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03 नवंबर 2017

बहुत हुई कोटा में चिकित्सा अव्यवस्था से हुई मौतों पर नाटकीय सियासत

बहुत हुई कोटा में चिकित्सा अव्यवस्था से हुई मौतों पर नाटकीय सियासत ,,कोटा के सो से भी अधिक मृतकों के परिवार सरकार की लापरवाही से हुई मौतों का हिसाब मांगते है ,,स्वास्थ्य मंत्री लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में बढ़ी ढिटाई से कोटा में डेंगू ,,मलेरिया ,स्क्राइबस बिमारियों से सिर्फ तीन मरीज़ों की मोत गिनाते है ,,बेशर्मी की हद यह है के अखबारों द्वारा खुलासा करने पर भी अधिकारी ,,मंत्री अपनी ढिटाई पर अढे है ,,,आम लोगो को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए विधायकों ,,मंत्री के बीच नाटकीय प्रदर्शन किया जा रहा है ,,,सो से भी अधिक मृतकों के परिजन सियासत की इस बेहूदा बेशर्मी पर शर्मसार है ,,हतप्रभ है ,,कोटा कलेक्टर रोहित गुप्ता के कार्यभार संभालने के पूर्व यहाँ बिमारियों के प्रकोप की शुरुआत और उनकी रोकथाम के प्रयासों को लेकर मेने उन्हें लिखित में चेता दिया था ,,लेकिन सिर्फ सरसरी निर्देश चिकित्सा विभाग के लिए काफी नहीं थे ,,चिकित्सा विभाग और चिकित्सा विभाग के दलाल ,,ट्रांसफर ,,पोस्टिंग ,,सियासी बदले को लेकर ऐ पी और कराने की राजनीति में व्यस्त रहे ,,जनप्रतिनिधि इस मामले में चिन्तितं नहीं थे ,,निजी अस्पतालों से बढ़ी रक़म सरकारी चिकित्स्कों को बीमारियों से पीड़ित मरीज़ भेजने पर दी जाती है ,,उन्होंने लोगो की मोत ,,बीमारी को अपना व्यवसाय बना लिया ,,अधिकारीयों के बेशर्म हालात यह रहे के लोग मरते रहे ,,अख़बार खबरे छापते रहे ,,कलेक्टर से लेकर चिकित्सा अधिकारी तक ,,डेंगू ,,मलेरिया ,,स्क्राइबस से हुई मौतों को लेकर झूंठ बोलता रहा ,,मंत्री कालीचरण सर्राफ साहिब को फुरसत नहीं ,,मुख्यमंत्री साहिबा को कोटा और कोटा के लोगो से कोई लेना देना नहीं ,,यहां बदले और तिरस्कार की राजनीती हो रही है ,,नगरनिगम पार्षद ,,प्रतिपक्ष से जुड़े लोग रोज़ धरने प्रदर्शन कर रहे ,है ,,अखबारों में रोज़ आँकड़ो के साथ खबरे छप रही है ,,,लेकिन हर मोत पर सरकार ,,सरकार के मंत्री ,,सरकार के अधिकारियो का रावण की तरह अठ्ठाहस रहा ,,खुद मुझ से जयपुर में सचिव स्तर के एक स्वास्थ्य विभाग में लगे अधिकारी ने कोटा के अख़बार में मुझ जैसे कड़वा लिखने वाले सोशल एक्टिविस्टों द्वारा डेंगू ,,मलेरिया से हुई मोतो के बारे में लिखने का मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा था के यह तो कोटा के अखबारों के दिमाग की उपज है ,,सब झूंठ है ऐसी कोई महामारी नहीं है ,,लेकिन जिनके घर के चिराग बुझे है ,,जिनके सिंधुर उजड़े है ,,जिनकी गोदें उजड़ी है ,,उनके दिल से पूंछो ,,,इस महामारी ने न हिन्दू ,,न मुसलमान ,न सिक्ख , न ईसाई ,,,न कांग्रेस ,,न भाजपा किसी को भी नहीं छोड़ा ,लेकिन बेशर्म सरकार ,बेशर्म अधिकारी ,,,व्यवस्था करने की जगह बेहूदा बयान देते रहे ,,भास्कर ,,राजस्थान पत्रिका ने मोर्चा संभाला ,,अख़बार न जब आयना दिखाया तब