हत्यारों की समर्थक राजस्थान सरकार ,,,हत्यारो की पैरोकार राजस्थान सरकार
के इशारे पर चलने वाली मर्द पुलिस ,,जब ,,निरंतर सड़को पर गो रक्षा के नाम
पर हो रही गुंडागर्दी के लिए की जाने वाली हत्याओं को लेकर खामोश हो ,,तो
फिर ज़ाहिर है ,,किन्नरों को पुलिस में भर्ती होना पढ़ेगा ,,ख़ुशी की बात यह
है के राजस्थान हाईकोर्ट ने लिंग भेद के आधार पर ,,जालोर पुलिस की चयनित एक
किन्नर की नियुक्ति कोनिस्टेबल पर देने के आदेश दिए है ,,,अब किन्नर
पुलिस ,,इन मर्द पुलिसवालों से थोड़ी बेहतर साबित हो सकती है ,,जी हाँ
दोस्तों ,,इन्साफ के पुजारियों ,,मानवाधिकार के संरक्षकों ,,,धर्म के
ठेकेदारों ,,ज़रा देखो ,तुम्हारा प्रधानमंत्री मंच से रोता ,है चीखता है
,,बिलबिलाता है ,,गो रक्षको के नाम पर अवैध चौथवसूली हत्याओं को गलत बताता
,है रोकने की कहता है तुम नहीं सुनते ,,केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय
निर्देश देता ,है , तुम्हारे फ़र्क़ नहीं पढ़ता ,,,राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग
लताड़ पिलाता है ,,जूं नहीं रेंगती ,,,देश का सर्वोच्च न्यायालय जवाब तलब
करता है ,,,कार्यवाही के आदेश देता है ,,तुम्हारे कोई फ़र्क़ नहीं पढता
,,क्योंकि तुम खुद मर्द कहते हो ,,अरे तुमसे अच्छे तो अब वोह किन्नर
पुलिसकर्मी साबित होंगे जो निष्पक्ष भी होंगे ,,बहादुरी भी दिखाएँगे
,,अपराधियों की वाट भी लगाएंगे ,,उन्हें धर्म ,,मज़हब , लिंग ,,सियासत देखकर
उत्पीड़ित नहीं करेंगे ,,बचाएंगे नहीं ,,,,खेर अलवर में पहलू खान की नृशंस
हत्या के बाद फिर से हत्या होना ,,देश के लिए ,राजस्थान पुलिस ,,राजस्थान
सरकार के लिए शर्मनाक बात है ,,शर्मनाक यह भी ,है ,के वोह लोग अब गौ सेवा
क्यों करना चाहते है जिन्हे गो सेवा के ठेकेदार ऐसा नहीं करना देना चाहते
,,वोह यह काम छोड़ क्यों नहीं देते ,,आखिर उनकी ऐसी कोनसी मजबूरी है
जिन्होंने गोपालगढ़ के मामले को लेकर राजस्थान ही नहीं पुरे हिन्दुस्तान को
हिलाकर रख दिया था जो आज आंदोलन करने की जगह मिमिया रहे है ,,अगर यह
गोपालगढ़ के नाम पर इंसाफ की लड़ाई में खुद को झोंक सकते है ,,तो फिर वोह आज
खामोश क्यों है ,,कहाँ है इनकी पंचायते ,,कहाँ है इनके समर्थक ,,कहाँ है
इनके राष्ट्रिय और राज्य नेता ,,कहाँ है इनके हमदर्द ,ज़रा खुद बताये जब
गोपालगढ़ पर पुरे राजस्थान ,,पुरे हिन्दुस्तान में आंदोलन हो सकते है
,,इन्साफ की जंग लड़ी जा सकती है ,,अगर वोह जंग हमदर्दो की थी ,,अगर वोह जंग
सियासत के फायदे के लिए नहीं थी ,अगर वोह जंग किसी को नीचा दिखाने के लिए
प्रायोजित नहीं थी ,,तो फिर इन सरे राह हत्याओं पर तुम चुप क्यों हो ,,देश
तुम्हारे साथ है ,,सुप्रीमकोर्ट तुम्हारे साथ है ,,खुद प्रधानमंत्री
तुम्हारे साथ है ,ज़रा एक बार आवाज़ तो उठाओ ,,,अगर तुम पहले गोपालगढ़ मामले
में द्वेषतापूर्ण राजनितिक सोच के तहत आंदोलनकारी नहीं थे ,तो फिर आज
तुम्हे किसने रोक लिया ,,आज तुम्हारा वोह नेतृत्व कहा गया ,,सभी शांतिपूर्ण
लोग तुम्हारे साथ है ,,देश के अधिकतम इन्साफ पसंद तुम्हारे साथ है ,अगर
स्थानीय पुलिस ,स्थानीय सरकार तुम्हारी मददगार नहीं तो भी ,,इन्हे में से
