देश
की आज़ादी के जांबाज़ संघर्षशील वकील समुदाय के वर्तमान कथित गुलाम साथियो
,,जी गुलाम इसलिए के तुम खुद अपने निर्वाचित लोगो द्वारा ठगे गए हो
,,हिंदुस्तान का काला इतिहास ,जहां वकीलों की संस्था के चुनाव में लोकतंत्र
को ज़िंदा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दखल हो ,जहां वकीलों की संस्था में
निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं प्रशासक नियुक्त किया गया हो ,,शर्म आती है ऐसी
व्यवस्था पर ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ राजस्थान के वकीलों की
,,उन वकीलों की जिनकी रोज़ी रोटी का ज़रिया सिर्फ वकालत है ,,वोह वकील नहीं
जो सिर्फ पंजीकृत है और वोट डालकर ,,नामाक़ूल लोगो को हमारे दम पर थोप कर
हमे शर्मिंदा कर चले जाते है ,में बात कर रहा हूँ उन वकीलों की जो नियमित
अदालत आते है ,वकालत करते है ,,अदालत की नब्ज़ ,,परेशानियां जानते है
,,अदालत के व्यवहार ,आचार ,विचारो के जानकार होते है ,इनमे कुछ वोह लोग भी
हो सकते है ,,जो प्रथम वकील होने के नाते ,,किसी समझाइश में ,,किसी
व्यवस्था में आंशिक लाभारती है लेकिन वोह लाभार्थी होने के बाद भी ,,वकील
स्वाभिमान के साथ है ,,एक वक़्त था ,,जब वकील समुदाय ने कार्य स्थगित किया
,तो वकील कोटे से नियुक्त सरकारी वकील ,, अदालत में केस डायरी नहीं भेजता
था , गवाह नहीं कराता था ,,लेकिन अब यह अपवाद स्वरूप ही रह गया है ,,दस
फीसदी वकील किसी न किसी रूप में सरकारी सिस्टम से लाभार्थी होने से खुद को
वकील ही नहीं समझ रहे है ,,वोह वकीलों की समस्याओ के साथ कम ,उनका उपहास
उड़ाते अधिक नज़र आते है ,,,किसी विडंबना है ,,हम बार एसोसिएशन के चुनाव
करवाते है बढे बढे वायदे कर बाहरी सियासी लोगो के दम पर चुनाव जीते जाते
है ,,फिर वोह वायदे हवा हो जाते है खेर ज़िलों की बात छोड़े ,,बार कौंसिल की
बात करे ,,बार कौंसिल ,,राजस्थान बार कौंसिल जहाँ हम ,,पच्चीस लोगो को
निर्वाचित करके भेजते है ,उनमे से बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य का
निर्वाचन भी होता है ,,लेकिन यह निर्वाचित लोग ,,वकील साथियो के लिए क्या
करते है ,कोई जान सका हो तो प्लीज़ बताये ,ऐ डी जे का संवैधानिक वकीलों का
आरक्षित कोटा कैसे भरा जाता है सभी जानते है ,,वकीलों की जिलेवार कभी
सेमिनार हुइ हो तो बताये ,,वकीलों के एकेडमिक स्तर सुधारने के लिए कोई
व्यवस्था हुई हो तो बताये ,जजों के साथ बैठना ,चाय पीना ,,बिना राजस्थान के
वकीलों ,,बार एसोसिएशनों को विश्वास में लिए वकीलों का पचत्तर लाख रूपये
जुडिशियल एकडेमी को दे देना ,,चुनाव वक़्त पर नहीं करवाना ,,प्रशासक नियुक्त
करवा देना ,,खुद वकीलों को बेईमान ,,फ़र्ज़ी साबित करने के लिए कमाई के नाम
पर उनकी डिग्रियां जांच करना ,नवीनीकरण करवाना ,बचकानी हरकत नहीं तो क्या
है ,पहली बार पंजीयन में सब दस्तावेज जब जांच लिए गए तो फिर ,बार बार वकील
को अपमानित करने का हक़ इन लोगो को किसने दिया ,,वकीलों के कल्याण के लिए इन
कथित निर्वाचित लोगो ने कोई एक काम किया हो तो बताओ ,,,वकीलों के वेलफेयर
फंड में करोडो करोड़ रूपये है ,,लेकिन वकीलों के वेलफेयर के लिए क्या
सुधारात्मक काम हुए ,,किसी को पता हो तो बताये ,,कोटा की जिला बार ने
नवीनीकरण का विरोध किया सर्वसम्मत रिज़ॉल्यूशन पास किया लेकिन अफ़सोस यही के
