभार ग्रहण हुआ ,,अध्यक्ष मनोजपुरी ने साफ़ तोर पर प्लॉटों को लेकर सरकार और मध्यस्थों के बीच जो वार्ता हुई थी वोह सभी वकील साथियों को बताई ,,कई वकील ऐसी चिट्ठियों से अनभिज्ञ थे ,,वोह चौंके ,,लेकिन मनोजपुरी ने पुरे दम ख़म से कहा ,,बहुत हुआ ,अब प्लॉटों की समस्या नहीं रहेगी ,,हर हाल में इसका समाधान होगा ,, सरकार में बैठे लोग ,,मनोजपुरी की साफगोई ,,निर्भीक ,,क्रन्तिकारी स्वभाव को जानते है ,इसीलिए सरकार अब पशोपेश में है ,,,क्योंकि मनोज पूरी जनवरी निकलते ही सरकार से फरवरी माह में ही इस मामले में जवाब मांगने लगेंगे क्योंकि ,आचार संहिता का बहाना अब वोह नहीं सुन्ना चाहते ,,,,,इधर ,,,,खुद सांसद ओम बिरला ने भी हर बार की तरह ,हर साल की तरह ,वही रटा रटाया वायदा किया ,,प्लॉटों के आवंटन पत्र इसी साल वकीलों को मिल जाएंगे ,,,प्लॉटों के आन्दोलन ,,प्रतिवर्ग फिट क़ीमत कम करने को लेकर ,,धरने प्रदर्शन ,,वायदे ,,जनप्रतिनिधियो के लिखित में वायदे होने के बाद भी जब हम जहाँ से चले थे वही है तो सच पूरा वकील समुदाय खुद को ठगा सा महसूस करता है ,,और आत्मचिंतन कर खुद को इस मुद्दे पर टटोलने का मन करता है ,,,,,,,,इस मुद्दे पर कुछ लोग खामोश रहकर भी बार कौंसिल के सपनो के सौदागर बन रहे है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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