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03 अगस्त 2017

राजस्थान में कॉमर्शियल एक्ट के विधिक प्रावधानों के तहत ,,कॉमर्शियल कोर्ट्स का गठन

राजस्थान में कॉमर्शियल एक्ट के विधिक प्रावधानों के तहत ,,कॉमर्शियल कोर्ट्स का गठन कर दिया गया है ,,कोटा में भी इस क्रम में अपर जिला जज क्रम एक कोर्ट को कॉमर्शियल कोर्ट के रूप में अधिसूचित कर दिया है ,अपील सुनवाई के लिए कॉमर्शियल हाईकोर्ट बेंच में होने का नियम है ,,,कॉर्मशियल कोर्ट के गठन से कोटा सहित सभी ज़िलों में अफरा तफरी का माहौल रहेगा ,,वैसे ही राजस्थान में मुक़दमो की अनुपातिक संख्या और विशेष अधिनियमों की विशिष्ठ न्यायलयों की बाध्यता के चलते ,,अदालतों की कमी है ,,ऐसे में एक और जिला विशिष्ठ कॉमर्शियल कोर्ट ,,कर्मचारियों से लेकर ,,बैठने के स्थान और दूसरे मामलो की सुनवाई के सामंजस्य में परेशानियां पैदा करेंगे ,,कोटा में वर्तमान में ऐ डी जे कर्म एक के पास विशेष विद्युत अदालत के अलावा कई सेशन मामलो ,,अपीलों ,,निगरानी की सुनवाई थी ,,पहले ही एस सी एस टी विशिष्ठ न्यायालय ,,पोस्को एक्ट की अदालत एक ही चल रही है ,अब विद्युत अदालत की सुनवाई इसके द्वारा की जायेगी इसका निर्धारण होगा ,,फिर पत्रावलियां ट्रांसफर होंगी ,,,दी कॉमर्शियल कोर्ट्स ,,कॉमर्शियल डिवीज़न ऐंड कॉमर्शियल अपीलेट डिवीज़न ऑफ़ हाईकोर्ट एक 2015 विशेष अधिनियम है जो 31 दिसम्बर 2015 को ड्राफ्टेड होकर 1 जनवरी 2016 शुक्रवार को राजकीय गज़ट में प्रकाशित कर लागु किया गया है ,,,उक्त विशेष क़ानून के विधिक प्रावधान के तहत व्यवसायिक मामलो ,,लेन देन ,,ऋण वसूली ,,किसी भी संविदा के उल्न्न्घन पर ,या किसी भी व्यवसायिक विवाद को लेकर जो भी सुनवाई होगी वोह विशिष्ठ कॉमर्शियल कोर्ट्स में होंगी ,,ऐसे में कोटा ज़िले की सभी अदालतों में विचाराधीन इस तरह के सभी मामले केंद्रीकृत होकर जिला मुख्यालय विशिष्ठ कोर्ट में ट्रांसफर होने से क्षेत्रीय अदालतों के ऐसे सभी मामले जिला मुख्यालय विषिठ कोर्ट में आ जाएंगे ,,कॉमर्शियल कोर्ट की सुनवाई की परिभाषा में आने वाले हज़ारो मामले सिर्फ एक अदालत में आने से मुक़दमो की संख्या बढ़ जाने से अदालत पर काम का बोझ बढ़ जाएगा ,,एक तरफ पुरे ज़िले में खासकर बढे ज़िलों में सिर्फ एक कॉमर्शियल कोर्ट होने से हज़ारो की तादाद में मामले सुनवाई के लिए होंगे ,,दूसरी तरफ विशिष्ठ अधिनियम की धारा 15 के प्रावधान के तहत बनाई गयी जिला कोर्ट को ,,सिविल प्रक्रिया संहिता सहित सुनवाई प्रक्रिया बनाने के विशेषाधिकार दिए है ,जबकि सुनवाया ,,जवाब ,,समझाइश ,इंकार ,,,साक्ष्य ,,जिरह को लेकर विशेष प्रावधान और समय सीमा निर्धारित की गयी है ,,ऐसे में जब अदालत में मुक़दमो का अम्बार होगा ,,तात्कालिक सुनवाई के मामले पेश होंगे ,,तलबी ,,,,इलेक्ट्रॉनिक तलबी ,,साक्ष्य ,,सुनवाई को लेकर ,,एक अनार सो बीमार वाली स्थिति हो जाने से सुनवाई तो प्रभावित रहेगी ,,साथ ही गुणवत्ता भी प्रभावित होगी ,,,राजस्थन के कॉमर्शियल ट्रांसेक्शन ,,कॉमर्शियल विवादों के ज़िलों में विचाराधीन मुक़दमो की संख्या के हिसाब से आवश्यकता पढ़ने पर अतिरिक्त विशेष कॉमर्शियल कोर्ट नहीं खोली गयी तो फिर प्रकरण स्थांनांतरण का माहौल होगा ,,,राजस्थान कोर्ट मैनेजमेंट को अगर हम ,देखे ,तो पारिवारिक न्यायालय ,,मोटर यान दुर्घटना मामले ,,,उपभोक्ता मामलों की कोर्ट की सुनवाई तो अलग है ,,मोटरयान दुर्घटना मामले में तो एकल जज की सुनवाई है जबकि ट्रिब्यूनल में अन्य सदस्यों का भी प्रावधान है ,,,,इधर चेक अनादरण मामलों की विशेष अदालते ,,घरेलु हिंसा मामलों की सुनवाई सहित कई विशेष अधिनियम के मुक़दमो की संख्या और अदालतों की कमी के कारण लिखित क़ानून के बाद भी निर्धारित समयावधि तो दूर ,उससे दो गुने वक़्त में भी लोगो को न्याय नहीं मिल पा रहा है ,,,,खेर इस तरह की अदालतों के गठन से वकीलों को कॉमर्शियल मामलो की सुनवाई को लेकर विशेषग्यता और लेटेस्ट क़ानून को लेकर अपडेट रहने का मौक़ा भी मिलेगा ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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