दिखावे तोर पर भाजपा के विधायक ,,सांसद और जनप्रतिनिधि ,,सियासी मुखौटा लेकर ,,सियासी दिखावा जनता के सामने हमदर्द का लेकर आये ,,लेकिन पर्दे के पीछे का सच सभी जानते है ,,कलेक्टर ने कोई सख्त कार्यवाही नहीं की ,,रोज़ होने वाली मौतों को झुंठलाने वाले अधिकारीयों में से एक अधिकरी भी निलंबित नहीं हुआ ,,बेशर्म चिकित्सा मंत्री ने हदे पार कर दी ,,वोह आज भी कोटा में हुई मौतों को स्वीकरने को तैयार नहीं ,,दिखावे के तोर पर कल कोटा में चिकित्सा विभाग की बैठक में विधायकों और मंत्री अधिकारियो के बीच जन समर्थन के लिए खूब नौटंकी हुई ,,लेकिन नतीजे के नाम वही ढाक के तीन पात रहे ,,कोई अधिकारी निलंबित नहीं ,,,कोई अतिरिक्त बजट ,,अतिरिक्त व्यवस्थाएं नहीं ,,,अतिरिक्त स्टाफ ,,अतिरिक्त विशेषज्ञ चिकित्स्कों को तैनातगी नहीं ,,अतिरिक्त चिकित्सा भवन के लिए किसी सरकारी परिसर या किसी निजी परिसर को महामारी अधिनियम प्रावधान के तहत ,,,अधिग्रहित कर वहां मिलेट्री ,,सहित दूसरे ज़िलों ,,राज्यों से चिकित्स्कों ,,नर्सिंग स्टाफ और उपकरणों की व्यवस्था नहीं ,,नेताओं का सिर्फ अखबारी विरोध ,,घड़ियाली आंसू सब जानते है ,,यह दिखावा ,,यह नौटंकी ,,उन मरे हुए लोगो के परिजनों के ज़ख्मों पर मरहम नहीं लगा सकती ,,न ही ,,आने वाली महामारी से होने वाले मोतो को रोक सकती है ,,इसके लिए तो सिर्फ और सिर्फ काम चाहिए ,अतिरिक्त चिकित्स्क ,,स्टाफ ,,विशेषज्ञ ,,अतिरिक्त भवनों में टेम्परेरी अस्पताल की व्यवस्था हो ,,जल्द से जल्द हो ,,डेंगू ,,मलेरिया ,,स्क्राइबस से ही मरीज़ों की मोत हो रही है इसे सरकार स्वीकारे ,,,तब कहीं महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही हो ,,,अतिरिक्त व्यस्थाएं हो ,,लोगों की बेमौत मौतों अंकुश लगे ,अख़बार खबरों के अलावा सम्पादकीय मुख पृष्ट पर लिखे ,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस हाहाकार और नूरानी कुश्ती की ड्रामाई स्थिति को जनता के सामने लाये ,,आतंकवादियों पर ,हिन्दू मुस्लिम पर दिन भर नफरत भड़काने वाला इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस संवेदन शील मुद्दे पर भी एक दिन मानवता का कर्तव्य निभाते हुए कोई सटीक खबर ,,कोई बहस ,,सीधी लाइव बहस करवाए ,,लेकिन कोटा एक उपेक्षित कोटा ,,जहाँ हवाई सेवा में मुख्यमंत्री साहिबा की बाधा है ,,जहाँ एक भी मंत्री नहीं है ,,जहां जनसुनवाई के कोई कार्यक्रम नहीं है ,,छोटे छोटे शैशव काल वाले बच्चो को यहाँ प्रयोग के तोर अधिकारी लगाया गया है ,उस कोटा में ऐसी बेहिसाब मौतें होने पर इस नौटंकी को रोककर ,,रचनात्मक व्यवस्था करने वाला कोई माध्यमं नज़र नहीं आ रहा है ,,इसलिए कहते है खुदा खेर करे ,,,खुदा जल्द सरकार ,, सरकार में बैठे लोगो ,,खासकर कोटा के विधायक ,,सांसद को सद्बुद्धि दे जो अतिरिक्त ,,अस्थाई चिकित्सालयों की व्यवस्था मिलेट्री और बाहर से स्टाफ मंगा कर की जाए ,,ताके लोगो को राहत मिल सके ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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