काफी इन्साफ पसंद लोग तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार बैठे है ,पहलू खान पर
रो ,लिए ,फिर रो रहे हो ,,अगर ऐसा ही चला तो आगे भी रोते ही रहोगे ,सियासत
में गोपालगढ़ के नाम पर तुम्हारा आंदोलन अगर इन्साफ के लिए था ,,सियासत
उसके पीछे नहीं ,किसी से व्यक्तिगत बदला ,,किसी से व्यक्तिगत नाराज़गी का
वोह अगर षड्यंत्र नहीं था ,तो कहाँ है आज तुम्हारी वोह एकता ,,तुम्हारी वोह
ताक़त ,,तुम्हारे वोह नेता ,,जो रोज़ रास्ते रोक रहे थे ,,आन्दोलन कर रहे थे
,धरने प्रदर्शन कर रहे थे ,सरकार के खिलाफ याचिकाएं लगा रहे थे ,,दिल्ली
में आयोजित आल इण्डिया पीस मिशन की बैठक में ,,शहीद हुए पहलू खान के
रिश्तेदार से ,,जब मेने इस मामले में कार्यवाही के लिए पूंछा था तो वोह डरा
हुआ सहमा हुआ ,खुद के समाज से उपेक्षित महसूस कर रहा था ,,अब हालात बदल गए
है ,सुप्रीम कोर्ट तुम्हारे साथ है ,,तुम एक हो जाओ ,,ताक़त बनो ,ताक़त
दिखाओ ,,अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो रोज़ तुम्हे चुन चुन के मारा जाता रहेगा
,,दलितों और दूसरे समाज के उत्पीड़ितों को सोचना होगा ,अपराध ,,अपराधियों
का कोई धर्म नहीं होता ,हाना उनका कोई समर्थक हो सकता है ,सरकार उनकी
समर्थक हो सकती है ,विधायक सांसद उनके समर्थक हो सकते है ,लेकिन आम लोग जो
किसी भी धर्म के हो ,,ऐसी घटनाओ पर चिंता करते है ,ऐसी घटनाओ का विरोध
करत्ते है ,,आज अगर तुम सड़को पर इन्साफ के लिए नहीं आये ,,आज अगर तुमने
सरकार में बैठे लोगो को अपनी ताक़त के बल पर एक जुट होकर आयना नहीं दिखाया
तो दोस्तों आज ,,आज उनकी बारी है ,,कल मेरी बारी होगी ,परसो तुम्हारी ,फिर
तरसों किसी और की बारी होगी ,अपराध और हिंसा के यह सिलसिला जारी रहेगा
,,इसे रोकने ने लिए सभी पीड़ित ,,सभी धर्म वर्ग के लोग ,,सभी सियासी लोग
,,धर्म मज़हब की बंदिशे छोड़कर एक हो जाओ ,,इस हत्यारों की समर्थक सरकार पर
लगाम लगाओ ,,अपराधियों ,,उनके समर्थको और उन्हें बचाने वाले अधिकारियो
,सियासी प्रतिनिधियों को जेल भिजवाओ ,,इसके लिए तुम्हारे पास आंदोलन की
ताक़त ,है ,क़ानून की ताक़त है ,,प्रधानमंत्री से रूबरू तो हो जाओ ,,, सड़को
पर एकत्रित तो हो जाओ ,,,ज़रा अपना दम खत्म तो बताओ ,,अपने क़ानूनी बिन्दुओ
होमवर्क के साथ ज़रा सुप्रीमकोर्ट ,,,को तो कड़वा सच बताओ ,,,लेकिन क्या मेव
समाज के वोह प्रतिनिधि ,,वोह नेतृत्व जो गोपालगढ़ ,,सिर्फ गोपालगढ़ के लिए ही
आंदोलनकारी था ,,आज भी वोह अगर आज़ाद है ,किसी सियासी पार्टी का गुलाम नहीं
है तो क्या वोह अपने समाज के लिए उन्हें एक जुट कर आंदोलन करेगा ,,दूसरे
समाजो से समर्थन मांगेगा ,,अगर ऐसा करता है ,तो लगेगा मेव नेतृत्व ,,किसी
पार्टी ,सियासत के इशारे पर नहीं इन्साफ के रास्ते पर है ,वरना सियासी
चुगलखोरी ,सियासी मुखबीरी ,सियासी दबाव में चुप रहकर कुछ भी पद प्राप्त कर
लो ,कुछ भी लाभ प्राप्त कर लोग ,,खामोश रह लो ,,लेकिन समाज तो तुम्हे कभी
माफ़ नहीं करेगा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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