प्रतिनिधि ने इसे लागू करवा दिया ,,बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ने वाले को
हाईकोर्ट जज नहीं बनाया जाएगा ऐसी शर्त अगर हो तो प्रतिनिधित्व ठीक हो
सकेगा ,वरना निर्वाचित प्रतिनिधि वकील कम ,,वकीलों के खिलाफ हाकमों के
पैरोकार ज़्यादा हो जाते है ,हड़ताल हम नहीं करेंगे ,,किसी हाकम से वकीलों के
स्वाभिमान को आहत नहीं करने का निवेदन किया तो हाकम से माफ़ी मंगवाएंगे
,,लक्ष्मण रेखा ,,भविष्य में पार नहीं करने की लिखित शर्त आदेशित करवाएंगे
,,निरक्षक जजों के सामने जिला बार के वकीलों की समस्या ,हाकमों के आचरण
,,कार्यगुणवत्ता ,,शैली पर कोई बात नहीं रखेंगे ,,कहाँ है वकीलों का करोडो
का बजट ,,हर बार चुनाव लड़ेंगे ,बार कौंसिलर बनेगे और फिर वकीलों के मुद्दों
पर खामोश ,,,दोस्तों ,,फिर बार कौंसिल के चुनाव आ रहे है ,,राजस्थान के
पूर्व निर्वाचित पच्चीस साथियों ने क्या कुछ वकीलों को दिया ,,दुःख दिया
,दर्द दिया ,,,अपमान दिया ,यहाँ तक के लोकतान्त्रिक प्रक्रिया भी खत्म होने
का काला इतिहास प्रशासक नियुक्त करवाकर बना दिया ,,अब यही लोग फिर से खुद
चुनाव मैदान में है वकीलों के स्वाभिमान को आहत करने वाले खुद फिर चुनाव
में राल टपका रहे है ,,खुद अगर नहीं लड़ेंगे तो अप्रत्यक्षः रूप से खुद के
पुत्र ,,भाई ,रिश्तेदार या चेले चपाटे को आगे कर यह अपनी चौधराहट बनाये
रखना चाहते है ,,आप वकील साथी हो ,,आपके वेलफेयर फंड और दूसरे फंड से
बारकोंसिल की वार्षिक आमदनी कितनी है ,,इस फंड को मासिक वार ,,किस किस मद
में किस की अनुमति से खर्च किया ,कहाँ खर्च किया ,,खरीद फरोख्त ,यात्रा
भत्तों की क्या जांच हुई ,,ऐसी कोई बेलेंस शीट ,,आमद खर्च का वार्षिक
ब्यौरा अगर आप सथियो में से किसी ने देखा हो तो बताइये ज़रूर ,,जो भी समस्या
होती है ,, जिला स्तरीय ,,क्षेत्रीय ,हाईकोर्ट जयपुर ,,जोधपुर ,,रेवेन्यू
बोर्ड की बार एसोसिएशन अपने स्तर पर उनका समाधान करते है ,,फिर यह दो
बातें ,,जुमलेबाज वकीलों के हित में क्या कुछ कर पाए है किसी को पता हो तो
बताइये ज़रूर ,,,सिर्फ वकीलों को उनकी डिग्रिये जांच करने ,,हाकमों की
शिकायत पर उन्हें नोटिस देने ,,नवीनीकरण के नाम पर उनका काम बढ़ाना है
निर्वाचित प्रतिनिधियों का काम है ,,नहीं न तो अगर कोई स्वाभिमानी सदस्य था
तो उसने इस्तीफा क्यों नहीं दिया ,,ऐसे में जनाब आँखे खोलो ,,ज़रा दिमाग
का इस्तेमाल करो ,,आने वाले चुनाव में ऐसे व्यक्ति को चुनो जो हमेशा आपका
हमदर्द रहा हो ,,आपके साथ रहा हो ,हाकमों की जयजयकार करने वाला न रहा हो
,बरसाती मेंढ़क बहुत मिल जाएंगे ,, वकीलों के हक़ के लिए संघर्ष करने वाले
तलाशो ,सच्चे वकीलों के हमदर्द तलाशो ,,,आप समूह बनाओ ,,,तय करो कैसे लोगो
को फिर बार कौंसिल के ज़िम्मेदारी देना है जो आप वकील साथियो के लिए
परेशानियां पैदा करे ,,या ऐसे लोग जो आप वकील साथियो के स्वाभिमान के
संरक्षण के लिए संघर्ष करे ,,कल्याणकारी व्यव्स्थाए करे जो करोडो करोड़ का
वेलफेयर फंड है उसका हिसाब सार्वजनिक करे ,,उस फंड से राजस्थान के वकीलों
का भला करे ,,फैसला आपके हाथ में है ,,में बार कौंसिल का उम्मीदवार नहीं
लेकिन अगर आप चाहोगे तो कोई गुरेज़ भी नहीं ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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