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07 नवंबर 2017

विकास पहले क्रूर नहीं क्रूरतम था ,,गुस्से वाला था

विकास पहले क्रूर नहीं क्रूरतम था ,,गुस्से वाला था ,,छप्पन इंच के सीने वाला था ,,दुश्मन देशो से एक के बदले दस सर लाने की डींगे हांकता था ,,दुश्मन देश के चेतावनी पत्रों को लव लेटर लिखना कहकर मज़ाक़ उड़ाता था ,,,आधार को लिंक करने का अठ्ठाश करता था ,,जी एस टी का मखौल बनाता था ,,लेकिन विकास खुद विकसित हो गया ,,और बस,, यह विकास न छप्पन इंच का रहा ,,न दस सर लाने वाला रहा ,,हाँ थूका हुआ चाटा ,,,जी एस टी खुद ने ही लागू कर दी ,,आधार का मज़ाक़ उढ़ाकर देश के लिए खतरा बताने वाले आधार कार्ड को लागु करने के लिए,,, विकास सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा है ,,खेर ,,,विकास तो विकास है एक दिन खुद लव लेटर ,,लिखना बंद करो ,,कहकर बातचीत का मज़ाक़ उड़ाने वाला विकास ,,,चोरी चुपके ,,अचानक ,,देश की जनता को विश्वास में लिए बगैर ,,,एक दिन सीधे दुश्मन देश से गलबहिये करने दुश्मन देश जा पहुंचा ,,,वहां देश के दुश्मन और भी थे ,,उनकी मौजूदगी में ठहाके लगाए ,,दस सर लाने का कहने वाले खुद अम्मीजान को ,, साडी और दूसरी गिफ्ट दे आये ,,,इतना था तब भी कुछ खास नहीं बिगड़ा था ,,लेकिन अचानक एक दिन ,,आधीरात से पहले ,,8 नवम्बर को विकास पागल हो गया ,,विकास सनक गया ,,कह दिया ,,सभी संचालित नॉट बंद ,,बहाना बनाया ,,काला धन वापस आएगा ,,बहाना बनाया ,,आतंकवादी घटनाओ पर रोक लगेगी ,,लम्बी लम्बी लाइने लगी ,,अव्यवस्थाएं फैली ,,सेकड़ो लोग नोटों की लाइन में लगे लगे ही मौत के घाट उतर गए ,,सियासत की हदे पार हुई ,,बूढ़ी अम्मीजान को बैंक की लाइन में लगा दिया गया ,,फायदे गिनाये गए ,,लेकिन जिन नोटों को बंद कर ,,नए नॉट छपवाए ,,वोह नॉट आम जनता के पास कम ,,आतंकवादियों के पास बरामद होने लगे ,,आतंकवाद कम नहीं हुआ और बढ़ गया ,,नए नॉट ,,,आतंकवादियों के पास कैसे पहुंचे,,, कोई जवाब नहीं ,,बैंक लड़खड़ा गए ,,उद्योग ,,छोटे व्यापारी लड़खड़ाए ,लेकिन विकास सनका था,,, सो अपने मुंह मिया मिट्ठू बनते फिरे ,,जनता द्वारा तिरस्कृत कर हराये गये नेताओ को ,,,ज़िम्मेदारी दी गयी ,,बेंको से सौदेबाज़ी हुई ,,आम जनता से अब उनके जमा रुपयों का टेक्स ,,सेवाशुल्क मनमाना लिया जाने का क़ानून बना दिया ,,जनता ने तकलीफें उठाई ,,बाज़ार खत्म हो गया ,,व्यापार टूट गया ,,लेकिन आंतकी नहीं पकड़े गए ,,आतंकवाद खत्म नहीं हुआ ,,हज़ारो लोगों की मोत की क़ीमत पर भी ,,,विकास नहीं हुआ ,,,कालाधन वापस नहीं आया ,,देश की जनता को अभी तक पता नहीं ,,नोटबंदी के बाद एक हज़ार का नॉट बंद कर,,, बढ़ा नॉट दो हज़ार का चलाकर ,,,किसतरह से कालाबाज़ारी कम की जा सकती थी ,, लोगो को अभी तक बताया नहीं ,, कितने रूपये वापस बैंक में जमा हुए ,,कितने रूपये जमा नहीं हो सके ,,नये नॉट ,,,कितने छापे गए ,,इनके छपने और व्यवस्था बनाने का पूरा खर्चा किया है ,,देश और देश की जनता को इससे क्या फायदा हुआ ,,किसी को पता नहीं,,, मेने कई ,,प्रार्थना पत्र सुचना के अधिकार अधिनियम में उक्त जानकारियां चाहने के लिए सरकार और ज़िम्मेदार लोगो को दिए ,,,लेकिन सभी का जवाब एक ,,,हमारे पास कोई आंकड़े नहीं है ,हास्यास्पद सा लगता है ,,ऐसे में 8 नवम्बर काला दिवस नहीं ,,,तो क्या होगा ,,रोज़गार खत्म ,,व्यापार खत्म ,,उद्योग चौपट ,दो हज़ार का नॉट है तो खुल्ले नहीं ,दो सो रूपये ,,पचास रूपये की कालाबाज़ारी ,दस रूपये के सिक्के है तो व्यापारी लेते नहीं ,,,,में जब यह पोस्ट लिख रहा था तो मेरे विकास की पार्टी के ही एक नेता ने ,कहा ,,अख्तर साहिब ,आप नोटबंदी के लिए लिखोगे ,,हमारे लोग गालियां बकेंगे ,,विरोध करेंगे ,,उनकी परवरिश के मुताबिक़ बेहूदा अलफ़ाज़ों का इस्तेमाल करेंगे ,,लेकिन अगर आप ने अपने लेख में मांग कर ली ,, के कोई भी व्यक्ति ,जो किसी भी पार्टी का हो ,,गंगाजल की सौगंध खाकर लिख दे ,,के नोटबंदी से देश को फायदा हुआ ,,क्या फायदा हुआ उसका आंकड़ा दिखा दे ,,कितने रोज़गार ,,मिले ,,कितना व्यापार बढ़ा ,,बाजार की चमक कितनी तेज़ हुई ,,अगर कोई क़सम खाकर कह दे,, चाहे वोह विकास का कितना ही क़रीबी हो ,सौगंध खाकर ,,नोटबंदी के फायदे नहीं गिना सकेगा ,,देखते है गालियां तो पढ़ना है ही ,, बेहूदा अलफ़ाज़ वाले ,,,बेहूदगी करेंगे ही ,,,जो पोस्ट जिस संदर्भ में है उसका जवाब दिए बगैर,,, मुद्दे से भटकाने के लिए ,,,दुसरो को गालियां ,लिखेंगे ,,भटके हुए अल्फ़ाज़ लिखेंगे ,,लेकिन हो सकता है ,,,किसी विकास मित्र का स्वाभिमान जाग जाए ,,वोह गंगाजल की सौंगंध खाता हुआ,, अपना खुद सेल्फी फोटू ,या सौगंध खाता हुआ फोटू ,,टिपण्णी में डालकर कह दे ,,के नोटबंदी से देश को देश के निवासियों को फायदा हुआ है,,, तो कुछ समझने का मौक़ा मिलेगा साहिब ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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