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02 दिसंबर 2017

भारत देश के कथित भक्तजनो ,,,मोहल्लों ,,गलियों ,,,शहरों ,ज़िलों के नाम बदलने वालो

भारत देश के कथित भक्तजनो ,,,मोहल्लों ,,गलियों ,,,शहरों ,ज़िलों के नाम बदलने वालो ,ज़रा बताएँगे ,,एक नदी के किनारे बसी आदर्श सभ्यता ,,को विदेशी आक्रमणकारियों ने ,,नाम ही बदल दिया ,,गुलामी के जीवनकाल में उस नदी के किनारे बसी आदर्श सभ्यता को ,,बदले हुए नाम से ही स्वीकार किया गया ,,फिर विदेशियों से हम आज़ाद हुए ,,,सभ्यता वापस लोटी ,,,स्वदेशी का आह्वान हुआ ,,कथित भक्तो ने ,,पुराने नामो को बदला ,,,देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या को राष्ट्रवाद बताया ,,हत्या करने वाले को भगवान का दर्जा देकर उसका मंदिर बनाया ,अब ऐसे में वोह बदला हुआ नाम जो हमे विदेशी आक्रमणकारी भाषा नियंत्रित नहीं होने ,,ज़ुबान सही नहीं होने के कारण बिगाड़ कर ,,बिगड़ा हुआ नाम देकर गए है ,,कमसे कम उस नाम को फिर से हम ,,,ऐतिहासिक नदी की पूर्व नाम की सभ्यता के अनुरूप तो बदल सकते है ,,राष्ट्रवादी होने का सुबूत देकर ,,उस आतताइयों ,,आक्रमणकारियों ,,देश को गुलाम बनाकर रखने वालो द्वारा दिए गए नाम को हम बदल तो सकते है ,,जबकि हमारे देश उस नदी के किनारे बसी ऐतिहासिक सभ्यता आज भी इस नदी के नाम से अपने समाज की पहचान बनाकर देश का एक आदर्श समाज ,,आदर्श सभ्यता बनाये हुए है ,,जिनका अस्तित्व ,,जिनकी संस्कृति जिनकी भाषा आज भी अपना अस्तित्व बनाये हुए है ,क्या हम फिर से आक्रमणकारियों द्वारा दिए हुए इस नाम को बदल कर ,, पुराने नाम पर लौटेंगे ,,अख्तर

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